औद्योगिकीकरण का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा ?

औद्योगिकीकरण का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा ?

उत्तर ⇒ औद्योगिकीकरण का भारत पर व्यापक पड़ा। औद्योगिकीकरण के भारत पर प्रभाव निम्नलिखित हुए –

(i) उद्योगों का विकास – औद्योगिकीकरण के विकास के पूर्व भारत मा उत्पादन का कार्य छोटे गह उद्योगों में होता था। अब उत्पादन कारखानों में होने लगा। कपड़ा बुनन, सूत कातने के लिए मिल स्थापित हुए। इस प्रकार औद्योगिकीकरण से भारतीय उद्योगों का विकास हुआ।

(ii) नगरीकरण को बढ़ावा- औद्योगिकीकरण ने नगरीकरण को बढ़ावा दिया। औद्योगिक केंद्र नगर के रूप में परिवर्तित हए। वहाँ बाहर के लोगों को आकर बसने से जनसंख्या में वृद्धि हुई। औद्योगिकीकरण के कारण पुराने नगरों जैसे बंबई, कलकत्ता की समृद्धि में वृद्धि हुई तो नए नगर भी विकसित हुए जैसे जमशेदपुर, बोकारो, सिंदरी, धनबाद, डालमियानगर इत्यादि।

(iii) कुटीर उद्योगों की अवनति – कारखानों की स्थापना ने परंपरागत कुटीर एवं लघु उद्योगों का पतन कर दिया। इसका एक मुख्य कारण था, कारखानों में उत्पादित सामान सस्ते थे जबकि कुटीर उद्योगों में उत्पादित सामान महंगे होते थे। इसलिए बाजार में इनकी माँग घट गई। सरकारी नीतियों के कारण कुटीर उद्योगों को कच्चा माल मिलना भी दुर्लभ हो गया। फलत: वे बंद प्राय हो गए।

(iv) सामाजिक विभाजन – ‘भारत में औद्योगिकीकरण के विकास के साथ ही नए-नए सामाजिक वर्गों का उदय और विकास हुआ। कल-कारखानों के विकास के कारण समाज में पूँजीपति वर्ग तथा श्रमिक वर्ग का उदय हुआ।

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