अभिलेख संरक्षण तथा रखरखाव की आवश्यकता एवं महत्त्व पर विस्तार से लिखिये ।
अभिलेख संरक्षण तथा रखरखाव की आवश्यकता एवं महत्त्व पर विस्तार से लिखिये ।
अथवा
रिकॉर्ड रखना एवं रखरखाव पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये ।
अथवा
विद्यालय अभिलेखों से आप क्या समझते हैं ? अभिलेख संरक्षण तथा रख-रखाव की आवश्यकता पर विस्तार से लिखिये |
अथवा
अभिलेख संरक्षण का महत्त्व लिखिये ।
उत्तर— अभिलेख संरक्षण एवं रखरखाव से तात्पर्य — अभिलेख संरक्षण से तात्पर्य समस्त प्रकार के आवश्यक आयोजनों, दस्तावेजों, फाइल, चालान इत्यादि तथा किसी कम्पनी या संगठन की गतिविधियों से सम्बन्धित तथ्यों का भण्डारण एवं संरक्षण तथा उचित रख-रखाव से हैं।
विद्यालयों में अभिलेख संरक्षण से अभिप्राय विद्यालय में अध्ययनरत् छात्रों की व्यक्तिगत सूचना से है जिसमें उनकी जीवनी डाटा, सम्पर्क, सूचना, शैक्षिक प्रगति एवं परिवर्तन, उपस्थिति, अनुशासन एवं स्वास्थ्य से सम्बन्धित तथ्यों को सम्मिलित किया जाता है। ये अभिलेख न केवल छात्रों के सम्बन्ध में सूचना देते हैं बल्कि ये विद्यालय के मूल्यांकन तथा अनुदान देने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अभिलेख संरक्षण की आवश्यकता – प्रभावी विद्यालय प्रशासन के भाग के रूप समस्त विद्यालयी क्रियाओं का अभिलेख संरक्षण आवश्यक होता है। रिकॉर्ड रखना एवं उनका प्रबन्धन स्कूल प्रशासन का महत्त्वपूर्ण उत्तरदायित्व होता है क्योंकि विद्यालय की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में रिकॉर्ड एवं सूचनाओं की अनिवार्य भूमिका होती है ।
ओसाक्वे के अनुसार, “स्कूल रिकॉर्ड आधिकारिक दस्तावेज हैं। पुस्तकों एवं फाइलों में आवश्यक एवं महत्त्वपूर्ण क्रियाओं एवं घटनाओं की सूचनाएँ रहती हैं जिनकी विद्यालय कार्यालय में आवश्यकता होती है आवश्यकता के अनुसार ही इनका उपयोग एवं पुनः प्राप्ति की जाती है।”
स्कूल प्रबन्धक कम और अधिक अवधि के आँकड़े, तत्काल नीतियों एवं प्रभावी निर्णय लेने के विषय रिकॉर्ड में रखते हैं ।
इस प्रकार के रिकॉर्ड प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, सलाहकारों एवं प्रशासनिक कर्मचारियों द्वारा रखा जाता है ।
शासकीय पारदर्शिता आँकड़ों का संरक्षण उचित नीतियों का निर्माण संसाधनों के उचित इतिहास का ज्ञान तथा वितरण के लिए अभिलेख संरक्षण अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं । रिकॉर्ड रखना साधारणतया प्रशासनिक गतिविधियों का मामला है जो कि प्रायः शैक्षिक संस्थाओं आदि से सम्बन्धित विभिन्न क्रियाओं का विवरण रखता है। ।
अभिलेख संरक्षण का महत्त्व—
(1) निर्देशन परामर्श – विद्यालय निर्देशन परामर्शकर्ता हेतु यह आँकड़े अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं क्योंकि ये अभिलेख परामर्शदाता को छात्र की छवि की प्रस्तुत करने (शैक्षिक ग्रेड एवं उपलब्धियों, अनुशासनात्मक उपाय या गतिविधियों) एवं छात्र प्रगति का अनुसरण करने में सहायता करते हैं ।
(2) योजना – उचित आँकड़े शैक्षिक योजनाकारों की आवश्यक क्षेत्रों की पहचान करने में सहायक होते हैं जिससे कि सम्बोधित या सहमति प्राथमिकता पर ध्यान दिए जाने चाहिए।
(3) रोजगार – मानव संसाधन पर उचित रूप से अभिलेख रखना रोजगार एवं उद्देश्य सम्बन्धी योजना के लिए उपयोगी होता हैं। कर्मचारियों की संख्या, विशेष योग्यता, आयु, लिंग के अपने क्षेत्रों तथा मानव संसाधन एवं विद्यालय सम्पत्ति की आवश्यकताओं को निश्चित करने में अभिलेख सहायक होते हैं। कर्मचारियों के विषय में उचित जानकारी उसके प्रदर्शन के मूल्यांकन हेतु प्रयोग की जा सकती है।
(4) पर्यवेक्षक / निरीक्षक – अभिलेखों की उपलब्धता पर्यवेक्षकों/ निरीक्षकों को उद्देश्यपूर्ण रूप से छात्रों एवं शिक्षकों के प्रदर्शन को आँकने में सक्षम बनाते हैं तथा सुधार के लिए सुझाव एवं प्रस्ताव देते हैं ।
(5) माता-पिता हेतु सूचना – माता-पिता जानना चाहते हैं कि उनके बच्चों का शैक्षिक प्रदर्शन कैसा है ? अतः विद्यालय में छात्र सम्बन्धी अभिलेख जैसे रिपोर्ट कार्ड/समाप्त सत्र परिणाम आदि रखे जाने चाहिए जिससे माता-पिता की इच्छा पर वे पुराने छात्रों की समीक्षा कर सकें। इन समस्त सूचनाओं को उपलब्ध कराने में अभिलेख महत्त्वपूर्ण होते हैं।
(6) निर्णय लेने में – विद्यालय अभिलेख प्रशासकों को निर्णय लेने में मदद करते हैं। अभिलेख प्राकृतिक आँकड़े उपलब्ध कराते हैं जो प्रोन्नति पर आधारित सन्तुलित एवं उद्देश्यपूर्ण निर्णय, छात्र एवं कर्मचारी अनुशासन एवं शिक्षण अधिगम प्रदर्शन को सुसंगत एवं निर्णय लेने में सहायता करते हैं।
(7) सूचना बैंक – विद्यालय अभिलेख प्रायः एक सूचना बैंक की तरह होते हैं जहाँ से जैसी आवश्यकता हो विद्यालय प्रशासन सूचनाएँ प्राप्त कर सकते हैं ।
(8) जवाब देही – आलेख रखना शैक्षिक प्रणाली की जानकारी के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि कुशल जानकारी एवं संग्रह की प्रक्रिया में इसकी मौलिक भूमिका होती है। विद्यालय अभिलेख जवाबदेही का एक महत्त्वपूर्ण साधन है क्योंकि ये विभिन्न साक्ष्य प्रदान करते हैं। इस तरह के अभिलेख जैसे- कैश बुक एवं भण्डार पुस्तक से सम्बन्धित जवाबदेही । इससे वे आय खर्च एवं भण्डारण स्तर को दिखाते हैं। रिकॉर्डों के द्वारा ही कोई व्यक्ति इन तथ्य के प्रति जवाबदेह बनता है।
(9) छात्र की शैक्षिक उपलब्धि एवं व्यवहार–छात्र ने स्नातक अध्ययन के दौरान कैसा प्रदर्शन किया इसके लिए उन्हें प्रमाण-पत्र एवं प्रशंसापत्र दिए जाते हैं। उचित प्रकार से रखे गए आँकड़े प्रमाणपत्र/ प्रशंसापत्रों के माध्यम से उचित उत्पादन में पर्याप्त रूप से सहायक हो सकते हैं।
उपर्युक्त तथ्यों के विश्लेषण के आधार पर ये कहा जा सकता है कि प्रलेखन, अभिलेख संरक्षण तथा रख-रखाव के बहुत से लाभ हैं। इनके माध्यम से छात्रों, शोधार्थियों को विभिन्न प्रकार की जानकारियाँ प्राप्त होती हैं तथा वे इनके विश्लेषण द्वारा उन दिए हुए तथ्यों को बाहर लाते हैं जिन्हें जन साधारण साधारणतया समझ नहीं पाता है। इसके साथ ही अभिलेखों के ही आधार पर ये जानकारी प्राप्त होती है कि देश में कौन-कौनसे संसाधन हैं तथा उनका वितरण किस प्रकार से किया जाए। इसके अतिरिक्त देश में नए विधान बनाने के समय उपलब्ध अभिलेख बहुत सहायक सिद्ध होते हैं। इस प्रकार से स्पष्ट है कि अभिलेख प्रत्येक क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अतः विद्यालय में विभिन्न अभिलेखों को रखने का अत्यन्त महत्त्व है।
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