चावल की फसल के लिए उपयुक्त भौगोलिक दशाओं का उल्लेख करें।

चावल की फसल के लिए उपयुक्त भौगोलिक दशाओं का उल्लेख करें।

उत्तर- चावल के उत्पादन की उपयुक्त दशाएँ- धान से चावल बनाया जाता है। धान मानसूनी जलवायु का फसल है जिसके लिए निम्नांकित दशाएँ उपयुक्त होती हैं –

(i) उच्च तापमान (20°C से 30°C के बीच),

(ii) पर्याप्त वर्षा (200 cm वार्षिक वर्षा) कम वर्षा वाले क्षेत्रों में उत्तम सिंचाई की व्यवस्था आवश्यक होती है,

(iii) समतल भूमि ताकि खेतों में पानी जमा रह सके,

(iv) जलोढ़ दोमट मिट्टी धान की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है,

(v) पर्याप्त सस्ते श्रमिक।

प्रमख उत्पादन क्षेत्र – धान की खेती मुख्यतः गंगा, ब्रह्मपुत्र के मैदान में और डेल्टाई तथा तटीय भागों में की जाती है। इसके प्रमुख उत्पादक राज्य हैं पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, पंजाब, बिहार, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, उड़ीसा, असम, हरियाणा और केरल। इसकी खेती में लगी सर्वाधिक भूमि पश्चिम बंगाल और बिहार में है। परंतु सिंचाई और खाद के बल पर पंजाब धान का प्रति हेक्टेयर उत्पादन सबसे अधिक करता है। दक्षिण भारत में इसकी खेती में सिंचाई का सहारा लेना पड़ता है। कावेरी, कृष्णा. गोदावरी और महानदी के डेल्टाओं में नहरों का जाल बिछा है जिससे इस क्षेत्र में कहीं दो फसल और कहीं तीन फसल तक धान की खेती की जाती है। प्रति हेक्टेयर उत्पादन अधिक है। इसलिए यहाँ से दूसरे राज्यों को चावल भेजा जाता है।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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