पेपरमेशी से शिल्प रचना का विस्तृत वर्णन कीजिये।

पेपरमेशी से शिल्प रचना का विस्तृत वर्णन कीजिये। 

उत्तर— पेपरमेशी से शिल्प रचना–पेपरमेशी यह फ्रेंच भाषा का शब्द है। भारत में यह लुग्दी नाम से प्रसिद्ध है। पुरातन युग से ही हमारे देश में लुग्दी की बहुत-सी घरेलू उपयोग की चीजें बनायी जाती रही हैं, किन्तु आधुनिक युग में इसमें काफी सुधार कर लिया गया है और इससे सुन्दर, मजबूत व सजावट की चीजें बनने लगी हैं।

लुग्दी बनाने के लिए अखबारी कागज, रद्दी कागज और सफेद कागज की कटिंग की आवश्यकता पड़ती है। इनके छोटे-छोटे टुकड़े करके किसी बर्तन में पानी के साथ उबाल देना चाहिए। इस स्थिति में कागज के टुकड़े पाँच घंटे तक रहने चाहिए ताकि वे अच्छी तरह गल जाएँ। फिर बर्तन को ताप पर से उतार कर उसका पानी निकाल लेना चाहिए। थोडा ठंडा होने पर टुकड़ों को हाथ से निकाल कर निचोड़ लेना चाहिए।
तत्पश्चात् इन्हें पानी की सहायता से इमामदस्ता या ऊखल मूसल से अच्छी तरह कूटना चाहिए । इस लुग्दी को और बारीक करने के लिए सिलबट्टे पर मिट्टी की तरह पीस लेना चाहिए। लुग्दी को हमेशा गीले कपड़े में रखना चाहिए ताकि वह सूखने न पाए ।
पेपरमेशी का काम–पेपरमेशी की चीजें निम्नलिखित प्रणालियों से बनायी जा सकती हैं—
(1) अण्डाकार पद्धति से पेपरमेशी की चीजें बनाना–इस पद्धति से हाथी, शेर, कुत्ता, तोता, चिड़िया, कबूतर, बत्तख, मोर और फल-सब्जियाँ आदि बन सकते हैं ।
हाथी बनाने की विधि—
(i) सर्वप्रथम लुग्दी का एक छोटा सा अण्डा बना लीजिए।
(ii) इसके बाद लुग्दी की एक ढोलक की शक्ल की पिण्डी बना लीजिए।
(iii) अब लुग्दी की एक पतली बत्ती तैयार कीजिए ।
(iv) फिर इस लुग्दी के अण्डे को ढोलक की शक्ल के सिरे पर इस तरह चिपकाइये कि उसका पतला वाला भाग नीचे की ओर झुका हुआ हो।
(v) इस पतले वाले हिस्से पर लुग्दी की बत्ती बनाकर चिपका दीजिए।
(vi) अब लुग्दी की छोटी-छोटी दो पुड़ियाँ बनाकर, ढोलक की शक्ल व अण्डे की शक्ल को जोड़ पर चिपका दीजिए।
(vii) पहली बनी बत्ती को चार बराबर भागों में काट लीजिए और इन्हें दो आगे और दो पीछे हाथी के धड़ से चिपका दीजिए।
(viii) अब लुग्दी की सूण्ड बनाकर उसके आगे चिपका दीजिए।
(ix) पीछे की ओर एक पतली व चपटी बत्ती बनाकर दुम के स्थान पर चिपका दीजिए।
(x) अब सूँड के अगल-बगल दो पतली बत्तियाँ बनाकर चिपका दीजिए।
(xi ) आँख के स्थान पर लुग्दी की दो गोलियाँ लगा दीजिए।
(xii) धूप में हाथी को सूखने के लिए रख दीजिए।
(xiii) सूखने के बाद लिसाई कीजिए ।
(xiv) अन्त में पेपरमेशी के रंग से रंग दीजिए।
(2) बत्ती प्रणाली द्वारा पेपरमेशी की चीजें बनाना–इस प्रणाली द्वारा गमला, गिलास, कप, प्लेट, फ्लावर पॉट आदि बनाये जा सकते हैं।
फ्लावर पॉट बनाने की विधि—
(i) बत्ती प्रणाली द्वारा फ्लावर पॉट बनाने के लिए लुग्दी को अच्छी तरह तैयार कर लेना चाहिए।
(ii) लुग्दी को हाथ की हथेली द्वारा चपटा (एक चौथाई मोटाई) करके परकार से गोल काट लेना चाहिए ।
(iii) अब फ्लावर पॉट को ऊपर चढ़ाने के लिए बत्तियाँ बना लेनी चाहिए। इन बत्तियों की मोटाई एक समान रहनी चाहिए।
(iv) अब एक बत्ती को फ्लावर पॉट के पैंदे पर कुंडली के समान लगा दीजिए और जहाँ पर यह बत्ती खत्म हो जाए, वहीं से उसी तरह की दूसरी बत्ती बनाकर लगानी शुरू कर दीजिए।
(v) अन्त में इन्हें हाथ व थापी से हल्की चोट देकर मिला लेना चाहिए।
(vi) फ्लावर पॉट तैयार होने पर सूखने के लिए धूप में रख देना चाहिए।
(vii) सूखने के बाद फ्लावर पॉट की लिसाई करनी चाहिए।
(viii) अंत में चित्रकारी करनी चाहिए।
(3) कागज की पत्तर चढ़ाकर प्याला बनाना—
(i) पेपरमेशी की मेज पर प्याले का साँचा उल्टा करके रख लीजिए।
(ii) इस प्याले के मॉडल पर अच्छी तरह वैसलीन मल देनी चाहिए।
(iii) अब टिशु पेपर इस तरह चढ़ाना चाहिए कि उस पर सलवटें नहीं पड़े।
(iv) अखबारी कागज के छोटे-छोटे चौकोर टुकड़े काट कर मॉडल बनाने से 45 मिनट पहले पानी में चपटा पड़े रहने देना चाहिए और फिर दो ब्लाटिंग पेपरों के बीच रखकर उनका पानी सोख लेना चाहिए।
(v) इन चौकोर टुकड़ों को पेस्ट या लेई की सहायता से मॉडल पर तह चिपकाते जाइए। इनमें भी सलवटें नहीं पड़नी चाहिए।
(vi) इस परत की मोटाई 1/2″ से 3/4″ तक रखी जानी चाहिए अर्थात् अखबारी चौकोर टुकड़ों की 8 परतें पर्याप्त हो सकती हैं।
(vii) अब चित्रकारी विधि के इच्छानुसार चित्रकारी करके रंग भर  लीजिए।
(viii) अब प्याले को सूखने के लिए रख देना चाहिए।
(ix) मॉडल से प्याले को अलग करके पुनः सृखने के लिए रख देना चाहिए।
(x) फिर जीरो नम्बर के रेगमाल से रगड़ कर प्याले को चिकना बना लीजिए।
(4) कश्मीरी पेपरमेशी के टेबुल लैम्प पर चित्रकारी—
(i) सर्वप्रथम कश्मीरी पेपरमेशी के टेबुल लैम्प की अच्छी तरह सफाई कर लीजिए।
(ii) फिर टेबुल लैम्प पर अपनी इच्छानुसार पेपरमेशी का रंग कर लीजिए।
(iii) रंग किए हुए टेबुल लैम्प को 60 मिनट तक सूखने के लिए छोड़ दीजिए।
(iv) टेबुल लैम्प के लिए चयनित कोई पुष्प विन्यास पेन्सिल द्वारा उस पर अंकित कीजिए।
(v) उस पुष्प विन्यास के सूखने पर उसमें ह्वाइटजिंक ब्रुश द्वारा कर देना चाहिए।
(vi) फिर टेबुल लैम्प को सूखने के लिए रख दीजिए।
(vii) अब टेबुल लैम्प के फूल विन्यास में इच्छानुसार रंग भरिए और सूखने दीजिए।
(viii) विशेष चमक लाने के लिए स्प्रिंट पॉलिश कर दीजिए।
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