ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोतों का उल्लेख करें और यह बताएँ कि भारत इस दिशा में किस तरह आगे बढ़ रहा है ?

ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोतों का उल्लेख करें और यह बताएँ कि भारत इस दिशा में किस तरह आगे बढ़ रहा है ?

उत्तर ⇒ ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोतों में –

(i)पवन ऊर्जा, (ii) ज्वारीय ऊर्जा, (i) सौर-ऊर्जा, (iv) भूताप ऊर्जा एवं (v) जैव पदार्थ ऊर्जा आते हैं। ऊर्जा विशेषज्ञों के अनुसार, गैर-परंपरागत ऊर्जा से भारत 95,000 मेगावाट बिजली उत्पन्न कर सकता है। अभी इस दिशा में कुछ का ही उपयोग किया जा रहा है।

पवन ऊर्जा- पवन चक्की द्वारा भूमिगत जल निकालकर देहातों में सिंचाई के अलावा पवन से विद्युत भी उत्पन्न की जाती है। उदाहरण के लिए गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, उड़ीसा में जहाँ पवन तेज गति से चला करती है। लगभग 2 हजार पवन चक्कियाँ लगाई गई हैं और 5 लाख यूनिट विद्युत उत्पन्न किया जाता है।

ज्वारीय ऊर्जा- कच्छ और खंभात की खाड़ी में जहाँ ऊँचे ज्वार उठते हैं ज्वारीय ऊर्जा उत्पन्न की जाती है।

सौर-ऊर्जा-भारत उष्णकटिबंध में स्थित होने के कारण असीम सौर ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है। अभी गुजरात में भुज के पास इसका सबसे बड़ा संयंत्र लगाया गया है। थार मरुस्थल में भी इसकी असीम सम्भावनाएँ हैं।

बायो गैस ऊर्जा- गोबर और मल-मूत्र से उत्पन्न ऊर्जा गोबर गैस संयंत्र लगाकर प्राप्त किया जा सकता हैं, इससे गाँव में विद्युत की आवश्यकता पूरी की जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *