तारे टिमटिमाते हैं, किन्तु ग्रह नहीं टिमटिमाते हैं। क्यों ?

तारे टिमटिमाते हैं, किन्तु ग्रह नहीं टिमटिमाते हैं। क्यों ?

उत्तर⇒ग्रह तारों की अपेक्षा हमारे बहुत समीप हैं। अतः इनसे इतना पर्याप्त प्रकाश मिलता है कि वायुमण्डलीय परतों के घनत्वों के अस्थायित्व के प्रभाव के चलते प्राप्त किरणों की संख्या में अपेक्षाकृत कम ही कमी आती है और वे लगभग स्थायी रूप में चमकते दिखते हैं। तारों से चलने वाले प्रकाश किरण वायुमण्डल के विभिन्न घनत्व वाले परतों से गुजरने पर किरणों के पथ में विचलन होता है और तारे का प्रकाश विभिन्न क्षणों में अपवर्तित होते हैं और टिमटिमाते नजर आते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *