गंगा के दक्षिणा के मैदान की मिट्टी का संक्षिप्त वर्णन करें।

गंगा के दक्षिणा के मैदान की मिट्टी का संक्षिप्त वर्णन करें।

उत्तर ⇒ गंगा के दक्षिणी मैदान में केवाली मिट्टी पायी जाती है। बक्सर, भोजपुर, राहतास, औरंगाबाद, जहानाबाद, पटना, नालंदा, बाढ, मुंगेर और भागलपुर के मैदानी भाग में बाँगर या परानी जलोढ मिट्टी पायी जाती है। कछ स्थानों पर तीन-चार महीने बाढ़ का पानी एकत्र हो जाने से विशाल ‘ताल’ का रूप ले लेता है। इसमें बड़हिया ताल सबसे बड़ा है। इसमें पानी सूखने पर दलहन की अच्छी उपज ली जाती है। ताल के ऊपर के क्षेत्र केवाली मिट्टी के हैं। इसमें समचित वर्षा के अभाव में सिंचाई का सहारा लिया जाता है और अच्छी उपज ली जाती है।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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