प्रकाश का वर्ण विक्षेपण से आप क्या समझते हैं? इन्द्रधनुष की व्याख्या करें।

प्रकाश का वर्ण विक्षेपण से आप क्या समझते हैं? इन्द्रधनुष की व्याख्या करें।

उत्तर⇒जब श्वेत प्रकाश को किसी प्रिज्म से होकर गुजारा जाता है तो यह सात रंगों में विभक्त हो जाता है। इसे वर्ण विक्षेपण कहा जाता है। ये सात रंग “बैनीआहपीनाला” से सचित होते हैं।
वर्ण विक्षेपण जब आकाश में पानी के लटके हुए बूंदों से होता है तो इन्द्रधनुष का निर्माण होता है। . इन्द्रधनुष वर्षा के पश्चात् आकाश में जल के सूक्ष्मकणों में दिखाई देने वाले प्राकृतिक स्पेक्ट्रम है। यह वायुमंडल में उपस्थित जल की सूक्ष्म बूंदों द्वारा सूर्य के प्रकाश के परिक्षेपण के कारण प्राप्त होता है। इन्द्रधनुष हमेशा सूर्य के विपरीत दिशा में बनता है। जल की छोटी-छोटी बूंदें छोटे प्रिज्मों की भाँति कार्य करती है। सूर्य के आपतित प्रकाश को ये बँदें अपवर्तित तथा विक्षेपित करती हैं, तथा फिर आन्तरिक परावर्तित करती हैं, अन्ततः जल की बूंद से बाहर निकलते समय प्रकाश को पुनः अपवर्तित करती है। प्रकाश के परिक्षेपण तथा आन्तरिक परावर्तन के कारण विभिन्न वर्ण प्रेक्षक के नेत्रों तक पहुँचते हैं और उन्हें आकाश में सात रंगों का बैंड इन्द्रधनुष के रूप में दिखाई पड़ता है।इन्द्रधनुष का बनना

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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