आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा मेंडलीफ की आवर्त सारणी की विसंगतियों का निवारण कैसे किया गया है ?

आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा मेंडलीफ की आवर्त सारणी की विसंगतियों का निवारण कैसे किया गया है ?

उत्तर⇒ आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा मेंडलीफ की आवर्त सारणी की विसंगतियों का निवारण (farginferent ara farur (Removal of anomalies of Mendeleev’s periodic table by Modern periodic table)-आधुनिक आवर्त नियम के प्रतिपादन से मेंडलीफ की आवर्त सारणी के अधिकांश दोष दूर हो गये जबकि मेंडलीफ की आवर्त सारणी के तत्त्व आधुनिक आवर्त सारणी में ठीक उसी जगह पर हैं। जैसे कोबाल्ट (Co) का परमाणु संख्या 27 एवं निकेल (Ni) का परमाणु संख्या 28 है। इसलिए आधुनिक आवर्त सारणी में कोबाल्ट को पहले रखा गया और निकेल को बाद में रखा गया।

किसी तत्त्व के सभी समस्थानिकों में प्रोटॉनों की संख्या समान होती है इसलिए उनके परमाणु संख्या भी समान होते हैं। अतः एक तत्त्व के सभी समस्थानिकों (जैसे—क्लोरीन के समस्थानिक CI-35 और C1-37) को तत्त्व के साथ आधुनिक आवर्त सारणी के उसी समूह में एक ही स्थान पर रखा गया।

तत्त्व की परमाणु संख्या एक पूर्ण संख्या होती है, जैसे—1, 2, 3, …… इत्यादि। अतः यदि किसी तत्त्व की परमाणु संख्या पूर्णांक
जैसे—1.5, 2.5, 3.5, …… इत्यादि हो, तो उसे आधुनिक आवर्त सारणी में स्थान मिलना संभव नहीं होगा।
हाइड्रोजन (H) विद्युत धनात्मक तत्त्व है और इसके गुण क्षारीय धातुओं के समान है। अतः हाइड्रोजन को आधुनिक आवर्त सारणी में प्रथम आवर्त एवं प्रथम समूह में रखा गया है।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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