डार्विन के प्राकृतिक चयन के सिद्धांत की व्याख्या करें।

डार्विन के प्राकृतिक चयन के सिद्धांत की व्याख्या करें।

उत्तर ⇒ डार्विन के अनुसार प्रत्येक जीव में प्रजनन की असीम क्षमता होती है तथा प्रत्येक जीव ज्यामितीय अनक्रम द्वारा अपनी जनसंख्या में वृद्धि करते हैं। प्रत्येक जीव में अत्यधिक प्रजनन दर की तलना में पथ्वी पर भोजन तथा आवास नियत है। अतः जीवों में अपने अस्तित्व को बचाने के लिए आपस में संघर्ष होता रहता है। ये संघर्ष मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।

(क) अपनी एक ही समष्टि के व्यष्टियों के बीच का संघर्ष
(ख) एक ही जाति के विभिन्न समष्टियों के बीच का संघर्ष तथा
(ग) जीवों का प्रतिकूल वातावरणीय परिस्थितियों में संघर्ष।

प्राकृतिक वरण द्वारा चयनित विभिन्नताएँ दूसरी पीढी में उनके संतानों में वंशागत होती है तथा पीढ़ी-दर-पीढ़ी इनके प्राकृतिक वरण से ही नये प्रजाति का निर्माण होता है।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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