संतुलित आहार का महत्त्व लिखिए।
संतुलित आहार का महत्त्व लिखिए।
अथवा
संतुलित आहार का स्वास्थ्य प्रोग्राम में महत्त्व का उल्लेख कीजिये ।
उत्तर— संतुलित आहार का महत्त्व—संतुलित आहार का महत्त्व निम्नलिखित प्रकार हैं—
(1) ऊर्जा की आवश्यकता पूर्ति – शरीर को गतिशील व सक्रिय रहने के लिए वांछित ऊर्जा एवं संतुलित आहार की आवश्यकता पड़ती है। विभिन्न क्रियाओं और गतिविधियों में नष्ट हुई ऊर्जा को शरीर भोजन द्वारा पुन: ग्रहण कर लेता है। यह कार्य पौष्टिक आहार द्वारा भी सम्भव है।
(2) सामान्य तापक्रम बनाए रखने में सहायक – सामान्य पौष्टिक आहार शरीर का सामान्य तापक्रम बनाए रखने में सहायक होता है। सामान्य तापक्रम स्वस्थ शरीर के लिए 37 सैंटीग्रेड होता है।
(3) निर्माण कार्य – शरीर के विकास के लिए निर्माण क्रिया शरीर में चलती रहती है। पौष्टिक भोजन हमारी हड्डियों, दाँतों, मांसपेशियों कोमल तन्तुओं, रक्त एवं अन्य द्रवों का निर्माण करता है ।
(4) मरम्मत कार्य – शरीर के निर्माण के साथ-साथ टूट-फूट का कार्य निरन्तर चलता रहता है। कोशिकाएँ मरती रहती हैं और उनका नवनिर्माण भी साथ-साथ होता रहता है। पौष्टिक भोजन टूटे हुए तन्तुओं की मरम्मत व नवनिर्माण के लिए सामग्री प्रदान करता है ।
(5) शारीरिक प्रक्रियाओं को नियन्त्रित करना – कार्बोहाइड्रेट को छोड़कर पोषक तत्त्व प्रक्रिया को नियमित करने में योगदान देते हैं? जैसे— रक्त का संचार, द्रव्यों का संचालन, पित्त में सन्तुलन, रक्त का जमाव, एंजाइम को क्रियाशील करने, तापमान को सामान्य बनाने आदि ।
(6) सामाजिक उपयोगिता – भोजन शरीर के लिए तो आवश्यक है ही, यह सामाजिक सम्बन्धों से भी निकटता स्थापित करने में सहायक होता है। विभिन्न सामाजिक अवसरों पर आयोजित भोज, विवाह शादी में भोज आदि द्वारा यह प्रक्रिया चलती रहती है ।
(7) मनोवैज्ञानिक उपयोगिता – भावना प्रकट करने के लिए अहम को शान्त करने के लिए, खुशी या प्रसन्नता प्रकट करने के लिए भी विभिन्न प्रकार के भोजन का प्रयोग किया जाता है। जैसे कोई अपनी पाक निपुणता दिखाना चाहता है, कोई भोज द्वारा अपनी खुशी व्यक्त करता है आदि।
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