पर्यावरण संरक्षण में शिक्षक की भूमिका का उल्लेख कीजिए ।
पर्यावरण संरक्षण में शिक्षक की भूमिका का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर— वर्तमान समय में छात्रों पर पाठ्यक्रमों का भार वैसे ही अधिक है इसलिए पर्यावरण शिक्षा की पाठ्य-वस्तु अलग से सम्मिलित करना अतिरिक्त भार में वृद्धि करना होगा। अतः अध्ययन विषयों के साथ ही पर्यावरण सम्बन्धी पाठ्य-वस्तु को सम्मिलित करना होगा। पर्यावरण का सम्बन्ध सभी अध्ययन विषयों से है। इसके अतिरिक्त योजनाओं तथा कार्यक्रमों को सहगामी क्रियाओं में सम्मिलित करना चाहिए। शिक्षक को निम्नलिखित भूमिकाओं का निर्वाह करना चाहिए—
(i) शिक्षक को अपने विषय का शिक्षण करते पर्यावरण समस्याओं से सम्बन्ध स्थापित करना चाहिए।
(ii) शिक्षक की अभिवृत्तियों तथा मूल्यों का विकास करना चाहिए। पर्यावरण सम्बन्धी क्रियाओं को प्रोत्साहित करना चाहिए।
(iii) पर्यावरण के सम्बन्ध में चेतना तथा संवेदनशीलता के लिए वास्तविक अनुभव प्रदान करना चाहिए।
(iv) सम्पूर्ण पर्यावरण के घटकों तथा समस्याओं का बोध कराना चाहिए।
(v) शैक्षिक पर्यटन का आयोजन करना चाहिए जिससे छात्रों को वास्तविक परिस्थितियों के अवलोकन के अवसर मिल सकें ।
(vi) वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन पर्यावरण की समस्याओं तथा सम्भावित समाधान प्रकरणों का आयोजन करना चाहिए।
(vii) समस्याओं के समाधान हेतु कौशल तथा कार्य कुशलता के लिए अवसर प्रदान करना चाहिए जिससे उनकी सक्रिय भागीदारी हो सके।
(viii) छात्रों में ऐसी योग्यता का विकास किया जाए जिससे शिक्षा योजनाओं की प्रभावशीलता का आंकलन कर सकें।
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