कहानी शिक्षण के उद्देश्य एवं महत्त्व को विस्तार से स्पष्ट कीजिए।
कहानी शिक्षण के उद्देश्य एवं महत्त्व को विस्तार से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर— कहानी शिक्षण के उद्देश्य—कहानी के प्रकार तथा तत्त्वों का क्षेत्र अधिक विस्तृत है इसलिये शिक्षण के उद्देश्य भी अनेक हैं।
प्रमुख उद्देश्य निम्न प्रकार से हैं—
(i) छात्रों को ज्ञान प्रदान करने के साथ स्वस्थ मनोविनोद एवं मनोरंजन की शिक्षा देना।
(ii) छात्रों को भाषा शैली, शब्दावली तथा मुहावरों से अवगत कराना।
(iii) छात्रों में हिन्दी साहित्य एवं भाषा के प्रति अनुराग का विकास करना ।
(iv) छात्रों को जीवन के प्रति यथार्थता एवं स्वाभाविकता का बोध कराना ।
(v) छात्रों में आदर्श जीवन के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना।
(vi) छात्रों में विचार, कल्पना शक्ति, तर्क शक्ति का विकास करना।
(vii) छात्रों में भावनात्मक तथा चारित्रिक गुणों को विकसित करना।
(viii) छात्रों में संवेगों को नियन्त्रण करने की क्षमता का विकास करना ।
(ix) छात्रों में सामाजिकता एवं राष्ट्रीयता की भावना का विकास करना।
(x) कहानियों का अन्तिम उद्देश्य सत्यमं- शिवम् सुन्दरम् की प्राप्ति करना । कहानी को एक कला की संज्ञा दी जाती है । इसलिये सौन्दर्यानुभूति, कलात्मक पक्षों का भी विकास करना है।
कहानी का महत्त्व—कहानी की विशेषताओं के आधार पर हम उसके महत्त्व (उपयोगिताओं) के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। कहानी बालक के व्यक्तित्व निर्माण में सहायता प्रदान करती है जिसके अन्तर्गत निम्न बिन्दुओं को रखा जा सकता है—
(1) मनोवैज्ञानिकता—बच्चे कहानी सुनने में अत्यधिक रुचि रखते हैं अत: कहानी के माध्यम से उनकी मनोवैज्ञानिकता को परखा जा सकता है। बालकों में तर्क, विवेक, संकल्प शक्ति, कल्पना शक्ति, अवलोकन व निरीक्षण शक्ति इत्यादि का विकास कहानी के माध्यम से किया जाता है। विविध परिस्थितियों में बालक किस प्रकार सोचता है, विपत्ति आने पर वह किस प्रकार उसका सामना करता है, जटिलताओं व गुत्थियों को सुलझाने में वह स्वमति को किस प्रकार प्रयुक्त करता है। जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव का सामना वह किस प्रकार करता है, किस प्रकार नवीन कल्पनाओं का आश्रय लेकर वह कार्य करता है, सृजन करता है। इसका परिचय कहानी शिक्षण द्वारा सहज हो जाता है। कहानी बच्चों में संवेगात्मक सन्तुलन सिखाती है।
(2) सामान्य ज्ञान में वृद्धि करने वाली—कहानी द्वारा मनोरंजनात्मक दृष्टि से बालक संसार की अनेक बातों का ज्ञान प्राप्त करता है। बालक प्रारम्भिक अवस्था में अपने आस-पास की चीजों का ज्ञान प्राप्त करता है। आधुनिक वैज्ञानिक कहानियों के माध्यम से उन्हें विज्ञान सम्बन्धी अनेक बातों की जानकारी मिलती है और वे विज्ञान से सम्बन्धित बातें सरलता से सीख लेते हैं और इस क्षेत्र में प्रगति करते जाते हैं।
(3) भावात्मकता का विकास—कहानी के विविध भावों के माध्यम से बालकों में भावात्मकता का विकास होता है। बालक में भावों, विचारों को प्रभावपूर्ण ढंग से व्यक्त करने की क्षमता प्राप्त होती है, वाचन में प्रभाव आता है।
(4) सृजनात्मकता का विकास—कहानियाँ बालकों को स्वयं रचना शक्ति के विकास का अवसर देती है। इससे उनमें सृजन क्षमता का विकास होता है। चित्रों एवं संकेतों के माध्यम से बालक घटना सूत्रों को समझने लगते हैं तथा नयी कथाओं की रचना भी कर सकते हैं अतः सृजन क्षमता को विकसित करने का सशक्त माध्यम कहानी को माना जाता है।
(5) मानव का व्यावहारिक व चारित्रिक परिचय प्राप्त करना—मानव व्यवहार सदाचार, शिष्टाचार, विविध परिस्थितियों में व्यावहारिक कुशलता, आचरण सम्बन्धी बातें इत्यादि कहानी में उत्तम ढंग से बतलायी जाती है। इसकी शिक्षा सरल रूप में बालक प्राप्त करता है।
(6) मनोरंजन करना—कहानी के माध्यम से जिज्ञासा की शान्ति होती है, अत: बालक सर्वाधिक मनोरंजन कहानी के माध्यम से करता है। मानसिक सन्तुष्टि के साथ-साथ उसे आनन्द की प्राप्ति भी होती है।
(7) शब्द भण्डार में वृद्धि—जिज्ञासा की प्रबलता से बालक कहानी को तन्मय होकर पढ़ता है जिससे उसके शब्द भण्डार में वृद्धि होती है और वह पाठ को समझने का प्रयास करता है। कहानी रचना में प्रयुक्त मुहावरों का तथा शब्दों का अर्थ स्वाभाविक रूप में ग्रहण करता है। शिक्षक तथा छात्रों से कहानी विधि में समीपता आती है।
(8) वक्ता और श्रोता में समन्वयात्मकता—कहानी के माध्यम से वक्ता और श्रोता के मध्य आत्मीयतापूर्ण सम्बन्धों की स्थापना होती है। साहित्य से अनुराग कहानी के माध्यम से ही होता है। कहानी के द्वारा बालक विषय में घुल-मिल जाते हैं । कक्षा में पारिवारिक वातावरण बन जाता है।
(9) रोचक विधा—यदि समग्र विशेषताओं के आधार पर अवलोकन किया जाय तो कहानी साहित्य की सभी विधाओं से ऊपर आकर ठहरती है। बालकों की मनोवैज्ञानिक विशेषताओं की पूर्ति करने वाली यह सबसे रोचक विधा है।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here