‘स्व’ को आकार देने में मीडिया की भूमिका बताइये ।

 ‘स्व’ को आकार देने में मीडिया की भूमिका बताइये । 

                                       अथवा

“मीडिया स्वयं को उभारने के लिहाज से महत्त्वपूर्ण कार्यकर्त्ता है।” इस पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर— वर्तमान युग संचार का युग है। संचार वह व्यवस्था या प्रक्रिया है, जिससे आदेश, सूचनाएँ, विचार, प्रश्न, स्पष्टीकरण आदि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुँचाए जाते हैं। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि संचार मानवीय संसाधनों के बीच होने वाली क्रियाप्रतिक्रिया है। जब यह क्रिया-प्रतिक्रिया व्यवस्थित रूप से होती है, इसका एक निश्चित स्वरूप हो जाता है। यह निश्चित स्वरूप औपचारिक संस्थाओं में देखने को मिलता है। जब यह क्रिया-प्रतिक्रिया स्वाभाविक एवं अप्रत्यक्ष रूप से होती है, तब इसका स्वरूप अनौपचारिक साधनों में देखने को मिलता है।
सामान्य रूप से ‘संचार माध्यमं’ का अभिप्राय ऐसे अभिकरण से है, जिनके प्रयोग से विभिन्न प्रकार की सूचनाएँ, स्पष्टीकरण, प्रश्न आदि को दूर-दराज के क्षेत्रों में लगभग प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाने का प्रयास किया जाए। इस प्रकार के साधन हैं— रेडियो, दूरदर्शन, समाचार पत्र, पत्रिकाएँ आदि ।
आज भी मीडिया की ताकत के सामने बड़े से बड़ा राजनेता, उद्योगपति आदि सभी सिर झुकाते हैं। मीडिया का जन-जागरण में भी बहुत योगदान है। बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का अभियान हो या एड्स के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य, मीडिया ने अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाई है। लोगों को वोट डालने के लिए प्रेरित करना, बाल मजदूरी पर रोक लगाने के लिए प्रयास करना, धूम्रपान के खतरों से अवगत कराना जैसे अनेक कार्यों में मीडिया की भूमिका सराहनीय है। मीडिया समय-समय पर नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करता रहता है। देश में भ्रष्टचारियों पर कड़ी नजर रखता है। समय-समय पर स्टिंग ऑपरेशन कर भ्रष्टाचारियों का काला चेहरा दुनिया के सामने लाता है। इस प्रकार मीडिया हमारे लिए एक वरदान की तरह है।
स्व को आकार देने में मीडिया की भूमिका – संचार माध्यम सामान्य रूप से सूचना देने व लेने की एक प्रक्रिया अथवा सामग्री है। संचार माध्यम न केवल शिक्षा का माध्यम है अपितु स्व के निर्माण में भी सहायक है। संचार माध्यम का महत्त्व निम्नलिखित हैं—
(1) संचार माध्यम द्वारा हम बालक को स्व विकास हेतु प्रशिक्षण दिया जा सकता है ।
(2) वह बालक के समाजीकरण के लिए आवश्यक है। नवीन
(3) देश-विदेशों के ज्ञान से अवगत कराता है ।
(4) संचार माध्यम बालक को एवं स्वच्छ छवि बनाने में सहायक है।
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