गहन पठन का अर्थ एवं प्रक्रिया का संक्षेप में उल्लेख कीजिए ।
गहन पठन का अर्थ एवं प्रक्रिया का संक्षेप में उल्लेख कीजिए ।
उत्तर— गहन पठन का अर्थ–गहन पठन का शाब्दिक अर्थ है—गहनता से पढ़ना। पाठ्य सामग्री का एक निश्चित/सीमित मात्रा में पठन गहन पठन कहलाता है। शिक्षा – शब्दकोश में गहन पठन के विषय में लिखा है – “गहन पठन अभिव्यक्ति की प्रक्रिया, अर्थ, व्याकरण का विशद् विवरण आदि के लिए ध्यान युक्त सचेत पठन है।” इसमें छात्र वर्णों, शब्दों एवं वाक्यों तक ही अलग ध्यान केन्द्रित नहीं करते हैं वरन् पठित समग्र सामग्री का समीक्षात्मक पठन करते हैं। इसलिए इसे समीक्षात्मक पठन भी कहा जाता है। इस प्रकार गहन पठन छात्रों में लिखित अथवा मुद्रित सामग्री को शुद्धता से पढ़ने एवं पूर्ण अवबोध के कौशल का विकास करने से सम्बन्धित है।
गहन पठन की प्रक्रिया—इसमें हिन्दी – शिक्षक सर्वप्रथम कथास्तर के अनुरूप सहायक पुस्तक अथवा पाठ्य पुस्तक से गहन पठन हेतु पाठ्य सामग्री का चयन करता है। गहन पठन हेतु प्रस्तावित गद्यं पाठ/ खण्ड अधिक विस्तृत नहीं होना चाहिए। प्रारम्भ में एक पृष्ठ ही गहन पठन के लिये पर्याप्त होता है। छोटे पाठ में निहित विचार को समझना सरल होता है। यदि पाठ बड़ा हो, तो उसे अर्थपूर्ण एवं स्वतः पूर्ण अन्वितियों में विभक्त कर लेना चाहिए। प्रस्तावित पाठ का कक्षा में पठन कराने के उपरान्त शिक्षक छात्रों को पठित पाठ्य सामग्री से सम्बन्धित प्रश्न देता है, जिनके उत्तर छात्र घर पर पाठ्य सामग्री को पुनः पढ़कर लिखते हैं। दूसरे दिन कक्षा में शिक्षक उन पर छात्रों से चर्चा करता है। इससे छात्र पाठ्य सामग्री को दत्तचित होकर पढ़ते हैं और उसका अर्थग्रहण करने का प्रयास करते हैं।
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