अनुभवजन्य ज्ञान और प्रकाशित ज्ञान में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।

अनुभवजन्य ज्ञान और प्रकाशित ज्ञान में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर- अनुभवजन्य ज्ञान एवं प्रकाशित ज्ञान में निम्न अन्तर है—
अनुभवजन्य ज्ञान
(1) अनुभवजन्य ज्ञान में विश्वास निहित होता है।
(2) अनुभवजन्य ज्ञान भौतिक इंद्रियों द्वारा प्राप्त किया जाने वाला ज्ञान है।
(3) यह ज्ञान स्वीकार करता है कि अप्रत्यक्ष अनुभव भी वैध तथा वस्तुनिष्ठ होते हैं।
(4)अनुभवजन्य ज्ञान के औचित्य के लिए प्रमाणों की आवश्यकता होती है।
(5) अनुभवजन्य ज्ञान के परिणाम स्वरूप वैज्ञानिक ज्ञान प्राप्त होता है।
प्रकाशित ज्ञान
(1) प्रकाशित ज्ञान में प्रेरणा निहित होती है।
(2)प्रकाशित ज्ञान में वह ज्ञान शामिल है जो व्यक्ति के मानसिक विकास द्वारा प्राप्त किया जाता है।
(3)यह ज्ञान धार्मिक अनुभव की वैधता एवं वस्तुनिष्ठता को स्वीकार करता है।
(4) इसमें प्रमाणों की खोज में प्राप्त होने वाले निष्कर्ष सम्मिलित होते हैं।
(5) इस ज्ञान के अभ्यास के परिणामस्वरूप धार्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *