निम्नलिखित की दिशा को निर्धारित करने वाला नियम लिखिए
निम्नलिखित की दिशा को निर्धारित करने वाला नियम लिखिए
(i) किसी विधुत धारावाही सीधे चालक के चारों ओर उत्पन्न चंबकीय क्षेत्र,
(ii) किसी चुंबकीय क्षेत्र में, क्षेत्र के लंबवत स्थित, विधुत धारावाही सीधे चालक पर आरोपित बल, तथा
(iii) किसी चुंबकीय क्षेत्र में किसी कंडली के घूर्णन करने पर उस कंडली में उत्पन्न प्रेरित विधुत धारा ।
उत्तर ⇒ (i) दक्षिण हस्त अंगुष्ठ नियम –
वाही चालक को इस प्रकार पकड़े हुए हैं
कि चुंबकीय आप का अंगूठा विधुत धारा
की दिशा की क्षेत्र – ओर संकेत करता है
तो आप की अंगुलियाँ चालक के चारों ओर
चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र विद्युत धारा रेखाओं की
दिशा में लिपटी होंगी। इसे चित्र दक्षिण हस्त
अंगुष्ठ नियम दक्षिण हस्त अंगुष्ठ नियम कहते हैं ।
चित्र – दक्षिण हस्त अंगुष्ठ नियम
(ii) फ्लेमिंग का वाम हस्त नियम –
अपने वामहस्त के अंगूठे, तर्जनी के मध्यमा
चुंबकीय क्षेत्र अंगुली को इस प्रकार फैलाएँ
कि वे परस्पर समकोण बनाएँ। तर्जनी चुंबकीय
क्षेत्र को निर्दिष्ट करेगी। मध्य अंगुली धारा के प्रवाह
की दिशा को बताएगी और अंगूठा चालक की दिशा
को प्रवाहित करेगा।
चित्र –फलेमिंग का वाम हस्त नियम
(iii) फ्लेमिंग का दक्षिण हस्त नियम – अपने दाहिने हाथ की तर्जनी, मध्यमा अंगुली तथा अंगूठे को इस प्रकार फैलाइए कि ये तीनोंएक-दूसरे के परस्पर लंबवत हों। यदि तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा की ओर संकेत करती है तथा अंगुठा चालक की गति को दिशा की ओर संकेत करता है तो मध्यम चालक में प्रेरित विद्यत धारा की दिशा दर्शाती है।
चित्र – फ्लेमिंग का दक्षिण हस्त नियम