चिन्तन का अर्थ बताते हुए इसकी परिभाषा दीजिए।

चिन्तन का अर्थ बताते हुए इसकी परिभाषा दीजिए।

उत्तर– चिन्तन का अर्थ-चिन्तनशील अभ्यास सीखने की प्रक्रिया में संलग्न करने के लिए एक प्रतिबिम्ब स्थापित करने की क्षमता का विकास है यह अन्तर्दृष्टि तथा व्यावहारिक मूल्यों को नियमित करता है।
चिन्तनशील अभ्यास की आवश्यकता दिन-प्रतिदिन के कार्यों में होती है जिससे कार्यों में गम्भीरता का समावेश होता है। प्रतिबिम्ब के माध्यम से एक व्यक्ति अपने या अपने कार्यों के सन्दर्भ में अपने विचारों एवं सिद्धान्तों को देखने और करने में सक्षम होता है। एक व्यक्ति अपने इस अभ्यास के माध्यम जो भी से सीखता है, उसमें वह केवल अतीत की क्रियाओं और घटनाओं को ही नहीं देखता अपितु भावनाओं, अनुभवों, कार्यों और प्रतिक्रियाओं के प्रति जागरूक भी होता है तथा अपने या अपने ज्ञान के आधार को जोड़ने के लिए प्राप्त जानकारियों का उपयोग समझ कर उच्च स्तर पर पहुँचता है।
शिक्षण एक विचारणीय तथ्य है। यह एक निरन्तर चिन्तनशील प्रक्रिया है जो कि स्वयं के लिए तथा अन्य को सिखाने के लिए की जाती है। विचारशील अध्यापक एक प्रतिबिम्ब स्थापित करता है जिससे पाठ्यक्रम का निरन्तर विकास एवं उसकी पूर्ति करता है जो कि व्यक्तिगत रूप से स्वयं के लिए अर्थपूर्ण होता है तथा विद्यार्थियों के लिए भी।
चिन्तन की परिभाषाएँ—
जॉन ड्यूवी के अनुसार, “किसी विश्वास या ज्ञान को सावधानी पूर्वक निरीक्षण करते हुए उसके विभिन्न पहलुओं का विभिन्न सन्दर्भों में अध्ययन करना ही चिन्तनशील अभ्यास कहलाता है। “
स्टर्नबर्ग तथा विलियम्स के अनुसार, “बुद्धिमता तीन प्रकार से सोचने का कार्य करती है, जो चिन्तनशील या वैचारिक, एकीकृत ज्ञान का एवं कौशल। “
अतः उन्होंने अपने शोधों द्वारा यह प्रमाणित किया है कि चिन्तनशील विचारों के निर्माण के लिए उपर्युक्त तीनों प्रकार के सोचने के तरीकों का अभ्यास करना नितान्त आवश्यक है।
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