झारखंड लोक सेवा आयोग – 7वीं झारखण्ड संयुक्त प्रतियोगिता प्रारम्भिक परीक्षा (पेपर-II)

झारखंड लोक सेवा आयोग – 7वीं झारखण्ड संयुक्त प्रतियोगिता प्रारम्भिक परीक्षा (पेपर-II)

1. निम्नलिखित में से कौन सी विभूति 1913 ई. में ‘छोटानागपुर उन्नति समाज के गठन में शामिल थी ?

(1) फादर कान्सटेंट लिविन्स
(2) थेबले उराँव
(3) जयपाल सिंह मुण्डा
(4) कार्तिक उराँव
2. किस वर्ष ‘झारखंड क्षेत्र स्वशासी परिषद्’ ने शपथ ली?
(1) 9 अगस्त, 1995
(2) 5 जनवरी, 1955
(3) 11 सितम्बर, 1987
(4) 31 दिसम्बर, 1991
3. किस दल ने 1952 के आमसभा चुनाव में नारा दिया था ‘झारखंड अबुआ, डाकु दिकु सेनुआ’ (झारखंड हमारा है, दिकुओं को जाना पड़ेगा) ?
(1) जेएमएम
(2) आजसु
(3) जेसीसी (झारखंड कॉ- ओर्डिनेशन कमेटी)
(4) झारखंड पार्टी
4. हो समुदाय में ‘वधू मूल्य’ को क्या कहा जाता है ?
(1) दाम
(2) दिरी
(3) बुरू
(4) गोनोम
5. झारखंड का कौन-सा त्योहार ‘फूलों का त्योहार’ के रूप में जाना जाता है ?
(1) करमा
(2) सरहुल
(3) हेरो
(4) जोमनमा
6. ‘डोम्बारी बुरू’ किस आंदोलन से संबंधित है ?
(1) हो विद्रोह
(2) संथाल हूल
(3) बिरसा उलगुलान
(4) ताना भगत आंदोलन
7. ब्रिटिश काल में सिंहभूम के किसानों से कुसुम और असन आदि पेड़ों पर रेशम और लाख उगाहने के लिए एक विशेष कर लिया जाता था। इस कर का क्या नाम था ?
(1) दलकट्टी
(2) जमाबंदी
(3) रसद
(4) चराई
8. ‘सौरियां पहाड़िया ‘बेरू गोसाई’ की पूजा किस प्राकृतिक शक्ति के रूप में करते हैं ?
(1) सूर्य
(2) जल
(3) धरती
(4) वायु
9. मुण्डाओं की पुरखा कहानियाँ एक मौखिक परम्परा का हिस्सा हैं। इस परम्परा को क्या कहते हैं?
(1) नागवंशावली
(2) सहिया गीत
(3) सोसोबोंगा
(4) होर संबाद
10. निम्नलिखित में से कौन झारखण्ड की महिलाओं का पारंपरिक आभूषण नहीं है ?
(1) तरपत
(2) पईला
(3) तरका
(4) हंसली
11. करमा नृत्य के दो प्रकार कौन से हैं ?
(1) घुड़ीया एवं पनारी
(2) मागे एवं जोरगो
(3) गोतियो एवं छऊ
(4) खेमटा एवं भिनुसारी
12. झारखण्ड के किस स्थान पर ‘रामरेखा धाम’ है जो एक ऐसे स्थान के रूप में विख्यात है जहाँ प्रभु राम वनवास के दौरान दो बार आए थे ?
(1) संथाल परगना
(2) सिमडेगा
(3) साहिबगंज
(4) सरायकेला-खरसांवा
13. हो लोगों को ‘लरका कोल’ किसने कहा ?
(1) एस. आर. टिकेल
(2) एम. जी. हैलेट
(3) एस. सी. रॉय
(4) ई. लिस्टर
14. ‘मटुरा कहानी’ जो मुण्डा लोक कथाओं का संग्रह है के लेखक हैं
(1) डोमिनिक बारा
(2) भीखु टिर्की
(3) मेनास आड़ेया
(4) रामदयाल मुण्डा
15. किस ईसाई पादरी को ‘रामकथा’ पर किये गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए जाना जाता है ?
(1) फादर जे. हॉफमैन
(2) फादर कामिल बुल्के
(3) फादर एफ हॉन
(4) फादर कान्सटैंस लिविन्स
16. पुस्तक ‘डस्ट स्टॉर्म एंड हैंगिंग मिस्ट: ए स्टडी ऑफ बिरसा मुण्डा एंड हिज मूवमेंट इन छोटानागपुर (1874–1901)’ के लेखक कौन हैं ?
(1) के.एस. सिंह
(2) जे.सी. झा
(3) एस. सी. रॉय
(4) बी. वीरोत्तम
17. पुस्तक ‘ईसु चरित चिंतामईन’ (ईसा मसीह की जीवनी) को 1963 ई. में नागपुरी में किसने लिखा?
(1) फादर जे. हॉफमैन
(2) मैथ्यु ऐरीपरामिल,
(3) स्टेन स्वामी, एस जे
(4) फादर पीटर शांति नवरंगी
18. 1910 ई. में प्रकाशित संथाल परगना जिला गजेटियर के लेखक कौन हैं ?
(1) पी. सी. रॉयचौधरी
(2) एल.एस.एस.ओ. मैली
(3) जे. रीड
(4) ई.ई. ईवान्स प्रिचार्ड
19. कांके (Kanke) में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में निम्न संकाय उपलब्ध है:
(सही उत्तर को चिह्नित करें)
(1) कृषि और पशु चिकित्सा विज्ञान
(2) कृषि और वानिकी
(3) कृषि
(4) कृषि, पशु चिकित्सा और वानिकी
20. सही उत्तर को चिह्नित करें:
राँची में नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ फाऊन्ड्री एंड फोर्ज टेक्नोलॉजी निम्न में से किसके सहयोग से स्थापित किया गया ?
(1) UNDP-UNESCO
(2) UNICEF
(3) UGC
(4) DST
21. सही उत्तर को चिह्नित करें:
फूलो झानो मुरमू मेडिकल कॉलेज सम्बद्ध है
(1) राँची विश्वविद्यालय
(2) सिधो कान्हो मुरमु विश्वविद्यालय
(3) सिधो कान्हो विश्वविद्यालय
(4) नीलाम्बर पीताम्बर विश्वविद्यालय
22. झारखंड में आयोजित 34 वें राष्ट्रीय खेल के संबंध में विचार करें।
1. इसका आयोजन वर्ष 2011 में राँची में किया गया।
2. इसका शुभंकर छउआ था जो एक शिशु हिरण था।
3. झारखंड ने इस राष्ट्रीय खेल में 33 स्वर्ण अर्जित किये थे।
4. झारखंड ने पदक तालिका में पहला स्थान प्राप्त किया।
इनमें सही हैं –
(1) केवल 2
(2) केवल 3
(3) 1, 2 और 3
(4) 1, 2, 3, और 4
23. मिलान करें:
स्टेडियम                                          स्थान
a. कीनन स्टेडियम                          1. दुमका
b. मेकन स्टेडियम                           2. गुमला
c. परमवीर अल्बर्ट एक्का स्टेडियम  3. राँची
d. इंडोर स्टेडियम                           4. जमशेदपुर
सही कूटः
        a    b     c     d
(1)   1     2     3    4
(2)  4     3     2    1
(3)  3     4     1    2
(4)  3     4     2    1
24. महेंद्र सिंह धोनी ने अपना पहला एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच किस देश के खिलाफ खेला था ?
(1) ऑस्ट्रेलिया
(2) इंग्लैंड
(3) बांग्लादेश
(4) पाकिस्तान
25. सुमेलित करें:
खिलाड़ी का नाम – संबंधित खेल
a. सिलवानुस डुंगडुंग 1. मुक्केबाजी
b. शुभलक्ष्मी 2. पर्वतारोहण
C. प्रेमलता अग्रवाल 3. क्रिकेट
d. अरुणा मिश्रा 4. हॉकी
सही कूटः
        a    b     c     d
(1)   1     2     3    4
(2)  4     3     2    1
(3)  3     4     1    2
(4)  3     4     2    1
26. झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण कब हुआ था?
(1) 2013
(2) 2014
(3) 2012
(4) 2010
27. छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम की कौन सी धारा भूमि के उपयोग के संबंध में अधिभोगी रैयत के अधिकार के बारे में प्रावधान करती है ?
(1) धारा 20
(2) धारा 40
(3) धारा 41
(4) धारा 21
28. छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम के अन्तर्गत सर्वेक्षण करने और अधिकार अभिलेख तैयार करने का आदेश देने की शक्ति किसमें है ?
(1) उपायुक्त
(2) राजस्व अधिकारी
(3) अंचल अधिकारी
(4) राज्य सरकार
29. कोरकर भूमि को जाना जाता है
(1) बाभला खानवत
(2) जलसासन
(3) अरियत
(4) यह सभी
30. निम्नलिखित में से कौन काश्तकारी के वर्ग में से नहीं है ?
(1) भू-धारक
(2) रैयत
(3) मुंडारी – खुंट कटीदार
(4) भुईंहारी खूँट कटीदार
31. छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम अधि नियमित किया गया था –
(1) 11 मार्च, 1908
(2) 11 नवम्बर, 1908
(3) 11 अक्टूबर, 1908
(4) 11 दिसम्बर, 1908
32. संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम की कौन सी धारा रैयत के अधिकारों के अन्तरण का प्रावधान करती है ?
(1) धारा 21
(2) धारा 14
(3) धारा-20
(4) धारा- 19
33. बंजर भूमि की बंदोबस्ती को निरस्त किया जा सकता है यदि उस पर खेती नहीं की जाती है
(1) 3 साल
(2) 7 साल
(3) 5 साल
(4) 9 साल
34. संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम की कौन सी धारा रैयती भूमि के विनिमय के बारे में प्रावधान करती है?
(1) धारा -23
(2) धारा 43
(3) धारा-22
(4) धारा 42
35. संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम के अन्तर्गत सभी आवेदन दिये जाएँगे –
(1) वादहेतु के उत्पन्न होने के 1 साल के भीतर
(2) वादहेतु के उत्पन्न होने के 3 साल के भीतर
(3) वादहेतु के उत्पन्न होने के 7 साल के भीतर
(4) वादहेतु के उत्पन्न होने के 5 साल के भीतर
36. संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम के अन्तर्गत पुनर्विलोकन का प्रावधान वर्णित किया गया है
(1) धारा-60
(2) धारा-70
(3) धारा-50
(4) धारा –40
37. झारखंड उचित मुआवजा एवं पारदर्शी भू-अर्जन पुनःस्थापन एवं पुनः बन्दोबस्ती संशोधन अधिनियम, 2017 कब से प्रभावी माना जायेगा ?
(1) 1 जनवरी, 2017
(2) 1 जनवरी, 2014
(3) 11 जनवरी, 2017 15
(4) 11 जनवरी, 2014
38. झारखण्ड भाड़ा नियंत्रण अधिनियम, 2011 के अन्तर्गत सलामी, शुल्क या इसी तरह का कोई अन्य राशि, भवन के किराया के अतिरिक्त नहीं होगा
(1) 1 महीने के किराया से
(2) 2 महीने के किराया से
(3) 3 महीने के किराया से
(4) 7 महीने के किराया से
39. जोजोहातु, जो पश्चिम सिंहभूम में स्थित है, ________ के लिए प्रसिद्ध है।
(1) क्रोमाइट
(2) कायनाइट
(3) ग्रेफाइट
(4) मैग्नेटाइट
40. झारखंड में यूरेनियम के भंडार मौजूद हैं
(1) जादूगोडा
(2) नरवापहाड़
(3) तुरामडीह
(4) यह सभी
41. मोतीझारा जलप्रपात ______ नदी पर बना है।
(1) गुमानी
(2) अजय
(3) बांसलोई
(4) स्वर्णरेखा
42. कनहर नदी, जो छत्तीसगढ़ से शुरू होती है झारखंड में _______ ब्लॉक, गढ़वा जिला से राज्य में प्रवेश करती है।
(1) भवनाथपुर
(2) मझियॉव
(3) ऊँटारी
(4) भंडरिया
43. पिपरवार, अशोक, सराधु एवं मगध कोयले की खदानें उपरी दामोदर घाटी के सामुदायिक में विकास खंड _______ स्थित है।
(1) सिमरिया
(2) केरेडारी
(3) बड़कागाँव
(4) टँडवा
44. नगड़ी गाँव स्वर्णरेखा एवं _______ नदियों के उत्पत्ति के लिए प्रसिद्ध है।
(1) उत्तरी कोयल
(2) दक्षिणी कोयल
(3) चानन
(4) यह सभी
45. झारखंड में बहिर्जात या बाह्य स्थान संरक्षण का उदाहरण है
(1) बेतला नेशनल पार्क
(2) बिरसा मुंडा जैव पार्क
(3) पलामु सैंक्चुअरी
(4) पालकोट सैंक्चुअरी
46. भारत राज्य वन रिपोर्ट 2019 के अनुसार झारखंड में कुल वन आवरण क्षेत्र ________ है।
(1) 29.62%
(2) 29.12%
(3) 29.02%
(4) 29.92%
47. 2019 के आँकड़ों के अनुसार झारखंड में प्रति व्यक्ति वन एवं वृक्ष _______ है ।
(1) 0.08 हेक्टेयर
(2) 0.8 हेक्टेयर
(3) 0.48 हेक्टेयर
(4) 0.02 हेक्टेयर
48. झारखंड के किस सैंक्चुरी का क्षेत्रफल सर्वाधिक है?
(1) डालमा सैंक्चुअरी
(2) महुआडार सैंक्चुअरी
(3) पारसनाथ सैंक्चुअरी
(4) पलामु सैंक्चुअरी
49. झारखंड में औद्योगीकरण सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कुल कितनी नीतियाँ बनायी हैं ?
(1) 15
(2) 16
(3) 17
(4) 18
50. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. देश की कुल खनिज का 40 प्रतिशत झारखंड में पाया जाता है।
2. ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के मामले में वर्तमान में झारखंड का देश में दूसरा  रैंक है ।
3. झारखंड की औद्योगिक नीति 2000 में बनाई गई थी।
4. झारखंड की औद्योगिक पार्क नीति 2015 है।
उपर्युक्त कथनों में कौन सही नहीं है ?
(1) केवल 4
(2) 1 और 3
(3) 2 और 3
(4) 1, 2, 3 और 4
51. प्रत्यार्पण एवं पुनर्वास नीति के संबंध में विचार करें:
1. इस नीति की घोषणा 2009 में हुई।
2. वामपंथी उग्रवादियों को प्रत्यार्पण हेतु प्रोत्साहित करना एवं उनके लिए वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था करना इसका मुख्य उद्देश्य है।
3. वामपंथी उग्रवाद का तात्पर्य जिन्हें राज्य सरकार द्वारा भारतीय अपराध (संशोधन) अधिनियम, 1908 की धारा 16 के अंतर्गत अवैधानिक घोषित किया गया है।
4. प्रत्यार्पण पूर्णरूपेण स्वैच्छिक है। उपर्युक्त में से कौन सही हैं ?
(1) केवल 4
(2) केवल 1
(3) 1, 2 और 3
(4) 1, 2, 3 और 4
52. झारक्राफ्ट की स्थापना कब की गई है ?
(1) 2005
(2) 2006
(3) 2007
(4) 2008
53. झारखंड निर्यात नीति, 2015 के संबंध में विचार करें –
1. इसका उद्देश्य निर्यात प्रोत्साहन के लिए अवसंरचनात्मक सुविधा का विकास करना है।
2. वैश्विक बाजार में सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण वस्तु उपलब्ध कराना।
3. इस नीति की मदद से 2020 तक अखिल भारतीय निर्यात में झारखंड का योगदान 2 प्रतिशत तक पहुँचाना है।
4. निर्यात को बढ़ावा देने के लिए झारखंड निर्यात संवर्द्धन बोर्ड की स्थापना की गई है।
इनमें से कौन सही हैं ?
(1) केवल 4
(2) केवल 3
(3) 2 और 3
(4) 1, 2, 3 और 4
54. पी. वी. टी. जी. डाकिया योजना के संबंध में कौन सही है ?
1. इसकी शुरुआत 2017 में हुई।
2. यह केवल आदिम जनजातियों के लिए खाद्यान्न सुरक्षा योजना है।
3. इसके अंतर्गत आदिम जनजाति परिवारों को 25 किलोग्राम अनाज मुफ्त दिया जाता है।
4. इसके अंतर्गत लाभुक को अनाज सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान में मिलता है।
(1) केवल 3
(2) केवल 2
(3) 1 और 2
(4) 1, 2 और 3
55. 31 मार्च, 2019 तक, हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (HEC) ने अपनी कुल भूमि से 2,691, 44 एकड़ जमीन झारखंड सरकार को जिसमें राँची स्मार्ट सिटी के लिए 656.30 एकड़ भूमि भी शामिल है और 158 एकड़ CISF को हस्तांतरित कर दी है। इसने 316. 19 एकड़ जमीन लीज पर दी हैं, जबकि 379.71 एकड़ जमीन अतिक्रमित है। मूल डीड के अनुसार HEC के पास कितनी एकड़ भूमि है ?
(1) 3,545.34
(2) 3.653.97
(3) 7,199.51
(4) 10,120.39
56. Tata Robins Fraser (TRF) लिमिटेड का प्रोमोशन Tata Steel एवं ACC लिमिटेड द्वारा किया गया था। TRF की स्थापना कब हुई ?
(1) 20 नवम्बर, 1962 को
(2) 25 अगस्त, 1907 को
(3) 16 अगस्त, 1947 को
(4) 20 नवम्बर, 1965 को
57. वित्त वर्ष 2018-19 के अंत में DVC हाइडल पॉवर प्लान्टस की कुल स्थापित क्षमता कितनी है?
(1) 155.3 MW
(2) 147.2MW
(3) 100 MW
(4) 165.1MW
58. कंपनी के नाम का झारखण्ड में उनके संबंधित पते के साथ मिलाएँ।
कंपनी का नाम – पता
1. HUDCO a. बालीडीह, बोकारो – 14
2. वेदान्ता लिमिटेड b. हरमू , राँची – 2
3. डालमिया सीमेंट भारत लिमिटेड c. अशोकनगर, राँची – 2
सही कूटः
        1    2     3
(1)   a    b     c
(2)  c     b     a
(3)  a     c     b
(4)  b     a     c
59. झारखंड टेक्सटाइल, परिधान एवं फुटवियर नीति का एक उद्देश्य है समूचे राज्य में टेक्सटाइल उद्योग में पूँजी सशक्तिकरण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, कौशल उन्नयन तथा साझेदारी विकास। यह नीति कब बनाई गई थी?
(1) 2016
(2) 2017
(3) 2018
(4) 2019
60. PVTG डाकिया योजना के तहत कुल 35 किलो खाद्यान्न, झारखण्ड के आदिम जनजाति आबादी को घर के दरवाजे पर मुफ्त में दिया जाता है। यह योजना कब शुरू की गई थी ?
(1) 2001
(2) 2014
(3) 2017
(4) 2021
61. झारखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के अवसरों को भुनानेवाली (JOHAR) परियोजना का लक्ष्य झारखण्ड के परियोजना क्षेत्रों के लक्षित लाभार्थियों के लिए चुनिंदा कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्रों में घरेलू आय बढ़ाना और विविधता लाना है। इस परियोजना में निम्नलिखित में से कौन सी एक वित्तपोषण एजेंसी है?
(1) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
(2) विश्व बैंक
(3) एशियाई विकास बैंक
(4) BRICS बैंक
62. मुख्यमंत्री हरित ग्राम योजना के बारे में क्या सच नहीं है?
(1) योजना MNREGA के तहत चलती
(2) इस योजना के तहत एक गाँव में केवल एक इकाई लगाई जा सकती है।
(3) इस योजना के तहत आमतौर पर एक इकाई में 100 पौधे लगाए जाते हैं।
(4) इस योजना के तहत, गाँव के पहुँच मार्ग, साथ ही साथ आंतरिक सड़कों का उपयोग भी रैखिक वृक्षारोपण के लिए किया जा सकता है।
63. निम्नलिखित में से कौन सा विश्वविद्यालय और कॉलेज झारखण्ड सरकार की हाल ही में शुरू की गई मारंग गोमके जयपाल में सिंह मुंडा प्रवासी छात्रवृत्ति योजना के तहत शामिल नहीं है ?
(1) ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय
(2) रिडिंग विश्वविद्यालय
(3) लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स और राजनीति विज्ञान
(4) लीड्स आर्ट्स यूनिवर्सिटी
64. झारखण्ड के मेसो अस्पताल के बारे में क्या सच नहीं है?
(1) वे प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करते हैं।
(2) ये अस्पताल ग्रामीण इलाकों में हैं।
(3) रिंची ट्रस्ट (NGO) राँची के जोन्हा में एक मेसो अस्पताल चलाता है।
(4) इन अस्पतालों में परामर्श के लिए केवल एक रुपया लिया जाता है।
65. झारखंड में किस जिले में न्यूनतम % क्षेत्र वनों के अंतर्गत है ?
(1) जामतारा
(2) देवघर
(3) पाकुड़
(4) गिरीडीह
66. झारखंड में खेती योग्य बंजर भूमि का प्रतिशत है
(1) 7.5
(2) 6.2
(3) 4.2
(4) 3.6
67. स्थापना के दृष्टिकोण से झारखंड के किस पार्क सैंक्चुअरी की स्थापना सबसे पहले हुई है ?
(1) पलामु सैक्चुअरी, पलामु
(2) तोपचांची सैंक्चुअरी, धनबाद
(3) गौतम बुद्ध सैंक्चुअरी, कोडरमा
(4) उधवा झील पक्षी सैंक्चुअरी, साहबगंज
68. झारखंड वन विभाग ने एक हर्बल डेमोनस्ट्रेशन नर्सरी की स्थापना ______ में की है जो प्रदर्शन, प्रशिक्षण एवं विस्तार गतिविधियों को बढ़ावा देती है।
(1) लाल खटंगा, राँची
(2) पेटरवार, बोकारो
( 3 ) देवीपुर, देवघर
(4) बड़कागाँव, हजारीबाग
69. झारखंड में झरिया के पश्चात् दूसरा सबसे अधिक प्रमाणित कोयला भंडार है
(1) पश्चिम बोकारो
(2) दक्षिण कर्णपुरा
(3) उत्तरी कर्णपुरा
(4) राजमहल
70. झारखण्ड, नहर सिंचाई के मामले में बुरी तरह से पिछड़ा है क्योंकि
(1) पहाड़ी इलाका है।
(2) जंगली इलाका है।
(3) पर्याप्त वर्षा है।
(4) किसान शुष्क खेती करते हैं।
71. झारखण्ड नवीकरणीय संसाधन में समृद्ध है क्योंकि
(1) दामोदर घाटी में कोयले का भण्डार है।
(2) प्रचुर मात्रा में जलप्रपात है।
(3) आग्नेय चट्टानों में खनिजों का भण्डार है।
(4) पर्याप्त जंगल है।
72. झारखण्ड में देखे गये जलवायु परिवर्तन का कारण है
(1) मानवजनित गतिविधियाँ
(2) ऊर्जा क्षेत्र
(3) ग्रीनहाऊस गैस उत्सर्जन
(4) यह सभी
73. झारखण्ड राज्य जल नीति 2011
(1) संस्था की अनुकूलन क्षमताओं को सम्बोधित करता है।
(2) GHG उत्सर्जन को कम करता है।
(3) प्राकृतिक आपदा के प्रति भेद्यता को कम करता है।
(4) जलवायु परिवर्तन परिदृश्यों की पुष्टि करता है।
74. झारखण्ड आपदा प्रबंधन योजना
(1) समुदाय की अनुकूलन क्षमताओं को सम्बोधित करता है।
(2) GHG उत्सर्जन नियंत्रित करता है।
(3) वनीकरण को बढ़ावा देना।
(4) बुनियादी ढाँचे की बहाली और मजबूती की परियोजनाएँ शुरू करना ।
75. इसमें से कौन सी JAPCC (Jharkhand State Action Plan on Climate Change) योजना नहीं है?
(1) विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन जोखिम की पहचान करना।
(2) राज्य स्तरीय भेद्यता एवं जोखिम का मानचित्रण करना।
(3) जलवायु परिवर्तन शमन के लिये विशिष्ट उपायों का आकलन एवं शमन करना।
(4) सभी जिलों में सामाजिक वानिकी शुरू करना !
76. राज्य के वर्षा का दशकीय वितरण (1956-2008) के संदर्भ में कौन सा कथन सही नहीं है ?
(1) राज्य में 2000 के बाद गंभीर सूखा देखा गया।
(2) 1991-2000 के बीच अधिकतम वर्षा हुई।
(3) 1991-2000 के बीच न्यूनतम औसत वर्षा हुई।
(4) 2001-08 में वार्षिक वर्षा में तीव्र गिरावट देखी गई।
77. NAPCC के तहत निम्न जिला को ग्रीन इंडिया मिशन के लिये चुना गया है :
(1) राँची
(2) खूंटी
(3) सराइकेला-खरसवाँ
(4) हजारीबाग
78. खनन के प्रभावों को कम करने के लिये राज्य सरकार ने किस राज्य के मॉडल के अनुरूप विधायी उपाय लाने का प्रस्ताव लिया ?
(1) आन्ध्रप्रदेश
(3) पंजाब
(2) महाराष्ट्र
(4) उड़ीसा
79. निम्नलिखित में से कौन सा निकाय संसाधन जुटाने और शमन और अनुकूलन योजना की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिये जिम्मेदार है ?
(1) सेक्टोरल वर्किंग ग्रुप
(2) राज्य संचालन समिति
(3) राज्य कार्य समिति
(4) राज्य सलाहकार समिति
80. JAPCC द्वारा जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय योजना कब जारी की गई ?
(1) 30 जून, 2006
(2) 30 जून, 2007
(3) 30 जून, 2008
(4) 30 जून, 2009
81. झारखण्ड के लिये IPCC SRES उत्सर्जन परिदृश्य यह दर्शाता है
(1) सर्दियों में गर्माहट अपेक्षाकृत अधिक होगी।
(2) गर्मियों में गर्माहट अपेक्षाकृत अधिक होगी।
(3) सर्दियों एवं गर्मियों में गर्माहट अपेक्षाकृत अधिक होगी।
(4) सर्दियों एवं वर्षाकाल के बाद गर्माहट अपेक्षाकृत अधिक होगी।
82. शहरीकरण का स्तर झारखण्ड के किस जिले में झारखण्ड आर्थिक सर्वेक्षण 20192020 के अनुसार सबसे अधिक था ?
(1) धनबाद में
(2) पूर्वी सिंहभूम में
(3) बोकारो में
(4) रामगढ़ में
83. झारखण्ड को स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 के लिए सबसे स्वच्छ राज्यों में कौन सा दर्जा दिया गया है ?
(1) तीसरा
(2) दूसरा
(3) पहला
(4) चौथा
84. झारखण्ड का एकमात्र जिला जिसने 30 09-2019 तक वर्षा की सामान्य औसत सीमा (951 मि.मी.) से थोड़ा अधिक प्राप्त किया है, वह है
(1) साहिबगंज
(2) देवघर
(3) रामगढ़
(4) राँची
85. झारखण्ड में किसानों को कल्याणकारी और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना (MMKAY) कब लागू की गयी?
(1) मार्च 2019
(2) अगस्त 2019
(3) अप्रैल 2020
(4) नवम्बर 2020
86. झारखण्ड में खरीफ मार्केटिंग सीजन (KMS) किस अवधि में चलता है ?
(1) वर्ष की पहली सितम्बर से अगले वर्ष के 30 अगस्त तक
(2) वर्ष की पहली जनवरी से अगले वर्ष के 31 दिसम्बर तक
(3) वर्ष की पहली अप्रैल से अगले वर्ष के 31 मार्च तक
(4) वर्ष की पहली अक्टूबर से अगले वर्ष के 30 सितम्बर तक
87. झारखण्ड के सकल राज्य मूल्य वर्धित (GSVA) में औद्योगिक क्षेत्र की लगभग हिस्सेदारी वर्ष 2019-2020 (Pr) में है
(1) 39%
(2) 41%
(3) 32%
(4) 49%
88. भारत सरकार ने 150 एकड़ के क्षेत्र में रु. 120 करोड़ की लागत से प्लास्टिक पार्क की स्थापना को कहाँ मंजूरी दी है ?
(1) देवघर
(2) गुमला
(3) पाकुड़
(4) हजारीबाग
89. मुण्डा ग्राम के धार्मिक प्रधान को ______कहते हैं।
(1) महतो
(2) देहरी
(3) नाया
(4) पाहन
90. उस शासक का नाम बताएँ जिसने नागवंशी राज्य की राजधानी सुतियाम्बे से चुटिया स्थानांतरित की।
(1) फणि मुकुट राय
(2) मंदिनी राय
(3) प्रताप राय
(4) सिताब राय
91. पड़हा पंचायत के प्रमुख को _______ कहते हैं।
(1) परहा राजा
(2) ठाकुर
(3) कोटवार
(4) हातु मुण्डा
92. एक संथाल गाँव में ग्राम प्रधान के सहायक को ________ कहते हैं।
(1) मांझी
(2) प्रमाणिक
(3) नायकं
(4) परगनैत
93. मुण्डा गाँव में पंचायत की बैठक ______ नामक स्थान में होती है।
(1) सरना
(2) अखड़ा
(3) ससान
(4) खरना
94. ढोकला सोहोर प्रशासनिक व्यवस्था ______आदिवासी से सम्बद्ध है।
(1) बिरहोर
(2) उराँव
(3) हो
(4) खड़िया
95. ‘बिटलाहा’ क्या है ?
(1) एक प्रकार का कर
(2) एक प्रकार की सजा
(3) एक त्योहार
(4) एक प्रकार का विवाह
96. ‘सेन्दरा बैंसी’ क्या है ?
(1) शिकार परिषद्
(2) आदिवासी नृत्य
(3) आदिवासी आन्दोलन
(4) एक धार्मिक कर्मकाण्ड
97. बी. पी. केसरी के अनुसार निम्नलिखित में से कौन सदान नहीं है ?
(1) तेली
(2) भुमिहार
(3) तुरी
(4) भोक्ता
98. निम्नलिखित में से कौन सी जनजाति झारखंड के आधिकारिक अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल है?
(1) भंजा
(2) बिरजीया
(3) गंडीया
(4) प्रजा
99. निम्नलिखित में से कौन खेरवार आंदोलन का नेता था ?
(1) सिद्धो एवं कान्हु मुर्मू
(2) भगीरथ माँझी
(3) शेख भिखारी
(4) पाण्डेय गणपत राय
100. झारखण्ड की किस विभूति ने ईसाई मिशनरियों के प्रभाव में झारखंड के आदिवासियों का ईसाई धर्म में परिवर्तन का विरोध किया था ?
(1) जयपाल सिंह मुण्डा
(2) कार्तिक उराँव
(3) एल्बर्ट एक्का
(4) मुकुंद नायक

उत्तर व्याख्यासहित

1. (2) 1915 में, ईसाई छात्र संगठन का नाम बदलकर ‘छोटानागपुर उन्नति समाज’ कर दिया गया, लेकिन यह संगठन केवल आदिवासियों तक ही सीमित था।
> इसके प्रमुख नेता ‘थेवाले ओरांव बंदी राम उरांव’ और ‘पोल दयाल’ थे।
> 1928 में, छोटानागपुर उन्नति समाज ने साइमन कमीशन के समक्ष एक अलग झारखंड राज्य की अपनी मांग प्रस्तुत की।
 2. (1) 1995 में झारखंड क्षेत्र स्वायत्त परिषद (JAAC) के गठन की अधिसूचना जारी की गई थी।
> इसका गठन 9 अगस्त, 1995 को हुआ था और परिषद में संथाल परगना और छोटानागपुर के अठारह जिले शामिल थे।
> परिषद के अध्यक्ष शिबू सोरेन थे।
3. (4) प्रारंभ में इसे ‘अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के रूप में जाना जाता था, जिसकी स्थापना 1937 में मारंग गोमेके जयपाल सिंह मुंडा ने की थी।
> उन्होंने आदिवासी महासभा को ‘झारखंड पार्टी’ नामक एक सक्रिय राजनीतिक दल में बदल दिया।
> झारखंड पार्टी ने 1952 के आम चुनावों में हिस्सा लिया और बिहार में 32 विधानसभा सीटों पर जीत प्राप्त की और सत्ता में आए कांग्रेस का मुख्य विपक्षी दल बन गया।
> इसने 1952 के आम चुनावों में ‘झारखंड अबुदाकुडिकोसेनोआ’ का नारा लगाया।
4. (4) ‘हो’ झारखंड और उड़ीसा की प्रमुख जनजातियों में से एक हैं। झारखंड का कल्हण क्षेत्र इनके निवास का मूल स्थान है।
> इनका अपने कबीले में ही विवाह करना सख्त वर्जित है और अपराधियों को उनके समाज से बहिष्कृत माना जाता है।
> वधु मूल्य प्रथा (दुल्हन की कीमत) के तहत, दुल्हन के परिवार को दहेज दिया जाता है।
> हो समुदाय के बीच ‘दुल्हन की कीमत’ के लिए ‘गोनोम’ शब्द का प्रयोग किया जाता है।
5. (2) सरहुल झारखंड में स्थानीय सरना धर्म के हिस्से के रूप में आदिवासी समुदायों द्वारा मनाया जाने वाला नया साल का त्योहार है।
> यह हिन्दु के वर्ष चैत्र महीने के, अमावस्या के आने के तीन दिन बाद मनाया जाता है।
> ‘सरहुल’ शब्द सामान्यतौर पर ‘साल की पूजा’ से सम्बंधित है। बसंत के मौसम में साल के पेड़ों पर फूल खिलते हैं।
6. (3) खूंटी जिले में स्थित ‘उलिहातु’ और ‘डोंबरी बुरु’ आदिवासियों के महान नेता बिरसा मुंडा के साथ जुड़े होने के कारण झारखंड राज्य के लिए बहुत महत्व रखते हैं।
> यह डोंबारी बुरु पहाड़ी पर रहते थे, जहाँ से, बिरसा मुंडा ने विद्रोही उलगुलान आंदोलन की घोषणा की।
> उन्होंने अपने प्रसिद्ध विद्रोह से पहले 1899 की क्रिसमस की पूर्व संध्या पर कहा था: “दिकुओं (अंग्रेजों) के साथ लड़ाई होने जा रही है। भूमि उनके लहू से लाल झण्डे के समान लाल हो जाएगी। “
7. (1) भारत विश्व में रेशम का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। यह चार प्रकार के रेशम का उत्पादन करता है; शहतूत, तसर, एरी और मुगा
> झारखंड देश में तसर रेशम का अग्रणी उत्पादक है।
> ब्रिटिश काल में सिंहभूम के किसानों पर ‘कुसुम’ और ‘आसन’ जैसे पेड़ों, जिनसे रेशम और लाख निकलते थे उनपर ‘दल कट्टी’ कर लगाया जाता था।
8. (1) सौरिया पहाड़िया मुख्य रूप से नए फसल के बोने से पहले अपने पूर्वजों की आत्माओं की पूजा करते हैं, जिन्हें ‘जिवेडर्क्या’ (JiweUrkkya) (जो आत्मा छोड़ गई है) के रूप में जाना जाता है। जिवेउय पहले एक उग्र आत्मा होती है, जब तक कि अंतिम संस्कार के 5 वें दिन दावत नहीं दी जाती, जिसके बाद वह परोपकारी आत्मा हो जाती है।
> सौरिया के लिए पूर्वजों की पूजा महत्वपूर्ण है क्योंकि उनका मानना है कि एक बार जब वह प्रसाद से तृप्त हो जाते हैं, तो वह सूर्य देवता बेरोगोसैय्या से जुड़ जाते हैं।
9. (3) मुंडाओं के पूर्वजों की कहानियाँ सोसोबोंगा नामक मौखिक परंपरा का हिस्सा हैं।
> डॉ डोमन साहू समीर द्वारा संपादित संथाली में होरसंबाद एक मासिक समाचार पत्र है।
10. (2) झारखंड के जनजातीय आभूषणों में हसुली, थेला, तिरपत, पाहुची, मंडली, झुमका, मटरोला, सीकरी और कड़ा शामिल हैं।
> आदिवासी प्राकृतिक सामग्री के साथ-साथ धातु और पीतल से बने विभिन्न प्रकार के आभूषण पहनते हैं, विशेष रूप से पायल और कंगन । संथाल महिलाओं द्वारा विभिन्न डिजाइनों के साथ धातु तंतुओं में काम किए गए नाजुक झुमके पहने जाते हैं।
11. (4) ‘करमा नृत्य’ का नाम एक पेड़ से लिया गया है जिसे करमा नाम दिया गया है।
> इस पेड़ को एक पवित्र वृक्ष माना जाता है क्योंकि झारखंड में रहने वाले लोग इसे समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक मानते हैं।
> मुंडाओं में करमा नृत्य के तीन रूप हैं जो उरवों से भिन्न हैं।
> लशनाकरम केंद्रीय करमा नृत्य है जिससे खेमता और बिनसारी का विकास हुआ है।
12. (2) रामरेखा धाम एक पवित्र स्थान है जो सिमडेगा जिले से लगभग 26 किमी. दूर स्थित है।
> ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री राम बनवास के दौरान अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ इस स्थान पर आए थे और कुछ समय तक यहाँ रहे थे।
> हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर यहाँ मेला आयोजित किया जाता है।
13. (1) कोलों ने अपना नाम उस भाषा समूह से लिया है जो पहले ‘कोलारियन’ के नाम से जाना जाता था, और अब मुंडारी या ऑस्ट्रोएशियाटिक भाषा परिवार के रूप में जाना जाता है।
> कोल प्रोटो-ऑस्ट्रेलॉयड जातीय समूह के थे।
> ‘लरका’ (लड़ाई) कोल ब्रिटिश प्रशासन द्वारा ‘हो’ और ‘मुंडा’ को दिया गया एक पद था, जिन्होंने छोटा नागपुर में 1831-1832 के विद्रोह का नेतृत्व किया था।
> एस. आर. टिकेल द्वारा हो को ‘लरकाकोल’ कहा गया है ।
14. (3) ‘मटुरा कहानी’ जिसमें मुंडाओं की लोक कथाएँ हैं, मेनास ओरेया द्वारा लिखी गई थीं।
15. (2) कामिल बुल्के ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय (1945-49) से हिंदी साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी, जिसका शीर्षक ‘राम कथा का विकास’ था।
> वह भारत में बेल्जियम के जेसुइट मिशनरी से संबंधित थे, जिन्हें ‘भारत के सबसे प्रसिद्ध ईसाई हिंदी विद्वान’ के रूप में जाना जाने लगा।
> 1949 में, बुल्के सेंट जेवियर्स कॉलेज, राँची के संस्कृत और हिंदी विभाग के प्रमुख बने।
16. (1) ‘डस्ट स्टॉर्म एंड हैंगिंग मिस्ट: बिरसा मुंडा और उनके आंदोलन की कहानी’ कुमार सुरेश सिंह द्वारा लिखी गई है।
> उन्होंने छोटानागपुर के आयुक्त (197880) और भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण के महानिदेशक के रूप में कार्य किया।
> उन्हें मुख्य रूप से ‘पीपुल ऑफ इंडिया के सर्वेक्षण’ और जनजातीय इतिहास पर उनके अध्ययन और संपादकीय के लिए जाना जाता है।
17. (4) पुस्तक ‘ईसु चरित चिंतामइन’ 1963 ई. में नागपुरी भाषा में ‘फादर पीटर शांति नवरंगी’ द्वारा लिखी गई थी।
> सदरी (नागपुरी के नाम से भी जाना जाता है) एक पूर्वी इंडो-आर्यन भाषा है।
> यह सदन की मातृभाषा है।
> खरिया, मुंडा और कुरुख जैसे कई आदिवासी समूहों और इन आदिवासी समूहों के कई वक्ताओं ने इसे अपनी पहली भाषा के रूप में अपनाया है।
18. (2) ‘बंगाल जिला गजेटियर्स संथाल परगना’ के लेखक ‘एल. एस. एस. ओ: मैली’ हैं।
19. (4) बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना 26 जून, 1981 को हुई थी।
> इसका प्राथमिक उद्देश्य झारखंड के पठारी क्षेत्र के कृषि विकास और क्षेत्र के आदिवासी और अन्य पिछड़े वर्ग की आबादी के आर्थिक उत्थान के लिए कृषि, पशुपालन और वानिकी के क्षेत्र में विशिष्ट प्रौद्योगिकियों और जनशक्ति का विकास करना है।
> शिक्षण, अनुसंधान और उसके विस्तार के कार्यक्रम की गतिविधियों को आठ कॉलेजों के तीन संकायों (कृषि, पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन और वानिकी) के माध्यम से संचालित की जाती हैं।
20. (1) राष्ट्रीय उन्नत विनिर्माण प्रौद्योगिकी संस्थान (NIAMT) पहले राष्ट्रीय फाउंड्री और फोर्ज प्रौद्योगिकी संस्थान (आमतौर पर NIFFT के रूप में संदर्भित) राँची में एक सार्वजनिक इंजीनियरिंग और अनुसंधान संस्थान है।
> इसकी स्थापना 1966 में भारत सरकार द्वारा UNDP UNESCO के सहयोग से फाउंड्री और फोर्ज उद्योग चलाने के लिए योग्य इंजीनियर और विशेषज्ञ प्रदान करने के लिए की गई थी। –
21. (2) फूलो झानो मुर्मू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल एक तृतीयक रेफरल सरकारी मेडिकल कॉलेज है।
> यह झारखंड के दुमका जिले में स्थित है।
> कॉलेज सिद्धो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय से संबद्ध है और भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त है।
22. (3) 2011 के राष्ट्रीय खेल का आयोजन 12 फरवरी, 2011 से 26 फरवरी, 2011 तक, झारखंड के राँची में आयोजित किया गया था।
> खेलों का शुभंकर छौआ था, जो हाथ में मशाल थामे दौड़ता हुआ एक हिरण था।
> मणिपुर ने सर्वश्रेष्ठ राज्य ट्रॉफी जीती, उसके बाद हरियाणा और महाराष्ट्र का स्थान रहा।
> समग्र पदक तालिका में मेजबान राज्य झारखंड पाँचवें स्थान पर रहा।
> कुल 162 पदकों के साथ सर्विसेज पदक तालिका में शीर्ष पर रही जबकि नगालैंड केवल 2 पदकों के साथ सूची में था।
23. (2) स्टेडियम  : स्थान
कीनन स्टेडियम : जमशेदपुर
मेकॉन स्टेडियम : राँची
परमवीर अल्बर्ट एक्का स्टेडियम : गुमला
सिद्धो-कान्हू इंडोर स्टेडियमः दुमका
24. (3) महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट के इतिहास में सभी आईसीसी ट्राफियाँ जीतने वाले एकमात्र कप्तान हैं।
> उनकी कप्तानी में, भारत ने प्रथम 2007 आईसीसी विश्व ट्वेंटी-20, 2010 और 2016 एशिया कप 2011 आईसीसी क्रिकेट विश्व कप और 2013 आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी जीती है।
> उन्होंने 23 दिसम्बर, 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे में पदार्पण किया और एक साल बाद श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेला।
25. (3) खिलाड़ी का नाम : संबंधित वेल
सिलवानुस डुंगडुं : हॉकी
शुभलक्ष्मी  : क्रिकेट
प्रेमलता अग्रवाल : पर्वतारोहण
अरुणा मिश्रा : बॉक्सिंग
26. (1) झारखंड स्टेट्स क्रिकेट एसोसिएशन इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, जिसे JSCA इंटरनेशनल स्टेडियम कॉम्प्लेक्स के नाम से भी जाना जाता है, राँची में स्थित है।
> इसका उद्घाटन जनवरी 2013 में हुआ था। 19 जनवरी, 2013 को भारत और इंग्लैंड के बीच इसमें पहला एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला गया था।
> झारखंड अपना तीसरा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बना रहा है, दूसरा कीनन स्टेडियम है, जिसका स्वामित्व जमशेदपुर में टाटा स्टील के पास है।
27. (4) छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम की धारा – 21 : भूमि के उपयोग के संबंध में अधिभोगी रैयत के अधिकार
1. जब किसी रैयत को किसी भूमि के बारे में अधिभोगाधिकार हो तब वह उस भूमि का उपयोग–
(क) स्थानीय रूढ़ि या प्रथा द्वारा प्राधिकृत किसी रीति से, अथवा
(ख) किसी स्थानीय रूढ़ि या प्रथा पर ध्यान दिये बिना ऐसी किसी रीति से, जो भूमि का मूल्य तात्विक रूप • प्राप्त नहीं करती हो या इसे काश्तकारी के प्रयोजनार्थ अनुपयुक्त नहीं करती हो ।
2. अधिकार अभिलेख की किसी प्रविष्टि में या किसी स्थानीय रूढ़ि या प्रथा में अंतर्विष्ट किसी बात के प्रतिकूल होने पर भी, निम्नलिखित से यह समझा जायेगा कि इससे भूमि का मूल्य तात्विक रूप से ह्रासित होता है या इसे काश्तकारी के प्रयोजनार्थ अनुपयुक्त करते हैं
(क) रैयत या उसके परिवार के घरेलू या कृषि प्रयोजनाओं के लिए ईंट और कपड़ों का विनिर्माण
(ख) रैयत तथा उसके परिवार के पीने, घरेलू, कृषि या मत्स्य पालन के प्रयोजनों के लिए जलापूर्ति उपबंधित करने के आशय से तालाबों का उत्खनन या कुएँ की खुदाई तथा बाप और आहरों का निर्माण; तथा
(ग) रैयत तथा उसके परिवार के घरेलू या कृषि प्रयोजनों के लिए अथवा व्यापार या कुटीर उद्योग के प्रयोजनार्थ भवन उत्थापन ।
3. यदि कोई अधिभोगी रैयत, जो धारा-61 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट किसी भी रीति से अपनी जोत के लगान का भुगतान करता हो, ऐसी जोत पर उपधारा (2) के खंड (ख) में उल्लिखित किसी भी प्रयोजन के लिए तालाब उत्खनित करें तो इस तालाब उत्पादों में भू-स्वामी का हिस्सा बीस में नौ तथा रैयत का हिस्सा बीस में ग्यारह होगा।
28. (4) छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) अधिनियम उत्तरी छोटा नागपुर, दक्षिण छोटा नागपुर और पलामु डिवीजनों में लागू है, जिसमें कई नगर पालिकाओं और अधिसूचित क्षेत्रों को समितियों के तहत क्षेत्र शामिल हैं।
> इसे केवल संसद द्वारा ही निरस्त किया जा सकता है।
> राज्य सरकार के पास अधिनियम में संशोधन करने का अधिकार है। इसे सर्वेक्षण के लिए आदेश देने और अधिकार का रिकॉर्ड तैयार करने की शक्ति है।
29. (4) छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम की धारा 3 (xiii) में दी गई “कोरकर” की परिभाषा के अनुसार, कोरकाद का अर्थ है- ‘वह भूमि चाहे वह जिस किसी नाम से स्थानीय रूप में ज्ञात हो, जैसे बहवाला, खंडवत, जलसासन या अरियत जिसे मुख्यतः धान की खेती के लिए कृत्रिम रूप से चौरस किया गया हो या पुश्ता बनाया गया हो और जो
(a) पहले जंगल, बंजर या अनजुती थी, या जुती अधित्यका थी, अथवा जो पहले तो जुती थी, किन्तु अब प्रतिरोपित धान की खेती के लिए अयोग्य हो गयी हो, तथा
(b) भू-स्वामी से भिन्न किसी कृषक द्वारा या (भू-स्वामी से भिन्न ) किसी हितपूर्वाधिकारी द्वारा खेती के लिए तैयार की गयी हो,
30. (4) छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम के प्रयोजनार्थ काश्तकारों के निम्नलिखित वर्ग होंगे
1. भू-धारक, जिसमें उप भू धारक भी सम्मिलित हैं।
2. रैयत, यथा
(a) अधिभोगी रैयत, अर्थात् ऐसे रैयत, जिन्हें अपने रैयत द्वारा धारित भूमि में अधिभोगाधिकार हो ।
(b) अनधिभोगी रैयत, अर्थात् ऐसे रैयत, जिन्हें ऐसा अधिभोगाधिकार न हो. तथा
(c) ऐसे रैयत, जिन्हें खुंट की अधिकार प्राप्त हो ।
3. दर रैयत, अर्थात् ऐसा काश्तकार, जो चाहे अव्यवहित रूप से या व्यवहित रूप से रैयत के अधीन धारण करता हो, तथा
4. मुंडारी खुंट कट्टीदार
31. (2) छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) अधिनियम, जिसे 1908 में बिरसा आंदोलन के बाद भूमि से सम्बंधित मुद्दों को नियंत्रित करने और भूमि के अलगाव को रोकने के लिए अधिनियमित किया गया था, को आदिवासियों के लिए मैग्ना कार्टा माना जाता है।
> इस अधिनियम का खाका एक ब्रिटिश सामाजिक कार्यकर्ता जॉन हॉफमैन द्वारा तैयार किया गया था।
> यह उत्तरी छोटानागपुर, दक्षिण छोटानागपुर और पलामु मंडलों में प्रभावी है, जिसमें विभिन्न नगर पालिकाओं और अधिसूचित क्षेत्र समितियों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र शामिल हैं।
> इसे 11 नवम्बर, 1908 को अधिनियमित किया गया था।
32. (3) 1900 में अधिनियमित मैकपेरहेरॉन के बंदोबस्त के तहत भूमि काश्तकारी की गैर-हस्तांतरणीयता को कृषि कानूनों के अंतर्गत पेश किया गया था और इस प्रावधान को अंततः संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम, 1949 की धारा 20 में शामिल किया गया था।
> भूमि की गैर-हस्तांतरणीयता न केवल आर्थिक विकास और आदिवासी कानूनों के कल्याण के लिए बल्कि इस क्षेत्र में आदिवासी अशांति और सुरक्षित प्रशासन को लागू करने के लिए पेश की गई थी। यह अवधारणा संभाग में आदिवासी और गैर-आदिवासी भूमि जोत दोनों पर लागू थी।
> संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम 1949 की धारा 20 के अनुसार, किसी रैयत द्वारा अपनी जोत में या उसके व्यक्तियों के बीच बिक्री, उपहार, बंधक, वसीयत, पट्टे या किसी अन्य संविदा / अनुबंध या नियोजित द्वारा कोई हस्तांतरण मान्य नहीं होगा।
33. (3) संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम, 1949 की धारा 33 में बंदोबस्त की गई भूमि अगर 5 वर्ष की अवधि के अंदर आबाद नहीं हुआ, तो इस बंदोबस्त को उपायुक्त के द्वारा रद्द किया जाएगा।
> बंजर भूमि का बंदोबस्त पाँच साल के भीतर खेती नहीं करने पर उसे रद्द कर दिया जायेगा। ऐसा किसी भी भूमि को बंदोबस्त की तारीख से पाँच साल की अवधि के भीतर खेती नहीं किए जाने की स्थिति में किया जायेगा।
> जमाबंदीरियत, ग्राम प्रधान, मुलरैयत या जमींदार, जैसा भी मामला हो, द्वारा किए गए आवेदन पर उपायुक्त के लिए बंदोबस्त को रद्द करने का अधिकार प्रदान किया गया है ।
34. (1) संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम, 1949 की धारा 23 में रैयती भूमि के आदान-प्रदान के सम्बन्ध में बताया गया है।
(1) अपनी भूमि का आदान-प्रदान करने के इच्छुक रैयत उपायुक्त को लिखित रूप में आवेदन कर सकते हैं जो अपने विवेक से इस तरह के आदान-प्रदान की अनुमति दे सकते है ।
बशर्ते कि उपायुक्त तब तक विनिमय करने की अनुमति नहीं देगा जब तक कि वह संतुष्ट न हो कि,
(a) विनिमय पक्ष से बदले जाने वाली जमीन के जमाबंदी रैयत हैं, जो बदले जाने के लिए प्रस्तावित भूमि के संबंध में हैं,
(b) विनिमय किये जाने वाली प्रस्तावित भूमि उसी गाँव में या निकटवर्ती गाँव में है,
(c) कारोबार मुक्त बिक्री नहीं है बल्कि पक्षों के पारस्परिक सुविधा के लिए किए जाने वाले एक वास्तविक विनिमय है और
(d) विनिमय के लिए प्रस्तावित भूमि समान मूल्य की है या नहीं।
(2) उप-धारा (1) के प्रावधानों के तहत और उपायुक्त की लिखित रूप से पूर्व अनुमति के बिना भूमि का कोई भी आदान-प्रदान धारा 20 के उल्लंघन में किया गया हस्तांतरण माना जाएगा।
35. (1) संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम, 1949 झारखंड के संथाल परगना संभाग में काश्तकारी का पहला संहिताबद्ध कानून है।
> इस अधिनियम के तहत किए गए। आवेदन के बाद एक वर्ष (जबतक कि इससे सम्बंधित कार्रवाई चल रही होती है) तक कहीं और आवेदन नहीं किया जा सकता।
36. (1) संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम, 1949 के धारा 60 में समीक्षा का प्रावधान है।
(1) आयुक्त, लिखित रूप में दर्ज किए | जाने वाले पर्याप्त कारणों से किसी भी आदेश की समीक्षा कर सकता है जो इस अधिनियम द्वारा प्रदत्त किसी भी शक्ति का प्रयोग करते हुए स्वयं या पूर्ववर्ती द्वारा पारित किया गया है।
(2) आयुक्त के अधीनस्थ कोई अधिकारी उसके द्वारा या पूर्ववर्ती द्वारा किए गए किसी भी आदेश की समीक्षा नहीं करेगा, सिवाय एक लिपिकीय त्रुटि अन्य त्रुटि को ठीक करने के उद्देश्य से
(a) डिप्टी कलेक्टर या उप-मंडल अधिकारी के मामले में, उपायुक्त की अनुमति; तथा
(b) उपायुक्त या अतिरिक्त उपायुक्त के मामले में, आयुक्त की अनुमति।
37. (2) झारखंड राज्य सरकार ने अगस्त, 2017 में विधानसभा में भूमि अधिग्रहण (झारखंड संशोधन) अधिनियम पारित किया था और इसे 29 जून, 2018 को अधिसूचित किया गया था।
> संशोधन के अंतर्गत RFCTLARR अधिनियम, 2013 में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए जिसने अनिवार्य रूप से औपनिवेशिक 1894 अधिनियम को प्रतिस्थापित किया।
> यह अधिनियम 1 जनवरी, 2014 से प्रभावी माना जाएगा।
38. (1) झारखंड किराया नियंत्रण अधिनियम 2011 के तहत, किसी भी व्यक्ति के लिए किसी भी भवन के अनुदान, नवीनीकरण या किरायेदारी के जारी रहने पर, किसी भी किस्त जुर्माना या किसी भी भुगतान का दावा करना या प्राप्त करना वैध नहीं होगा। इस तरह के भवन के किराये के अलावा अन्य समान राशि या अग्रिम रूप से किराये के रूप एक महीने के किराये से अधिक की राशि का भुगतान शामिल हैं।
39. (1) जोजोहातु गाँव झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित है।
> यह क्रोमाइट संग्रहीत करने के लिए प्रसिद्ध
> पूर्वी भारत के सिंहभूम क्रेटन में क्रोमाइट का आर्थिक रूप से भंडारण होता है।
> आर्कियन ग्रीनस्टोन क्षेत्र में स्तरित अल्ट्रामैफिक चट्टानें पाई जाती हैं ।
40. (4) यूरेनियम को आमतौर पर ऊर्जा के विशाल स्रोत के साथ प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रेडियोधर्मी पदार्थ के रूप में समझा जाता है।
> वर्ष 1951 में सिंहभूम थ्रस्ट बेल्ट के जादूगुड़ा में देश का पहला यूरेनियम भंडार खोजा गया और 1957 में यहाँ खनन ॐ गतिविधियाँ शुरू हुई।
> इनमें से कुछ खनन क्षेत्र जैसे भटिन, नरवापहार, तुरमडीह अब देश की प्रसिद्ध यूरेनियम खदानें हैं और अन्य खननों जैसे बगजाता, बंदुहुरंग, गरडीह, माहुलडीह आदि में वाणिज्यिक खनन कार्यों की क्षमता है।
41. (2) मोतीझरा जलप्रपात राजमहल की पहाड़ियों में अजय नदी पर स्थित है।
> यह 150 फीट की ऊँचाई से नीचे गिरता
> अजय नदी बिहार में जमुई जिले के चकाई ब्लॉक से बटपर से निकलती है। यह फिर देवीपुर के पास झारखंड में प्रवेश करती है और झारखंड से होकर बहती है और यह चित्तरंजन के पास सिमजुरी में पश्चिम बंगाल में प्रवेश करती है ।
42. (4) कनहर नदी सोन नदी की एक सहायक नदी है। यह छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों से होकर बहती है।
> इसका उद्गम छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में खुदिया पठार पर गिधा-धोधा (GidhaDhodha ) से होता है। यह शुरू में झारखंड के पलामु डिवीजन में गढ़वा जिले के साथ सीमा बनाते हुए उत्तर की ओर बहती है।
> यह गढ़वा जिले के भंडारिया ब्लॉक से झारखंड में प्रवेश करती है।
43 (4) पिपरवार, अशोक, सारधू और मागेध जो ऊपरी दामोदर घाटी के सी.डी. प्रखंड. के टंडवा में स्थित है वहाँ कोयले की खदानें हैं।
44. (2) ब्राह्मणी भारत में प्रायद्वीपीय नदियों में से एक प्रमुख अंतर्राज्यीय पूर्व की ओर बहने वाली नदी है।
> इसकी बेसिन बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और उड़ीसा राज्यों को कवर करती है और 39033 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में बहती है।
> ऊपरी भाग में दक्षिण कोयल के रूप में जानी जाने वाली ब्राह्मणी झारखंड के राँची जिले के नगरी गाँव के पास लगभग 600 मीटर की ऊँचाई से निकलती है।
> इसकी कुल लंबाई लगभग 799 किलोमीटर है।
> इस नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ शंख, टिकरा और कारो हैं।
45. (2) क्रमश: सीटू और एक्स-सीटू संरक्षण स्थान उनके प्राकृतिक आवास के भीतर या बाहर प्रजातियों की विविधता के रखरखाव पर केंद्रित है।
> एक्स-सीटू संरक्षण में चिड़ियाघर, उद्यान, नर्सरी आदि सहित विशिष्ट क्षेत्रों में आंशिक या पूर्ण नियंत्रित परिस्थितियों में लुप्तप्राय पौधों और जानवरों का रखरखाव और प्रजनन शामिल है।
> अर्थात्, चुने हुए पौधों और जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास के बाहर चयनित क्षेत्रों में संरक्षण को एक्स-सीटू संरक्षण के रूप में जाना जाता है।
46. (1) 79,714 वर्ग किमी के भौगोलिक क्षेत्र के साथ झारखंड देश के कुल क्षेत्रफल का 2.42% भाग है।
> राज्य का कुल दर्ज वन क्षेत्र 23,605 वर्ग किमी है जो राज्य के भौगोलिक क्षेत्र का 29.62% भाग है।
47. (1) 2019 के आँकड़ों के अनुसार झारखंड में प्रति व्यक्ति वन और वृक्ष आच्छादन 0. 08 हेक्टेयर है।
> राज्य के कुल वनावरण घनत्व वर्गों के संदर्भ में, राज्य में बहुत घना वन (वीडीएफ) 2,603.20 वर्ग किमी है, मध्यम घने वन (एमडीएफ) 9,687.36 वर्ग किमी हैं और खुले वन (ओएफ) 11,320.85 वर्ग किमी हैं।
48. (4) पलामु को 1973-74 में एक संरक्षित वन आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया था, जब यहाँ प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया गया था।
> पलामु टाइगर रिजर्व छोटानागपुर पठार के पश्चिमी भाग में स्थित है और दो जिलों, लातेहार और गढ़वा में फैला हुआ है।
> पीटीआर के 1129.93 वर्ग किमी क्षेत्र में से 414.08 वर्ग किमी कोर क्षेत्र (गंभीर बाघ आवास) और शेष 715.85 वर्ग किमी बफर क्षेत्र के रूप में चिह्नित है। कुल क्षेत्रफल में से 226.32 वर्ग किमी को बेतला राष्ट्रीय उद्यान के रूप में नामित किया गया है। बफर जोन में 53 वर्ग किमी को पर्यटन क्षेत्र के रूप में चिह्नित गया है।
49. (2) झारखंड के प्राकृतिक संसाधन, नीतिगत प्रोत्साहन और स्थान – विशिष्ट लाभ, खनन और धातु निष्कर्षण, इंजीनियरिंग, लोहा, इस्पात एवं रसायन जैसे क्षेत्रों में निवेश के अनुकूल हैं।
> झारखंड में औद्योगीकरण सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने अब तक 16 नीतियाँ बनाई हैं।
50. (3) झारखंड राज्य में औद्योगीकरण की अपार संभावनाएँ हैं, जहाँ खनिजों का विशाल भंडार पाया जाता है। यहाँ देश के कुल खनिजों का 40% भाग है। झारखंड कोकिंग कोल, यूरेनियम और पाइराइट का एकमात्र उत्पादक है। यह भारत में कोयला, अभ्रक, काईनाइट और तांबे के उत्पादन में प्रथम स्थान पर है।
> झारखंड की औद्योगिक नीति 2001 में तैयार की गई थी।
> रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए सितम्बर, 2015 में औद्योगिक पार्क नीति लागू हुईं।
51. (4) “भ्रमित माओवादी युवाओं” को वापस मुख्य धारा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु झारखंड सरकार ने 2001 में एक आत्मसमर्पण नीति पेश की।
> परिणाम उत्साहजनक नहीं थे, इसलिए उनके लिए मौद्रिक मुआवजे को बढ़ाने के अलावा, पुनर्वास एवं उनके लिए वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था करने को शामिल करने के लिए वर्ष 2008 में इस नीति में सुधार किया गया था।
> श्रेणी – वार मुआवजा प्रदान करने के लिए 2015 की नीति में कुछ और सुधार किया गया।
52. (2) झारखंड सिल्क टेक्सटाइल एंड हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (झारक्राफ्ट) 2006 में स्थापित झारखंड सरकार की एक एजेंसी है।
> झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के दीर्घकालिक उत्थान के लिए 23 अगस्त, 2006 को ‘झारक्राफ्ट’ की स्थापना हुई थी, ताकि छुपे हुनर की पहचान और उपलब्ध संसाध नों का इस्तेमाल कर उनके जीवन को आयाम दिया जा सके।
> पहले वर्ष में संगठन विभिन्न श्रेणियों की उत्पादन इकाइयों के आयोजन में लगा हुआ था। आज, यह आजीविका के एक स्थायी स्रोत के लिए हथकरघा और हस्तशिल्प के क्षेत्र में प्रोत्साहन प्रदान करता इसका गठन ग्रामीण कलाकारों द्वारा बनाए गए माल को विपणन प्रदान करने के लिए किया गया था।
53. (4)
> झारखंड निर्यात नीति 2015 राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने और 2019 तक भारत के निर्यात में अपनी हिस्सेदारी को 2% तक बढ़ाने की परिकल्पना के लिए तैयार की गई है।
> राज्य से निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुएँ लोहा और इस्पात, ऑटो कलपुर्जे, अभ्रक, मोटर वाहन / कार आदि हैं ।
> इसमें राज्य स्तर पर निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य में संस्थागत तंत्र स्थापित करने के प्रावधान शामिल हैं।
54. (3) “डाकिया” योजना आदिम जनजातीय समूहों ( Primitive Tribal Groups, PTG) के लिए केंद्र सरकार द्वारा आरम्भ की गई योजना है। यह मुफ्त चावल योजना औपचारिक रूप से अप्रैल 2017 में झारखंड राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई थी।
> झारखंड में आठ आदिम आदिवासी समूह हैं, जैसे असुर, बिरहोर, बिरजिया, कोरवा, पहाड़िया, सबर, माल पहाड़िया और सौरिया पहाड़िया।
> इस योजना के तहत, सभी पीवीटीजी परिवारों को उनके दरवाजे पर प्रति माह 35 किलो चावल मुफ्त मिलता है। इन चावल के पैकेटों को स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा पैक किया जाता है। इस योजना के तहत शून्य कीमतों पर 35 किलोग्राम चावल प्रदान किया जाता है, जो कि पीवीटीजी का प्राथमिक भोजन है। दूसरा, आदिम जनजातीय समूहों के दरवाजे पर चावल पहुँचाया जाता है, यह उन्हें यात्रा लागत के बोझ से मुक्त करता है। तीसरा, यह सुनिश्चित करके कि चावल घर-घर पहुँचा दिया जाए, यह योजना पीवीटीजी को दिहाड़ी मजदूरी का अपना कार्य करने और पैसा कमाने में सक्षम बनाती है।
55. (3) भारत में भारी इंजीनियरिंग निगम (एचईसी), राँची को तत्कालीन सरकार ( द्वारा 7199.51 एकड़ भूमि प्रदान की गई थी। बिहार सरकार द्वारा हस्तांतरण के विलेखपर 26.02.1996 को हस्ताक्षर किए गए थे।
> 2017 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने झारखंड सरकार को 675.43 एकड़ एचईसी भूमि के हस्तांतरण के माध्यम से हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) लिमिटेड, राँची द्वारा उपयोग में नहीं आने वाली भूमि के मुद्रीकरण के लिए अपनी मंजूरी दी ।
56. (1) टीआरएफ लिमिटेड को 20 नवम्बर, 1962 को टाटा रॉबिन्स फ्रेजर लिमिटेड के रूप में शामिल किया गया था।
> इसे टाटा स्टील और एसोसिएटेड सीमेंट कंपनीज लिमिटेड (एसीसी) द्वारा, यूएसए के हेविट रॉबिन्स इंक. (एचआर) और यूके के जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड (जीईसी) फ्रेजर एंड चाल्मर्स डिवीजन के साथ वित्तीय और तकनीकी सहयोग में बढ़ावा दिया गया था।
57. (2) दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) एक भारतीय सरकारी संगठन है जो पश्चिम बंगाल और झारखंड के दामोदर नदी क्षेत्र में काम करता है।
> डीवीसी ने अपने बुनियादी ढांचे को छः थर्मल पॉवर स्टेशनों (6750 मेगावाट) और तीन हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पॉवर स्टेशनों में 147.2 मेगावाट की क्षमता के साथ विकसित और विस्तारित किया, जो 6897.2 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता में योगदान करते हैं।
> अप्रैल 2021 तक, झारखंड में 2547.87 मेगावाट की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता थी, जिसमें निजी उपयोगिताओं के तहत 636.36 मेगावाट, 554.05 मेगावाट (राज्य उपयोगिताओं) और 1357.46 मेगावाट (केंद्रीय उपयोगिताओं) शामिल हैं।
58. (2) हुडको: अशोक नगर, राँची -2
> वेदांत: हरमू हाउसिंग कॉलोनी, हरमू, राँची – 2
> डालमिया सीमेंट भारत लिमिटेड: बालीडीह, बोकारो स्टील सिटी, बोकारो – 14
59. (1) झारखंड ने विश्व स्तरीय सुविधाओं के निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर निवेश को आकर्षित करने और मूल्य श्रृंखला के प्रत्येक स्तर पर ‘मेक इन इंडिया’ और ‘शून्य दोष-शून्य प्रभाव’ के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए कपड़ा, परिधान और जूते नीति, 2016 की शुरुआत की।
> इसका उद्देश्य कताई, बुनाई (हथकरघा और पॉवरलूम) जैसी सभी आवश्यक मूल्य श्रृंखला गतिविधियों की क्षमता को मजबूत करना और बढ़ाना है, जिसमें पूर्व करघा गतिविधियाँ, बुनाई, प्रसंस्करण, परिधान, तकनीकी वस्त्र और कपड़ा मशीनरी निर्माण सहित अन्य सहायक गतिविधियाँ शामिल हैं।
60. (3) पीवीटीजी डाकिया को औपचारिक रूप से अप्रैल 2017 में झारखंड राज्य सरकार द्वारा आरम्भ किया गया था।
> योजना शून्य मूल्य पर 35 किलोग्राम चावल प्रदान करती है, जो कि पीवीटीजी का प्राथमिक भोजन है।
> यह सुनिश्चित करके कि चावल PVTGs को उनके दरवाजे पर पहुँचाया जाता है, यह उन्हें यात्रा लागत के बोझ से मुक्त करता है।
> यह सुनिश्चित करके कि चावल घर-घर पहुँचा दिया गया है, यह योजना पीवीटीजी को दिहाड़ी मजदूरी का अपना कार्य करने और पैसा कमाने में सक्षम बनाती है।
61. (2) विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित ग्रामीण विकास के दोहन के लिए झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के अवसरों को भुनानेवाली (जोहार) परियोजना का उद्देश्य झारखंड के परियोजना क्षेत्रों में लक्षित लाभार्थियों के लिए चुनिंदा कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों में घरेलू आय में वृद्धि और विविधता लाना है।
> 200,000 से अधिक ग्रामीण परिवारों और लगभग 3,500 किसान उत्पादक समूहों को इस परियोजना से लाभ होने की उम्मीद है, जिसमें महिलाएँ उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन में प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।
62. (2) ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने के लिए झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ‘बिरसा हरित ग्राम योजना ‘ ( मुख्यमंत्री हरित ग्राम योजना) नामक एक योजना शुरू की है।
> बीएचजीवाई ने लगभग दो लाख एकड़ अप्रयुक्त सरकारी परती भूमि में वनरोपण करने की मांग की। इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों को 500 एकड़ भूमि पर फलों के पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
> इस कार्यक्रम ने उन्हें न केवल 100 दिनों का रोजगार प्रदान किया, बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण भी प्रदान किया।
63. (4) ‘मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना’ झारखंड सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए इंग्लैंड और आयरलैंड के विश्वविद्यालयों में उच्च अध्ययन करने के लिए शुरू की गई है।
> छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले छात्रों को रहने और अन्य विविध खर्चों के साथ-साथ पूर्ण ट्यूशन फीस प्रदान करने की सुविधा भी दी गई हैं ।
> इस योजना के तहत, झारखंड में रहने वाले अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग से हर साल 10 छात्रों का चयन किया जाएगा।
> लीड्स कला विश्वविद्यालय इसके अंतर्गत नहीं आता है।
64. (4) एमईएसओ अस्पताल को दूरस्थ क्षेत्रों में स्थापित किया गया है, ये वैसे क्षेत्र हैं जहाँ जनजातीय समुदायों को स्वास्थ्य बेहतर सेवा और सामान्य स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएँ प्राप्त नहीं हो पाती हैं।
> गैर सरकारी संगठनों की सहायता से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के रूप में इसे स्थापित किया गया है।
> अस्पतालों में ओपीडी, इनपेशेंट सेवाएँ, महिलाओं से संबंधित स्वास्थ्य केंद्र और बाल स्वास्थ्य, सुरक्षित जल आपूर्ति और स्वच्छता, जांच सेवाएँ आदि उपलब्ध कराई गई हैं।
65. (1) जिला: – वन के अंतर्गत भौगोलिक क्षेत्र (%)
जामताड़ा:  5.56
देवघर: 8.22
पाकुर: 15.85
गिरिडीह : 18.16
66. (3) झारखंड में दर्ज कुल वन क्षेत्र (आरएफए) 23,605 वर्ग किमी है जो कि इसके भौगोलिक क्षेत्र का 29.61% है।
> बंजर भूमि वह भूमि होती है जिसमें पाँच से अधिक वर्षों तक कृषि नहीं की गई और इसे बिना खेती के छोड़ दी जाती है।
> कृषि योग्य बंजर भूमि का क्षेत्रफल 4.43% है।
67. (3) गौतम बुद्ध वन्यजीव अभयारण्य’ (GBWLS) को 1976 में वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था।
> यह अभयारण्य बिहार के गया जिले और झारखंड के हजारीबाग और चतरा जिलों में फैला है
> यह निचले गंगा के मैदानों के नम पर्णपाती जंगलों और छोटा नागपुर शुष्क पर्णपाती वनों के क्षेत्रों तक विस्तृत है।
68. (2) झारखंड में औषधीय पौधों की कुछ लुप्तप्राय प्रजातियों को विलुप्त होने से रोकने के लिए एक अनूठी पहल के तहत वन विभाग पूरे झारखंड में 18 वन संभागों में ‘आरोग्य वन’ (औषधीय वन) विकसित करने की प्रक्रिया में लगा है।
> औषधीय पौधों की लुप्तप्राय प्रजातियों को रोकने के लिए वन विभाग ने बोकारो के पेटारवार में एक हेक्टेयर भूमि पर एक आयुर्वेदिक पौधों की नर्सरी बनाई है।
> वृक्षारोपण के लिए पहचाने जाने वाले पौधों की दुर्लभ, लुप्तप्राय और संकटग्रस्त प्रजातियों में सीता अशोक, सोनाचल, अनोला, हरे, बहेरा, नीम, बेल, सतावर, कालमेघ, बांदा, कलिहारी आदि शामिल हैं।
69. ( 3 ) उत्तरी करनपुरा कोयला क्षेत्र कई कारणों से महत्वपूर्ण हैं:
> ये कोयला क्षेत्र दक्षिण में राँची पठार और उत्तर में हजारीबाग पठार के बीच स्थित ऊपरी दामोदर नदी घाटी में स्थित हैं।
> कोलफील्ड्स का आकार 1,230 वर्ग किमी और उनमें कोयला भंडार 14 बिलियन टन अनुमानित है जो भारत के कोयला भंडार का 9 प्रतिशत है, यह दक्षिण एशिया तो नहीं, लेकिन भारत में सबसे बड़ा है।
> इन कोयला क्षेत्रों के केवल एक छोटे से क्षेत्र का अभी तक दोहन किया गया है, अधिकांश नियोजित खनन ब्लॉक अभी तक अछूते हैं।
70. (1) झारखंड राज्य का निर्माण वर्ष 2000 में तत्कालीन बिहार राज्य के पहाड़ी और पठारी क्षेत्रों को विभाजित करके किया गया था।
> राज्य का घुमावदार पहाड़ी इलाका और मिट्टी की संरचना नहर आधारित सिंचाई प्रणाली के अनुरूप नहीं है, जिससे राज्य में खेती का 92 क्षेत्र असिंचित हैं।
71. (2) झारखंड ऊर्जा के नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय दोनों संसाधनों में समृद्ध है, जिसमें प्रचुर मात्रा में जल प्रपात, नदियाँ, परमाणु खनिज और विशाल कोयला भंडार
> झारखंड में देश के खनिज संसाधनों का 40% उपलब्ध भंडार है, और यह देश में कोयला, अभ्रक, काईनाइट और तांबे के उत्पादन में पहले स्थान पर है।
> यह खाना पकाने के कोयले, यूरेनियम और पाइराइट का एकमात्र उत्पादक राज्य है।
72. (4) झारखंड की भारी उद्योगों और खनन पर अत्यधिक निर्भरता इसे ग्रीनहाउस गैसों (जीएचजी) का एक बड़ा उत्सर्जक बनाती है। ऐसी गैसों के क्षेत्रीय योगदान की पहचान करने के लिए राज्य का उत्सर्जन पदचिह्न आवश्यक है।
> मानवजनित ग्रीनहाउस गैसें ( ज्यादातर CO2 ) मौसम में बदलाव और वैश्विक औसत तापमान वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं।
73. (3) झारखंड ने 2011 में अपनी राज्य जल नीति आरंभ की। यह निरंतर बढ़ रहे गरीबी में कमी करने और क्षेत्रीय असंतुलन को कम करने के लिए पर्यावरणीय रूप से स्थायी तरीके से बेहतर और अधिक न्यायसंगत और उत्पादक जल संसाधन प्रबंधन के लिए दृष्टिकोण निर्धारित करता है।
> इसका उद्देश्य जल उपयोगकर्ता संगठनों को प्रोत्साहित करना और जल संसाधन योजना के विकेन्द्रीकरण के लिए नए संस्थागत तंत्र के निर्माण को सक्षम बनाना
> जल नीति के दृष्टिकोण में जल उपयोग में दक्षता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना और अन्य दृष्टिकोणों का समर्थन करने के लिए उपयुक्त कानून बनाना भी शामिल है।
74. (4) राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दो उद्देश्य हैं:
> किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए योजनाओं और रणनीतियों का विकास और अद्यतनीकरण |
> आपदाओं से क्षतिग्रस्त बुनियादी ढाँचे की बहाली और सुदृढ़ीकरण के लिए परियोजनाएँ शुरू करना ।
75. (4) जलवायु परिवर्तन पर झारखंड की राज्य कार्य योजना (एसएपीसीसी) के उद्देश्य हैं:
> राज्य में विभिन्न क्षेत्रों के लिए जलवायु परिवर्तन के जोखिमों की पहचान करना ।
> एक व्यापक राज्य स्तरीय मानचित्रण बनाना और जलवायु परिवर्तन से जुड़े जोखिमों की पहचान करना ।
> जलवायु से जुड़े जोखिमों के प्रबंधन के लिए क्षेत्रीय नीतियों को निर्धारित करना और इन नीतियों और योजनाओं के बीच आने वाली किसी भी समस्या को समाप्त करने वाले उपायों को निर्धारित करना ।
> जलवायु परिवर्तन व्यवस्था के अंतर्गत नीति और कार्रवाई ढांचे को परिभाषित करने में मदद करने वाले विशिष्ट अनुकूलन और शमन उपायों की पहचान, मूल्यांकन और सिफारिश करना।
> निर्धारित दृष्टिकोणों और कार्यों की दक्षता बढ़ाने के लिए बेहतर समन्वय और एकीकरण के लिए उपयुक्त और सक्षम कार्यान्वयन एजेंसियों की पहचान करना।
> जलवायु परिवर्तन शमन और अनुकूलन सह-लाभों के लिए विशिष्ट उपायों का आकलन और सिफारिश करना जो हितधारकों के विचारों और चिंताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और जो क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य के अनुरूप हैं।
76. (3) झारखंड में वर्षा के पैटर्न में पिछले दशकों के दौरान महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए हैं ।
> वर्ष 1991 से 2000 तक सभी दशकों में सबसे अधिक वर्षा (औसत 1623.5 मिनी) हुई, जबकि 1956 से 1960 के दौरान राज्य द्वारा न्यूनतम औसत वर्षा दर्ज की गईं
>  1956-2000 के दौरान देखी गई प्रवृत्ति के विपरीत, 2001-08 की अवधि में वार्षिक वर्षा में तेज गिरावट देखी गईं।
> 2000 के बाद राज्य में भयंकर सूखा पड़ा।
77. (3) झारखंड के चौबीस जिलों में से एक सरायकेला-खरसावां को एनएपीसीसी के तहत हरित भारत मिशन के लिए सामाजिक और कृषि वानिकी के माध्यम से और ग्राम सभाओं की भागीदारी के माध्यम से 5000 हेक्टेयर से अधिक भूमि की गुणवत्ता में सुधार के लिए चुना गया है।
> इससे न केवल जिले के पर्यावरण प्रदर्शन में सुधार होगा बल्कि यह ग्रामीण संस्थानों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।
78. (1) झारखंड राज्य भी आंध्र प्रदेश मॉडल के अनुरूप वहाँ होने वाले खनन से सम्बंधित कुछ कानून लाने के प्रस्ताव तैयार कर रहा है ताकि खनन क्षेत्रों से उत्पन्न होने वाले संसाधनों को स्थानीय निकायों में वापस लाया जा सके।
> राज्य सरकार ने वन अधिकार अधिनियम के माध्यम से वनवासियों के अधिकार उन्हें उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है, क्योंकि यह उन्हें वन भूमि पर कृषि फसलों का उत्पादन शुरू करने में सक्षम बनाएगी जो सकल / शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद (राज्य के जीएसडीपी) में वृद्धि करेगी।
79. ( 2 ) यूएनडीपी द्वारा समर्थित, झारखंड राज्य सरकार ने जेएपीसीसी को विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की है।
> मई 2011 में राज्य संचालन समूह और राज्य सलाहकार समूह (एसएजी) का गठन किया गया।
> राज्य स्तरीय संचालन समिति की अध्यक्षता राज्य के विकास आयुक्त करते हैं और इसमें 13 विभागों के मुख्य सचिव, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष और झारखंड के सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में शामिल होते हैं।
> इसका कार्य विभिन्न विभागों के बीच बातचीत और कार्रवाई सुनिश्चित करके पूरी योजना प्रक्रिया का समन्वय करना था। समिति को जलवायु परिवर्तन पर योजना विकसित करने के लिए राज्य की तैयारियों और महत्वपूर्ण पहलुओं की देखरेख करने की भूमिका सौंपी गई थी।
80. (3) भारत सरकार ने 30 जून, 2008 को जलवायु परिवर्तन पर आठ राष्ट्रीय मिशनों की रूपरेखा तैयार करते हुए जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी) शुरू की।
> ये आठ मिशन ऊर्जा दक्षता बढ़ाने पर केंद्रित हैं; कुल ऊर्जा मिश्रण में सौर ऊर्जा की पैठ बढ़ाना; जलवायु के अनुकूल टिकाऊ आवास विकसित करना; एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन के लिए जल मिशन; जलवायु परिवर्तन के प्रति इसे और अधिक लचीला बनाने के लिए टिकाऊ कृषि मिशन; वनों की पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाने और इसकी कार्बन पृथक्करण क्षमता को बढ़ाने के लिए एक हरित मिशन; हिमालयी ग्लेशियर और पर्वतीय पारिस्थितिकी प्रणालियों को बनाए रखने और उनकी सुरक्षा के लिए हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र पर एक मिशन; और अंतिम मिशन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन की चिंताओं को दूर करने के लिए रणनीतिक ज्ञान आधार विकसित करना है।
> एनएपीसीसी राज्य जलवायु परिवर्तन कार्य योजनाओं के विकास के लिए मंच तैयार करता है।
81. (4) आईपीसीसी एसआरईएस परिदृश्य भारत के सभी भागों के लिए वार्षिक औसत सतही वायु तापमान में वृद्धि का संकेत देता है।
> 2020 से 2080 के दौरान झारखंड के सभी जिलों में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि होगी। 2080 तक गर्मी के साथ-साथ सर्दी के मौसम में भी तापमान में वृद्धि हो जाएगी।
> औसत गर्मी के अधिकतम तापमान के साथ-साथ औसत सर्दियों के न्यूनतम तापमान में वृद्धि होगी।
> 2020-2080 के बीच गर्मी के मौसम का तापमान अधिकतम 2.30°- 3.00° सेंटीग्रेड तक बढ़ जाएगा, जबकि इसी अवधि के दौरान सर्दियों का तापमान 4.78° C से 5.2°C सेंटीग्रेड तक बढ़ जाएगा।
> सर्दियों का तापमान इस हद तक बढ़ जाएगा कि 2080 में न्यूनतम तापमान 2020 के उच्चतम न्यूनतम तापमान से अधिक हो जाएगा।
82. (1) झारखण्ड में शहरीकरण का स्तर राष्ट्रीय औसत से कम है।
> 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की केवल 24.05 प्रतिशत जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में रहती थी जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आँकड़ा 32 प्रतिशत था।
> शहरीकरण का स्तर धनबाद जिले में सबसे अधिक था जहाँ पचास प्रतिशत से अधिक आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है, इसके बाद पूर्वी सिंहभूम और बोकारो का स्थान आता है।
> राज्य का सबसे कम शहरीकृत जिला गोड्डा था जहाँ शहरीकरण का स्तर केवल 4.91 प्रतिशत था।
83. (2) 2017 से झारखंड को भारत के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में पहचाना गया है।
> कचरा प्रबंधन प्रथाओं और ओडीएफ टैग को बनाए रखने के प्रयासों के कारण, झारखंड को स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में छत्तीसगढ़ के बाद दूसरे स्थान पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य घोषित किया गया।
> स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के घटकों के प्रत्यक्ष अवलोकन के अनुसार, झारखंड शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य है; झारखंड के 42 यूएलबी में से 35 ने इस श्रेणी के तहत 70% से अधिक अंक प्राप्त किए हैं।
84 (1) साहिबगंज एकमात्र ऐसा जिला है जहाँ सामान्य से कुछ अधिक बारिश होती है। यहाँ सामान्य औसत 951 मिमी के मुकाबले 1040 मिमी बारिश होती है।
> चौबीस जिलों में से केवल चार सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम, हजारीबाग और साहिबगंज में सामान्य औसत की तुलना में 90 प्रतिशत से अधिक बारिश होती है।
> पाकुड़, राँची, दुमका, लातेहार और बोकारो में सबसे कम वर्षा होती है क्योंकि वहाँ सामान्य औसत से 65 प्रतिशत से भी कम बारिश होती है।
85. (2) मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना (एमएमकेएवाई) की घोषणा जनवरी 2019 में की गई थी और इसे अगस्त 2019 में क्रियान्वित किया गया था।
> MMKAY योजना झारखंड में किसानों को कल्याण और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य है।
> वित्तीय वर्ष 2019-2020 से राज्य के बजट में शामिल की गई यह योजना राज्य सरकार की पहली ऐसी योजना है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) माध्यम से 100 प्रतिशत निपटान प्रदान करती है।
> एमएमकेएवाई योजना के पहले चरण तहत, 13.60 लाख किसानों को उनकी प्रत्येक एकड़ भूमि के लिए 5000 रुपये की अधिकतम राशि 25,000 रुपये के साथ वितरित की जाएगी।
86. (4) झारखंड उस क्षेत्र में आता है जहाँ खरीफ फसलों के खरीद (केएमएस) के दौरान मुख्य रूप से धान की खरीद की जाती है।
> खरीफ फसलों के खरीद का समय एक वर्ष तक रहता है, यानी 1 अक्टूबर से अगले वर्ष के 30 सितम्बर तक चलता है।
87. (1) झारखंड के जीएसवीए (सकल राज्य मूल्य वर्धित) में औद्योगिक क्षेत्र की हिस्सेदारी वर्ष 2011-12 में लगभग 45 प्रतिशत थी।
> वर्ष 2019-20 में इसके घटकर लगभग 39 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
> हालांकि सभी क्षेत्रों की हिस्सेदारी में गिरावट आई है, बिजली, गैस, पानी की आपूर्ति और अन्य उपयोगी सेवाओं के उत्पादन के मूल्य के हिस्से में सबसे तेज गिरावट आई है।
88. (1) भारत सरकार ने झारखंड के देवघर जिले में प्लास्टिक पार्क की स्थापना को मंजूरी दे दी है।
> परियोजना को 120 करोड़ रुपये की लागत से आरम्भ किया जाएगा। 150 एकड़ के क्षेत्र में और बुने हुए बोरे, मोल्डेड फर्नीचर, पानी की टंकी, बोतलें, पाइप, मच्छरदानी आदि उत्पादों की एक श्रृंखला का निर्माण किया जाएगा।
> झारखंड सरकार प्लास्टिक पार्क के साथ-साथ प्लास्टिक इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के लिए एक केंद्रीय संस्थान (CIPET) स्थापित करने के लिए सुविधाएँ, भूमि और भवन का बुनियादी ढाँचा प्रदान कर रही है।
89. (4) हालांकि उनका धर्म मूल रूप से मानववादी है, मुंडा एक सर्वोच्च प्राणी में विश्वास करते हैं जिसे वे सिंग बोंगा कहते हैं।
> देवताओं के दो अन्य वर्ग (बोंगा) हैं – ग्राम देवता और घरेलू देवता। वे पूर्व मुंडा जीवन के हर पहलू को प्रभावित करते हैं, जैसे कि उनकी दैनिक गतिविधियों से लेकर उनकी कृषि तक।
> गाँव के पवित्र उपवन में इन देवताओं की पूजा कराने वाले गाँव के पुजारी के प्रमुख को पाहन कहा जाता है जो मूलरूप से इस पूजा को संपन्न करवाते हैं।
90. (3) नागवंशावली के अनुसार, तीसरे नागवंशी राजा प्रताप राय ने अपनी राजधानी को सुतियाम्बे से आज के चुटिया में स्थानांतरित कर दिया था ।
> नागवंशी इतिहास के अनुसार फणी मुकुट राय नागवंशी वंश के संस्थापक थे जो नाग राजा तक्षक के वंशज पुंडरिका नाग के पुत्र थे। वह मद्रा मुंडा के दत्तक पुत्र थे।
91. (1) कई समूहों को मिलाकर परहवाओं का निर्माण जिनमें से प्रमुख ‘परहा हुआ, राजा’ कहलाते थे। परहवास की पंचायत को ‘परहा पंचायत’ कहा जाता है।
> इस पंचायत में पाँच थे, जो राजा के अधीन काम करते थे। ये अधिकारी थे दीवान, ठाकुर, पांडे, कर्ता और लाल। ये सभी पद वंशानुगत थे।
92. (2) संथालों के पास स्वशासन की एक सुस्थापित और पूरी तरह से पूर्ण प्रणाली है। प्रत्येक गाँव में एक मुखिया होता है, जिसे मांझी कहा जाता है।
> मांझी ग्राम प्रधान का उप प्रधान या सहायक होता है।
> मांझी के पास ग्रामीणों के सामाजिक और धार्मिक कल्याण की देखभाल में उनकी सहायता के लिए तीन आदमी होते हैं जिन्हें जोग-मांझी, परमानिक और कोटल के नाम से जाना जाता है।
> सभी चार अधिकारी वंशानुगत होते हैं, और वे ग्रामों में होने वाले समारोहों जैसे जन्म, विवाह और मृत्यु के सफलतापूर्वक संचालन के लिए जिम्मेवार होते हैं।
93. (2) मुंडा गाँव के किसी ऊँचाई वाले स्थान पर निवास करते हैं जहाँ उनके लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध होता है, और उनके एक साथ कई घर बने होते हैं।
> अपने घरों के अलावा, उनका अन्य निवास स्थान गाँव का पवित्र उपवन (सरना), गाँव के केंद्र में सार्वजनिक सभा स्थल (अखरा) और गाँव का कब्रिस्तान होता है।
94. (4) ढोकलो सोहोर खारिया जनजाति द्वारा प्रचलित एक प्रशासनिक व्यवस्था है। ढोकलो का मूल रूप से अर्थ है “बैठक” और सोहोर का अर्थ है “बैठक का अध्यक्ष”।
> महतो गाँव का मुखिया होता है और यह पद वंशानुगत होता है।
> संपूर्ण खरिया समाज की आम सभा को ढोकलो कहा जाता है। यह सभा वार्षिक आधार पर आयोजित की जाती है और महतो, पाहन करता हो जैसे सभी उच्च अधिकारी इस सभा में उपस्थित होते हैं।
95 (2) ढिशोम मांझी झारखंड के संथालों के आदिवासी समाज में अनादि काल से संचालित पारंपरिक स्वशासन प्रणाली है।
> बिठलाहा (सामाजिक बहिष्कार और संपत्ति की जब्ती) एक प्रकार की सजा है जो इनके द्वारा तय की जाती है।
96. (1) सेंद्रा, जिसे विशुशिकर के नाम से भी जाना जाता है, एक आदिवासी त्योहार है जो हर साल मई माह में एक विशेष तारीख को मनाया जाता है जिसमें आदिवासी पुरुष और महिलाएँ पारंपरिक हथियारों से लैस होकर जंगलों में जानवरों और पक्षियों का शिकार करते हैं।
> ‘सेंद्रबैंसी’ एक शिकार परिषद है।
97. (2) सदन झारखंड के मूल गैर-आदिवासी लांग हैं, लेकिन सभी गैर-जनजाति सदन नहीं हैं।
> ‘सदन’ शब्द का अर्थ है वे लोग जो यहाँ बसे हुए थे या उसी स्थान पर रहते थे।
> आदिवासी खानाबदोश होते हैं, जबकि सदन स्थायी निवास हैं।
> बी.पी. केसरी के अनुसार, भूमिहार से सम्बंधित मामलों को सदन नहीं माना जाता है।
98. (2) झारखंड की बिरजिया जनजाति राँची, गुमला, पलामु और लोहरदगा जिलों में पाई जाती है।
> झारखंड में बिरजिया बांस, लकड़ी या मिट्टी से बनी त्रिकोणीय या आयताकार झोपड़ियों में रहते हैं।
> बिरजिया जनजाति की झोपड़ियाँ, आमतौर पर खिड़कियों से रहित होती हैं: झोपड़ियों में एक छोटा सा द्वार होता है जो एक टाटी या चटाई से बंद होता है।
> बिरजिया जनजाति में पितृसत्तात्मक समाज है: बिरजिया परिवार आमतौर पर एक एकल परिवार होता है जिसमें परिवार का मुखिया पिता होता है।
> वे झारखंड में अनुसूचित जनजातियों की आधिकारिक सूची में शामिल हैं।
99. (2) खेरवार आंदोलन स्पष्ट रूप से 1868 में शुरू हुआ और भगत मांझी के नेतृत्व में प्रसिद्ध हुआ। इसे सपाहार आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है।
> खेरवार हिंदू पंथ के रूप में हिंदू धर्म में आत्मसात हो गए और इनके प्रमुखों द्वारा “स्वच्छता” की अवधारणा पेश की गईं।
> 1930 के दशक में हुई नई और विभिन्न प्रकार की जनजातीय लामबंदी के परिणामस्वरूप इस विकास की जाँच की गईं।
> खेरवारों और संथालों के बीच एक ही तरह का धार्मिक उत्सव मनाया जाता है। यह आंदोलन मूल रूप से एक आदिवासी आंदोलन था।
100. (2) कार्तिक उरांव ने 1947 के भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। उन्होंने ‘अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद’ नामक संगठन भी बनाया ।
> उनके अधीन कई आदिवासी ईसाई धर्म से परिवर्तित होकर हिंदू धर्म में वापस लौट आए। वह खुले तौर पर आदिवासियों को हिंदू धर्म से ईसाई धर्म में धर्मांतरण के खिलाफ थे। उन्हें ‘एकमात्र हिंदू आदिवासी प्रमुख’ भी कहा जाता था।
> उस समय यह अफवाह उड़ी थी कि भारत में सभी जनजातियाँ ईसाई हैं और उस समय कार्तिक ने झारखंड में मिशनरियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। आदिवासियों के ईसाई धर्म में अवैध धार्मिक रूपांतरण के लिए वर्ष 1963 में डेविड मुंजनी के खिलाफ जीएच कोर्ट का गठन किया गया था।
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Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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