आनुवंशिक विभिन्नता के स्रोतों का वर्णन करें।

आनुवंशिक विभिन्नता के स्रोतों का वर्णन करें।

उत्तर ⇒ जीवों में आनुवंशिक विभिन्नता उत्परिवर्तन के कारण होता है तथा नई जाति (species) के विकास में इसका योगदान हो सकता है । क्रोमोसोम पर स्थित जीन की संरचना तथा स्थिति में परिवर्तन ही उत्परिवर्तन के कारण है । आनवंशिक विभिन्नता का दूसरा कारण है आनुवंशिक पुनर्योग (genetic recombination) भी है। आनुवंशिक पुनर्योग के कारण संतानों के क्रोमोसोम में जीन के गुण (संरचना तथा ‘क्रोमोसोम पर उनकी स्थिति) अपने जनकों के. जीन से भिन्न हो सकते हैं । अतः उत्परिवर्तन तथा आनुवंशिक पुनर्योग जीव में नए गुणों की उत्पत्ति के कारण हो सकते हैं । ऐसे नए गण जीवों को अपने वातावरण के अनसार अनुकूलन में सहायक हो सकते हैं । कभी-कभी ऐसे नए गण जीवों को वातावरण में अनुकूलित होने में सहायक नहीं भी होते हैं । ऐसी स्थिति में आपसी स्पर्धा, रोग इत्यादि कारणों से वैसे जीव विकास की दौड में विलप्त हो जाते हैं । बचे हुए जीव ऐसे लाभदायक गुणों को अपने संतानों में संचरित करते हैं। इस तरह प्रकृति नए गुणों वाले जीवा का चयन कर लेती है तथा कुछ को निष्कासित कर देती है । प्राकृतिक चयन (natural selection) द्वारा नए गुणों वाले जीवों का विकास इसी प्रकार होता है।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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