आघातवर्थ्य तथा तन्य का अर्थ बताइए।

आघातवर्थ्य तथा तन्य का अर्थ बताइए।

उत्तर⇒ कुछ धातुओं को पीटकर उनके चद्दर बनाए जाते हैं। इस गुणधर्म का आघातवर्थ्यता कहते हैं और धातु आघातवर्ध्य कहलाती है। किसी धातु के पतले तार खींचे जा सकते हैं। धातुओं के इस गुणधर्म को तन्यता कहते हैं तथा धातु तन्य कहलाती है। एक ग्राम सोने से 2 किमी लंबा तार बनाया जा सकता है।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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