सकारात्मक एवं नकारात्मक आकांक्षाओं को समझाइये ।

सकारात्मक एवं नकारात्मक आकांक्षाओं को समझाइये ।

उत्तर— सकारात्मक विचार ही सफलता के द्योतक होते हैं। इसे ही सफलता की अद्वितीय पूँजी माना है। अतः अपने मस्तिष्क में सकारात्मक विचारों व आकांक्षाओं को जन्म देना अनिवार्य होता है। सकारात्मक आकांक्षाओं से ही व्यक्ति के अन्दर उत्साह का जन्म होता है तथा व्यक्ति की कार्यकुशलता उत्पन्न होती है। अतः सकारात्मक आकांक्षाओं की व्यक्ति के जीवन में स्वयं को खोजने व पहचानने में महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
इसके विपरीत नकारात्मक विचार या आकांक्षाएँ एक ऐसे विष की भाँति हैं, जो व्यक्ति की रचना शक्ति, जीवनोत्साह तथा सदाचार का क्षरण करते हैं। स्वयं को खोजने में बाधा उत्पन्न करते हैं तथा व्यक्ति को रोग शय्या तक पहुँचा देते हैं। अतः सिर्फ सकारात्मक विचारों व आकांक्षाओं का ही मस्तिष्क में सदुपयोग किया जाना चाहिए, ताकि स्वयं की खोज की प्राप्ति हो सके ।
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