जालियाँवाला बाग हत्याकांड क्यों हुआ ? इसने राष्ट्रीय आंदोलन को कैसे बढ़ावा दिया ?

जालियाँवाला बाग हत्याकांड क्यों हुआ ? इसने राष्ट्रीय आंदोलन को कैसे बढ़ावा दिया ?

उत्तर ⇒ भारत में क्रांतिकारी गतिविधियों पर अकुंश लगाने के उद्देश्य से सरकार ने 1919 में रॉलेट कानून (क्रांतिकारी एवं अराजकता अधिनियम) बनाया। इस कानून के अनुसार सरकार किसी को भी संदेह के आधार पर गिरफ्तार कर बिना मुकदमा चलाए उसको दंडित कर सकती थी तथा इसके खिलाफ कोई अपील भी नहीं की जा सकती थी। भारतीयों ने इस कानून का कड़ा विरोध किया। इसे ‘काला कानून’ की संज्ञा दी गई। अमृतसर में एक बहुत बड़ा प्रदर्शन हुआ जिसकी अध्यक्षता डॉ० सत्यपाल और डॉ० सैफुद्दीन किचलू कर रहे थे। सरकार ने दोनों को गिरफ्तार कर अमृतसर से निष्कासित कर दिया। जनरल डायर ने पंजाब में फौजी शासन लागू कर आतंक का राज स्थापित कर दिया। पंजाब के लोग अपने प्रिय नेता की गिरफ्तारी तथा सरकार की दमनकारी नीति के खिलाफ 13 अप्रैल, 1919 को वैसाखी मेले के अवसर पर अमृतसर के जालियांवाला बाग में एक विराट सम्मेलन कर विरोध प्रकट कर रहे थे, जिसके कारण ही जनरल डायर ने निहत्थी जनता पर गोलियाँ चलवा दी। यह घटना जालियाँवाला बाग हत्याकांड के नाम से जाना गया।
जालियाँवाला बाग की घटना ने पूरे भारत को आक्रोशित कर दिया। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन और हडताल हुए। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने इस घटना के विरोध में अपना ‘सर’ का खिताब वापस लौटाने की घोषणा की। वायसराय की कार्यकारिणी के सदस्य शंकरन नायर ने इस्तीफा दे दिया। गाँधीजी ने कैसर-ए-हिन्द की उपाधि त्याग दी। जालियाँवाला बाग हत्याकांड ने राष्ट्रीय आंदोलन में एक नई जान फूंक दी।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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