खिलाफत आंदोलन क्यों हुआ ? गाँधीजी ने इसका समर्थन क्यों किया ?
खिलाफत आंदोलन क्यों हुआ ? गाँधीजी ने इसका समर्थन क्यों किया ?
उत्तर ⇒ तुर्की (ऑटोमन साम्राज्य की राजधानी) का खलीफा जो ऑटोमन साम्राज्य का सुलतान भी था, संपूर्ण इस्लामी जगत का धर्मगुरु था। पैगंबर के बाद सबसे अधिक प्रतिष्ठा उसी की थी। प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मनी के साथ तुर्की भी पराजित हुआ। पराजित तुर्की पर विजयी मिस्र-राष्ट्रों ने कठोर संधि थोप दी (सेव्र की संधि)। ऑटोमन साम्राज्य को विखंडित कर दिया गया।
खलीफा और ऑटोमन साम्राज्य के साथ किए गए व्यवहार से भारतीय मुसलमानों में आक्रोश व्याप्त हो गया। वे तुर्की के सुल्तान एवं खलीफा की शक्ति और प्रतिष्ठा की पुनः स्थापना के लिए संघर्ष करने को तैयार हो गए। इसके लिए खिलाफत आंदोलन आरंभ किया गया। 1919 में अली बंधुओं (मोहम्मद अली और शौकत अली) ने बंबई में खिलाफत समिति का गठन किया। आंदोलन चलाने के लिए जगह-जगह खिलाफत कमिटियाँ बनाकर तुर्की के साथ किए गए अन्याय के विरुद्ध जनमत तैयार करने का प्रयास किया गया। ‘ गाँधीजी ने इस आंदोलन को अपना समर्थन देकर हिंदू-मुसलमान एकता स्थापित करने और एक बड़ा सशक्त राजविरोधी आंदोलन आरंभ करने का निर्णय लिया।