दाखिल खारिज में मनमानी नहीं कर सकेंगे अफसर, बिहार सरकार ने सभी DCLR को लिखा पत्र
दाखिल खारिज में मनमानी नहीं कर सकेंगे अफसर, बिहार सरकार ने सभी DCLR को लिखा पत्र
बिहार में छोटे-मोटे कारणों से लंबित दाखिल-खारिज के मामलों का निबटारा 31 मार्च तक हो जाएगा। विभाग की समीक्षा में यह बात सामने आयी कि भूमि सुधार उप समाहर्ताओं की ओर से दाखिल खारिज मामले में बिना मेरिट पर विचार किए लंबे समय तक लंबित रखा जाता है, जो उचित नहीं है। इससे रैयतों को अनावश्यक परेशानी होती है और विभाग की बदनामी होती है। ऐसे सभी मामलों की सुनवाई कर मार्च 2025 तक निष्पादन करने का आदेश सभी समाहर्ता को दिया गया है।
यह दिशा निर्देश दाखिल-खारिज के अपील वादों के त्वरित निष्पादन के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को दिया गया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने इस संबंध में सभी समाहर्ता को पत्र लिखा है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि अंचल अधिकारियों द्वारा दाखिल-खारिज के जिन मामलों में मेरिट के आधार पर निरस्त नहीं किया गया है, वैसे मामले की अपील में सुनवाई के दौरान भूमि सुधार उप समाहर्ता पहली ही तारीख को अंचलाधिकारी को पुन सुनवाई का आदेश पारित करते हुए अपील वाद को शीघ्र निष्पादित किया जाएगा।
विभाग का मानना है कि कई छोटे-मोटे कारणों की वजह से अंचल अधिकारियों द्वारा दाखिल-खारिज के मामलों को अस्वीकृत कर दिया जाता है। आवेदन के साथ सुसंगत दस्तावेज नहीं लगाने, संलग्न दस्तावेजों के अपठनीय होने, आवेदन भरने के समय गणितीय या लिपिकीय भूल हो जाने, ऑनलाइन जमाबंदी जहां से रकबा घटाया जाना है, उसमें त्रुटि होने जैसे कारणों से बड़ी संख्या में आवेदन अस्वीकृत होते हैं। ऐसे मामलों के लिए 30 दिनों के भीतर डीसीएलआर के न्यायालय में अपील का प्रावधान है।
सचिव ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी
पदभार ग्रहण करने के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने शुक्रवार को विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अंचलाधिकारियों द्वारा दाखिल-खारिज वाद को अस्वीकृत करने और भूमि सुधार उप समाहर्ताओं द्वारा उन्हें स्वीकृत करने के मामले पर चिंता जताई। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि इस प्रकार के मामलों की जांच कराएं और इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए कारगर कदम उठाएं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने उन्हें विभाग की विभिन्न सेवाओं और योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
Source – Hindustan