समावेशी शिक्षा के क्षेत्र को संक्षेप में समझाइये ।
समावेशी शिक्षा के क्षेत्र को संक्षेप में समझाइये ।
उत्तर – समावेशी शिक्षा के क्षेत्र को निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है—
(1) समावेशी बालकों की समस्याओं का अध्ययन – यह समावेशी शिक्षा का विशाल क्षेत्र है। जिसके अन्तर्गत समावेशी बालकों अर्थात् शारीरिक, मानसिक अथवा बौद्धिक रूप से विकृत बालकों की समस्याओं का गहन रूप से अध्ययन किया जाता है। जैसे— मूक बधिर बालकों के लिए अध्ययन द्वारा नवीन तकनीकों को खोजा जाता है। इसी प्रकार अन्य विसंगतियों से ग्रसित बालकों की समस्या की जानकारी तथा उनसे उपायों का अध्ययन समावेशी शिक्षा के अन्तर्गत आता है।
(2) समावेशी बालकों का सर्वांगीण विकास – समावेशी शिक्षा का क्षेत्र बालकों के शैक्षिक विकास तक ही सीमित नहीं है अपितु यह बालक के सामाजिक, व्यावहारिक तथा व्यावसायिक तथा शारीरिक विकास के लिए भी उत्तरदायी है जिसके द्वारा बालक का सर्वांगीण विकास सम्भव है। समावेशी शिक्षा बालक की शिक्षा के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यन्त प्रयासरत है जिसके द्वारा शिक्षा को उन्नत बनाया जा सके।
शिक्षा के मात्र एक पक्ष का विकास कर शैक्षिक विकास की संकल्पना को पूर्ण नहीं किया जा सकता। इसके लिए समावेशी शिक्षा के विकास द्वारा ही चहुँमुखी विकास सम्भव हो सकेगा।
(3) समावेशी बालकों की समस्याओं के सम्बन्ध में अनुसंधान – समावेशी बालकों की समस्याओं का अध्ययन करने के पश्चात् उन समस्याओं का निराकरण करने के लिए अनुसंधान की आवश्यकता होती है जिनका परिणाम बालकों के लिए सकारात्मक होता है। इस प्रकार समावेशी बालकों की समस्याओं का निदान अनुसंधान द्वारा ही सम्भव है।
(4) बालकों की सहायता हेतु रणनीतियाँ तैयार करना– समावेशी बालकों की सहायता हेतु कई पूर्व नियोजित योजनाएँ कार्यरत हैं जैसे—स्पेशल स्कूल, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतिस्पर्धा आदि। इसका विस्तार घर में माता-पिता की शिक्षा से लेकर उनके विभिन्न रणनीतियों तथा शिक्षण-अधिगम विधियों को तैयार करना सम्मिलित है। इस प्रकार इसका विस्तार समावेशी बालकों के घर से प्रारम्भ होकर देश के निर्माण एवं विकास तक है ।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here