अधातुओं के रासायनिक गुणधर्मों को लिखें।

अधातुओं के रासायनिक गुणधर्मों को लिखें।

उत्तर ⇒ अधातुएँ इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण कर ऋणायन बनाता है।
Cl + e → Cl
O + 2e → O2-
S + 2e → S2-

(a) ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया – अधातुएँ ऑक्सीजन से संयोग कर ऑक्साइड बनाती हैं। इनके ऑक्साइड अम्लीय अथवा उदासीन होते हैं। अधातुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी होती है और अधातु ऑक्साइड बनाते हैं। अतः इन्हें सहसंयोजी यौगिक कहते हैं।
C(s) + O 2(g) → Co2(g)
S(s) + O 2(g) → SO2(g)

Co2 और SO2 दोनों ही अम्लीय ऑक्साइड है अतः ये जल में घुलकर अम्ल बनाते हैं।
CO2 + H2O → H2CO3
 कार्बनिक अम्ल
So2 + H2O → H2SO3
 सल्फ्यूरसअम्ल

CO एवं N2O उदासीन ऑक्साइड के उदाहरण हैं। लिटमस पत्रों के प्रति उदासीन हैं।

(b) अम्लों के साथ अभिक्रिया – अधातुएँ तनु अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करती हैं। तनु अम्लों से अधातुओं द्वारा हाइड्रोजन तभी विस्थापित हो सकती है जब अभिक्रिया द्वारा उत्पन्न प्रोटॉनों (H +) को इलेक्ट्रॉनों की पूर्ति की जाए।

H2SO4 (aq.) → 2H + (aq.) + SO42 (aq.)
2H + (aq.) + 2e  → H2(g)

अधातुएँ इलेक्ट्रॉन ग्राही होती हैं। इनके द्वारा प्रोटॉनों (H +) को इलेक्ट्रॉनों की पूर्ति नहीं हो सकती है। अतः अधातुएँ तनु अम्लों से हाइड्रोजन को विस्थापित नहीं कर सकती है।

(c) क्लोरीन के.साथ अभिक्रिया – अधातुएँ क्लोरीन के साथ अभिक्रिया करके सहसंयोजी क्लोराइड निर्मित करती है। सहसंयोजी क्लोराइड सामान्यतः वाष्पशील द्रव अथवा गैस होती है। जैसे—फॉस्फोरस क्लोराइड।
P4(s) + 6Cl2(g) → 4PCI3 (g)
फॉस्फोरस ट्राइक्लोराइड

(d) हाइड्रोजन के साथ अभिक्रिया – अधातुएँ हाइड्रोजन के साथ संयुक्त होकर हाइड्राइड प्रदान करती हैं। जैसे अमोनिया (NH3), मिथेन (CH 4), हाइड्रोजन सल्फाइड (H 2S), जल (H 2O) इत्यादि।
इनके यौगिक स्थायी होते हैं जो अधातु एवं हाइड्रोजन परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉन युग्म के सहभाजन के फलस्वरूप प्राप्त होते हैं।
N2(g) + 3H 2(g) → 2NH3(g)
H2(g) + S(s) → H2S(g)


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