जल विद्युत संयंत्र का सचित्र वर्णन कीजिए।

जल विद्युत संयंत्र का सचित्र वर्णन कीजिए।

उत्तर ⇒बहते जल की गतिज ऊर्जा से उत्पन्न विद्युत जल विद्युत कहलाता है तथा वह संयंत्र जो बड़े पैमाने पर बहते जल से विद्युत उत्पन्न करता है, जल विद्युत संयंत्र कहलाता है। बहता जल ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है। जल विद्युत उत्पन्न करने के लिए नदियों के बहाव को रोककर बड़े जलाशयों (कृत्रिम झील) में जल एकत्र करने के लिए ऊँचे-ऊँचे बाँध (dam) बनाए जाते हैं। जलाशयों में जल संचित होता है जिसके फलस्वरूप जल का तल ऊँचा हो जाता है। बाँध के ऊपरी भाग से पाइपों द्वारा जल बाँध के आधार के समीप स्थापित टरबाइन के ब्लेडों पर मुक्त रूप से गिरता है जिससे टरबाइन का ब्लेड घूमने लगता है, टरबाइन की धूरी (axle) जनित्र (generator) के आर्मेचर से जुड़ा रहता है। अतः लगातार आर्मेचर के घूमने से यांत्रिक ऊर्जा विद्युत ऊर्जा में बदल जाती है।लोहे का दरबाजा


जल विद्यत की उत्पत्ति का सिद्धान्त :
(i) जैसे ही बहता जल नीचे से ऊँचे बाँध पर बने संग्राहक में पहुँचता है तो उसकी गतिज ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा में बदल जाती है।
(ii) जब जल ऊपर से नीचे टरबाइन के ब्लेड पर गिरता है तो स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदल जाती है।
(iii) जल टरबाइन के ब्लेड पर गिरता है तो वह तेजी से घूमने लगता है और गतिज ऊर्जा टरबाइन के द्वारा यांत्रिक ऊर्जा में बदल जाती है।

(iv) अन्ततः यांत्रिक ऊर्जा विद्युत ऊर्जा में बदल जाता है, जिसे जल विद्युत ऊर्जा कहा जाता है।

जल विद्युत ऊर्जा से लाभ :
(a) जल मुफ्त में मिल जाता है ।
(b) यह ऊर्जा प्रदूषण मुक्त है एवं
(C) यह सस्ता प्राप्त होता है।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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