असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन के स्वरूप में क्या अंतर था ? महिलाओं की सविनय अवज्ञा आंदोलन में क्या भूमिका थी ?

असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन के स्वरूप में क्या अंतर था ? महिलाओं की सविनय अवज्ञा आंदोलन में क्या भूमिका थी ?

उत्तर ⇒ असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन के स्वरूप में काफी विभिन्नता थी। असहयोग आंदोलन में जहाँ सरकार के साथ असहयोग करने की बात थी, वहीं सविनय अवज्ञा आंदोलन में न केवल अंग्रेजों का सहयोग न करने के लिए बल्कि औपनिवेशिक कानूनों का भी उल्लंघन करने के लिए आह्वान किया जाने लगा। असहयोग आंदोलन की तुलना में सविनय अवज्ञा आंदोलन काफी व्यापक जनाधार वाला आंदोलन साबित हुआ।
सविनय अवज्ञा आंदोलन में पहली बार महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। वे घरों की चारदीवारी से बाहर निकलकर गांधीजी की सभाओं में भाग लिया। अनेक स्थानों पर स्त्रियों ने नमक बनाकर नमक कानून भंग किया। स्त्रियों ने विदेशी वस्त्र एवं शराब के दुकानों की पिकेटिंग की। स्त्रियों ने चरखा चलाकर सूत काते और स्वदेशी को प्रोत्साहन दिया। शहरी क्षेत्रों में ऊँची जाति की महिलाएं आंदोलन में सक्रिय थीं तो ग्रामीण इलाकों में संपन्न परिवार की किसान स्त्रिया।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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