परितंत्र में अपमार्जकों की क्या भूमिका है ?

परितंत्र में अपमार्जकों की क्या भूमिका है ?

उत्तर ⇒पौधों और जंतुओं (उत्पादक और उपभोक्ता) के मृत शरीर तथा जंतुओं के वर्ण्य पदार्थ का जीवाणुओं (bacteria) और कवकों (fungi) के द्वारा अपघटन (decompose) किया जाता है। अतः जीवाणु और कवक अपघटनकर्ता या अपमार्जक (decomposers) कहलाते हैं। यह अपघटन के द्वारा मृत जीवों के शरीर और वऱ्या पदार्थ में उपस्थित कार्बनिक पदार्थों को अकार्बनिक तत्त्वों में तोड़कर मुक्त कर देते हैं। गैसीय तत्त्व जैसे नाइट्रोजन, ऑक्सीजन आदि वायुमंडल में चले जाते हैं, जबकि अन्य ठोस एवं द्रव पदार्थ मिट्टी में मिल जाते हैं या फिर जलमंडल के भाग बन जाते हैं। जीवाणु और कवक जैसे सूक्ष्मजीव (microorganism) सूक्ष्म उपभोक्ता (microconsumers) या सैप्रोट्रॉफ (saprotrophs) भी कहलाते हैं।
पारिस्थितिक तंत्र के सभी स्तर एक-दूसरे पर निर्भर हैं तथा शृंखलाबद्ध तरीके से एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं। अगर यह तंत्र भलीभाँति संतुलित होता रहे तो कोई भी स्तर कभी समाप्त नहीं होगा।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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