ताँबे के तार की कुंडली, धारामापी के साथ संबद्ध है । क्या होगा यदि दण्ड चुंबक को

ताँबे के तार की कुंडली, धारामापी के साथ संबद्ध है । क्या होगा यदि दण्ड चुंबक को

(i) कुंडली के अंदर चुंबक के उत्तर ध्रुव को पहले प्रविष्ट किया जाय?

(ii) कुंडली से चुंबक को बाहर निकाला जाय ?

(iii) कुंडली के अंदर चुंबक को स्थिर रखा जाय ?

उत्तर ⇒  (i) जब कुंडली के उत्तरी ध्रुव को तेजी से कुंडली के गर्भ में प्रवेश कराया जाता है, तो कुंडली से सम्बद्ध गैलवेनोमीटर की सूई में विचलन उत्पन्न होता . है। कुंडली में धारा की दिशा, घड़ी की विपरीत दिशा में होती है।

(ii) जब चुंबक को कुंडली से बाहर तेजी से निकाला जाय तो गैलवेनोमीटर की सूई में विचलन विपरीत दिशा में होगी।

(iii) अगर चुंबक कुंडली के अन्दर स्थिर हो, तो गैलेवोनोमीटर की सूई में कोई विचलन उत्पन्न नहीं होता है। अर्थात् कुंडली से होकर कोई धारा नहीं बहती है।

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