अध्यापक के लिए चिन्तनशील अभ्यास की आवश्यकता एवं महत्त्व को समझाइये ।
अध्यापक के लिए चिन्तनशील अभ्यास की आवश्यकता एवं महत्त्व को समझाइये ।
उत्तर— चिन्तनशील अभ्यास की आवश्यकता एवं महत्त्ववह व्यक्ति है जो छात्र को अन्धकार से ज्ञान के उजाले में ले जाने के लिए मार्गदर्शन करता है। एक शिक्षक अपनी छाप छात्रों पर अपने पढ़ाने के शब्दों से, व्यवहार शिक्षक स्वयं की क्रियाओं से छोड़ता है। यह सब तभी सम्भव है, जबकि अध्यापक एक चिन्तनशील परावर्तक बने। अतः प्रत्येक अध्यापक को चिन्तनशील अभ्यास का ज्ञान होना चाहिए तथा इससे प्राप्त होने वाले लाभ एवं हानि की जानकारी होनी चाहिए।
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