कहानी कथन विधि में क्या सावधानियाँ आवश्यक हैं?
कहानी कथन विधि में क्या सावधानियाँ आवश्यक हैं?
उत्तर— कहानी कथन विधि के प्रयोग में आवश्यक सावधानियाँ–निम्नलिखित हैं—
(1) अध्यापक को ऐतिहासिक कहानी को कभी भी पाठ्य पुस्तक से पढ़कर नहीं सुनाना चाहिए।
(2) कहानी सुनाने का उद्देश्य छात्रों को ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी देना होना चाहिए।
(3) कहानी ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित हो, केवल कल्पना प्रधान न हो।
(4) जिस ऐतिहासिक तथ्य से कहानी सम्बन्धित हो, उसके विषय में अध्यापक को पूर्ण जानकारी होनी चाहिए ।
(5) कहानी बोलचाल की सरल भाषा में ही सुनायी जाये ।
(6) कहानी के मध्य में सहायक सामग्री का भी प्रयोग किया जा सकता है।
(7) कहानी की मुख्य बातों को श्यामपट्ट पर व्यवस्थित रूप से लिख दिया जाना चाहिए।
(8) माध्यमिक स्तर के छात्रों की रुचि का ध्यान रखते हुए कहानी के प्रसंगों का चयन किया जाए। इस स्तर के छात्रों को परियों की कहानी सुनाई जाए।
(9) इस विधि का प्रयोग करते समय शिक्षक को संवादों के उतार-चढ़ाव एवं पात्रों के हाव-भाव के अनुसार ही कथन करना चाहिए।
(10) कहानी के मध्य में छात्रों की रुचि को जाग्रत करने के लिए शिक्षक को कहानी के मध्य में प्रश्न भी पूछ लेने चाहिए ताकि छात्रों की कल्पना एवं चिंतन शक्ति का विकास हो सके।
(11) कहानी को स्वाभाविक ढंग से रुचिकर बनाया जाए, उसमें कृत्रिमता नहीं होनी चाहिए।
(12) प्रसंग से सम्बन्धित छोटी-छोटी कहानियाँ भी उसमें सम्मिलित कर देनी चाहिए ताकि छात्रों की जिज्ञासा वृत्ति जाग्रत होती रहे ।
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