“कला समाज का दर्पण है ?” इस कंथन को स्पष्ट करते हुए कला का राष्ट्रीय एकता एवं संस्कृति को सूत्र में क्या भूमिका है ?
“कला समाज का दर्पण है ?” इस कंथन को स्पष्ट करते हुए कला का राष्ट्रीय एकता एवं संस्कृति को सूत्र में क्या भूमिका है ?
उत्तर— कला एवं समाज – क्रोसे (Croce) का मानना है कि कला किसी कलाकार के चेतन मन की क्रिया है। कलाकार अपनी कला से किसी समस्या को अभिव्यक्ति कर अपने दर्शकों, श्रोताओं से सम्बन्ध बनाता है । कलाकार अपने अनुभवों को दूसरों के सामने प्रस्तुत करता है, जिसके लिए उसे सम्प्रेषण- माध्यम की आवश्यकता होती है, कला यही माध्यम है। सामान्य रूप में कला कलाकार के संवेग है, जब संवेगों को अभिव्यक्ति होती है तो कला बन जाती है। किसी भी कलाकार से विशिष्ट संवेदना की अपेक्षा रहती है । कलाकार से यह उम्मीद रहती है कि वह समाज के सामने कुछ नया, मौलिक और अनन्य प्रकट करें। उसके द्वारा प्रकट किए गए तथ्य का प्रभाव समाज पर पड़ता है। कला और समाज के सम्बन्धों को कई संदर्भों में व्याख्यायित किया जा सकता है—
(1) समाज और कलाकार के मध्य सम्बन्ध– समाज और कलाकार के मध्य एक चुनौती रहित अन्तर्सम्बन्ध होता है । कलाकार समाज का एक सदस्य होता है, जहाँ वह जन्म लेता है और उसके जीवन की सभी अवस्थाएँ व्यतीत होती हैं और वह अपने सामाजिक वातावरण से विविध अनुभव प्राप्त करता है। कलाकार की कला का वैयक्तिक चरित्र उसके वैयक्तिक गुणों पर निर्भर होता है। अतः उसकी कला का मूल्य उसकी वैयक्तिकता, समय और परिस्थितियों पर आधारित होता है। कलाकार अपने श्रोताओं/दर्शकों से सौन्दर्यानुभूति के स्तर पर जुड़ता है, इसलिए कलाकार अपने श्रोताओं/दर्शकों के सामने दिये हुए सत्य को प्रस्तुत करने का प्रयास करता है।
(2) कला और आन्दोलन के विचार व नीतियाँ – इतिहास के. अध्ययन से पता चलता है कि कला की शक्ति समाज में परिवर्तन लाती है, विशेषकर जब किसी विचार की अभिव्यक्ति में नए मीडिया का प्रयोग किया जाता है। उदाहरणार्थ, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान खाईसंघर्ष को रिकॉर्ड करने के लिए पहली बार मूवी कैमरा का प्रयोग किया गया और जब यह फिल्म ब्रिटेन के सिनेमाघरों में दिखाई गई, दर्शक चिल्लाते हुए बाहर भागे। इसने सरकार को मजबूतर किया सेंसर नीतियाँ बनाई जाएँ। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार ने कला के प्रभाव को कितनी गहराई से लिया ।
(3) समाज का कला पर प्रभाव – समाजशास्त्री मुखर्जी के अनुसार, “प्रत्येक समाज की अपनी एक कला स्वरूप विशेषता होती है।”
सामाजिक सिद्धान्त कला के स्वरूप पर अपना प्रभाव अंकित करते हैं । सामाजिक व्यवस्था के परिवर्तन के साथ कला भी परिवर्तित होती है । अल्लमीर चित्रकला में तत्कालीन मिथों, परम्पराओं की झलक मिलती है। प्रत्येक देश में उसके सामाजिक रीति-रिवाजों, धर्म और विश्वास से वहाँ की कला प्रेरित होती है, उदाहरणार्थ – इजिप्ट के पिरामिड।
(4) कला और सामाजिक परिवर्तन– समाज की व्यवस्था में परिवर्तन ही सामाजिक परिवर्तन है। किसी भी राजनीतिक प्रभाव, दमन या संघर्ष का प्रभाव जब समाज पर पड़ता है तो सामाजिक परिवर्तन अवश्यंभावी है। कला एक मानक माप है कि उन्नति किस दिशा में हो रही है। यद्यपि समाज की मुख्य सभी कलाओं को शीघ्र स्वीकार नहीं करती, फिर भी सभी कला मानव स्थितियों की अभिव्यक्ति हैं। भूख, युद्ध या मानव संघर्ष कला के किसी भी स्वरूप से अभिव्यक्त किया गया हो, वह समाज में परिवर्तन का कारक बनता है । कलाकार वे लोग होते हैं जो अपने विचारों और प्रतिक्रिया को प्रस्तुत करते हैं।
दूसरी ओर सामाजिक परिवर्तन कला को प्रभावित करता है। आशा के गीत, सुन्दर चित्रकलाएँ आदि सामाजिक परिवर्तन के प्रभाव का उदाहरण हैं। कला और सामाजिक परिवर्तन एक-दूसरे के पूरक हैं ।
(5) कला का समाज पर प्रभाव– कुछ अभिव्यक्तियों पर सरकार समाज नियंत्रण का समर्थक होता है, उदाहरणार्थ-तस्लीमा नसरीन की पुस्तक, सलमान रश्दी की पुस्तक ।
कला समाज को बदल डालने की शक्ति रखती है। कला और मानव विज्ञान की अन्तर्क्रिया का परिणाम समाज के पटल पर दृष्टिगोचर होता है।
(6) कला और औद्योगिकीकरण– औद्योगिकीकरण समाज का आधार बन चुका है। उन्नीसवीं शताब्दी के अन्तिम दशकों में गुलाम-प्रथा और बालश्रम चरम पर था। औद्योगिकीकरण से सस्ती चीजें उपलब्ध होने लगीं। इन सस्ती चीजों के उत्पादन के लिए निर्धन परिक्षेत्रों से मजदूरों को काम पर लाना आरम्भ हुआ। ये मजदूर अमानवीय परिस्थितियों में रहकर काम करते थे। कलाकारों ने इन स्थितियों पर गौर किया और अपनी कला के माध्यम से इनकी समस्याओं, कठिनाइयों और मजबूरियों को प्रस्तुत करना आरम्भ किया। इस तरह कला ने एक व्यावसायिक स्वरूप ग्रहण कर लिया।
उपर्युक्त चर्चा से स्पष्ट है कि कला समाज का उत्पाद है, जिसकी चमक से हमारा समाज स्वयं ही प्रभावित होता है।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here