प्रकाशसंश्लेषण के लिए पौधों को सूर्य की रोशनी की आवश्यकता होती है। प्रयोग द्वारा समझाइए।
प्रकाशसंश्लेषण के लिए पौधों को सूर्य की रोशनी की आवश्यकता होती है। प्रयोग द्वारा समझाइए।
उत्तर⇒उदेश्य – प्रकाशसंश्लेषण की अभिक्रिया में प्रकाश की अनिवार्यता प्रदर्शित करना।
आवश्यक उपकरण एवं सामग्री – गमला सहित एक स्वच्छ पौधा, गैनोंग का लाइटस्क्रीन अथवा काला कागज एवं क्लिप, चिमटी, त्रिपाद स्टैण्ड, तार की जाली, स्पिरिट लैम्प, पेट्रीडिश एवं बीकर, जल ऊष्मक, ऐल्कोहॉल एवं आयोडीन, माचिस।
सिद्धान्त – प्रकाशसंश्लेषण पौधों का एक महत्त्वपूर्ण जैविक प्रक्रम है जिसमें हरे पौधे अपनी पत्तियों में स्थित क्लोरोफिल की सहायता से वायुमंडलीय CO2, सूर्य का प्रकाश एवं जल (H2O) का उपयोग कर अपना भोजन (ग्लूकोज) संश्लेषित करते हैं।
प्रकाशसंश्लेषण की अभिक्रिया में सूर्य का प्रकाश एक महत्त्वपूर्ण घटक है।
कार्यविधि –
(i) दो-तीन दिनों तक आप एक गमले को स्वच्छ पौधे के साथ अंधेरे में रखें। इससे उसकी पत्तियाँ पूरी तरह से स्टार्च रहित हो जाएगी।
(ii) इस पौधे के किसी एक पत्ती के बीचों-बीच का भाग गैनोंग लाइटस्क्रीन अथवा काला कागज द्वारा अच्छी तरह से ढंक दें।
(iii) अब इस पूरे गमले को 3-4 घंटों तक सूर्य के प्रकाश में छोड़ दें।
(iv) ढंकी हुई पत्ती को तोड़कर हटाने के उपरान्त गैनोंग का लाइटस्क्रीन या काला कागज हटा दें।
(v) अब इस पत्ती को बीकर में रखे पानी में लगभग 10 मिनट तक अच्छा तरह उबालें।
(vi) अब एक दूसरे बीकर में ताजा ऐल्कोहॉल लें तथा उबली हुई पत्ता का इसमें पूरी तरह डूबो दें।
(vii) अब ऐल्कोहॉल वाले बीकर को जलऊष्मक पर लगभग 15 मिनट तक अच्छी तरह उबालें। इससे पत्ती का संपूर्ण क्लोरोफिल बाहर निकल जाएगा तथा पत्ती रंगहीन हो जाएगी ।
(viii) पत्ती को ऐल्कोहॉल से निकालकर स्वच्छ जल से धो लें तथा पेट्रीडिश से सारा जल गिरा दें। अब इस पत्ते पर आयोडीन का विलयन डालें तथा रंग परिवर्तन का ध्यानपूर्वक देखें।