पाठ्यक्रम विकास के उपागमों को स्पष्ट कीजिए।

पाठ्यक्रम विकास के उपागमों को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर–पाठ्यक्रम विकास के उपागम–पाठ्यक्रम उपागम, पाठ्यक्रम विकास और सम्पादन के विभिन्न पक्षों की रूपरेखा है। यह उन प्रतिमानों का संगठन है जिनका शिक्षक अधिगमकर्त्ताओं को अनुभव प्रदान करने में अनुसरण करता है।
पाठ्यक्रम विकास के चार उपागम है—
(1) अभिगमकर्ता केन्द्रित उपागम
(2) विस्तृत क्षेत्र उपागम
(3) सामाजिक समस्या का उपागम
(4) विषय केन्द्रित उपागम
(1) अधिगमकर्त्ता केन्द्रित उपागम यह उपागम विषय-वस्तु में अधिगमकर्त्ताओं की व्यक्तिगत एवं सामाजिक आवश्यकताओं पर केन्द्रित करता है। यह उपागम बच्चों को भविष्य की अपेक्षा वर्तमान का सामना करने के लिए तैयार करता है। अधिगमकर्त्ताओं की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उद्देश्यपूर्ण और मनोवैज्ञानिक अधिगम अनुभवों की योजना बनानी चाहिए। अधिगम अनुभव, अधिगमकर्त्ताओं की विकासात्मक अवस्थाओं जैसे—छात्र समूह, अन्तर्क्रिया, व्यक्तिगत मूल्यों का विकास, किशोरावस्था में होने वाले विकासात्मक परिवर्तनों से सम्बन्धित होने चाहिए।
( 2 ) विस्तृत क्षेत्र उपागम-इसमें दो या दो से अधिक विषय क्षेत्रों को एक एकल व्यापक क्षेत्र में संयुक्त करके संगठित किया जाता है। दो या अधिक सम्बन्धित विषयों को एकीकृत करके व्यापक क्षेत्र निर्मित किया जाता है, जैसे—एक व्यापक विषय जीव विज्ञान का विकास, विषयों जैसे प्राणीशास्त्र, वनस्पति शास्त्र, शारीरिकी के ज्ञान को संगठित करके किया जाता है।
( 3 ) सामाजिक समस्या का उपागम- इस उपागम में, पाठ्यक्रम का निर्माण समाज में पाई जाने वाली मुख्य समस्याओं के आधार पर करते हैं। इस उपागम द्वारा विकसित किया जाने वाला पाठ्यक्रम, अधिकर्ताओं में सामाजिक समस्याओं के प्रति चेतना जागृत करता है और उन्हें इन समस्याओं को हल करने योग्य बनाता है। इस उपागम द्वारा विषय जैसे पर्यावरणीय समस्याएँ, धर्म जनसंख्या, संचार तकनीकी आदि का विकास किया जाता है।
(4) विषय केन्द्रित उपागम-विषय केन्द्रित उपागम के अनुसार, पाठ्यक्रम विभिन्न विषय क्षेत्रों द्वारा संगठित किया जाता है। यह पाठ्यक्रम विकास में सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला उपागम है। पाठ्यक्रम नियोजनकर्त्ता की सबसे प्रमुख जिम्मेदारी प्रस्तुत किये जाने वाले विषय क्षेत्रों एवं प्रत्येक विषय के विभिन्न अधिगम अनुभवों का पता लगाना है।
अध्ययन का कार्यक्रम विभिन्न विषयों जैसे—भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन आदि में विभाजित किया जा सकता है|
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