“प्रतिपुष्ट आंकलन का एक आवश्यक अंग है।” स्पष्ट कीजिए।
“प्रतिपुष्ट आंकलन का एक आवश्यक अंग है।” स्पष्ट कीजिए।
अधिगम में प्रतिपुष्टि का महत्त्व बताइये ।
अथवा
आंकलन में प्रतिपुष्टि से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – छात्रों के आंकलन के प्रदर्शन के समय उन्हें पृष्ठपोषण प्रदान करना अधिगम का महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। छात्रों के आंकलन में पृष्ठपोषण प्रदान करने का उद्देश्य उन्हें न्यायसंगत रूप से यह ज्ञात कराना कि उन्हें जो अंक या ग्रेड प्राप्त हुए हैं उनमें वे कैसे और सुधार कर सकते हैं, उन्हें अपने कार्य में विशेष योग्यता की पहचान करवाना तथा उस विशेष योग्यता के लिए छात्रों को पुरस्कृत करना, सुधार हेतु सुझाव देना तथा उन्हें अगले चरण के लिए मार्गदर्शन प्रदान करना है।
पृष्ठपोषण मुख्यतः दो प्रकार से कार्य करता है। प्रथम यह विद्यार्थियों को अध्ययन करने के सम्बन्ध में उपयोगी निर्देशन प्रदान करता है तथा द्वितीय यह विद्यार्थियों को भावी अध्ययन के लिए अभिप्रेरणा प्रदान करता है। पूर्ववर्ती प्रयास की सफलता/असफलता के ज्ञान के आधार पर ही व्यक्ति अपनी आगामी क्रियाओं को सही ढंग से नियोजन कर सकता है । जब तक विद्यार्थियों को अपनी कमियों का ज्ञान नहीं होगा तब तक वह उनको दूर करने का प्रयास नहीं कर सकता है। अधिक अंक प्राप्त करने के लिए तथा सघन प्रयास करने की योजना बनाने के लिए वर्तमान उपलब्धि का ज्ञान आवश्यक है। यह ज्ञान केवल वार्षिक अथवा अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के द्वारा ही प्राप्त नहीं होता वरन् दिन-प्रतिदिन के कक्षा शिक्षण में भी विद्यार्थियों का आंकलन करके उनको पृष्ठपोषण प्रदान किया जाता है ।
पृष्ठपोषण का दूसरा कार्य है विद्यार्थियों में अभिप्रेरणा को बढ़ाना । इस सम्बन्ध में दो मत हैं— कुछ का कहना है कि पृष्ठपोषण से विद्यार्थियों में अभिप्रेरणा बढ़ती है जबकि कुछ अन्य का मानना है कि पृष्ठपोषण से अभिप्रेरणा में कमी होती है। वास्तव में अभिप्रेरणा भिन्न-भिन्न प्रकार के व्यक्तित्व के विद्यार्थियों में भिन्न-भिन्न प्रकार से उत्पन्न की जा सकती है। एक ही विधि सभी विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है इसलिए शिक्षकों को मूल्यांकन के परिणामों का पृष्ठपोषण के रूप में प्रयोग करते समय विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का भी ध्यान रखना चाहिए। दूसरे शब्दों में मूल्यांकन प्रक्रिया का सावधानीपूर्वक प्रयोग करके ही शिक्षकगण विद्यार्थियों को वांछित दिशा में अभिप्रेरित कर सकते हैं। विभिन्न परीक्षणों पर कम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को अधिक परिश्रम करके अधिक अंक प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। इसके विपरीत अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को कक्षा में प्रथम अथवा द्वितीय स्थान प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
आंकलन परिणामों का उपयोग शिक्षकों के लिए पृष्ठपोषण के रूप में भी किया जा सकता है। मूल्यांकन की सहायता से शिक्षक अपने शिक्षण में भी सुधार ला सकता है। उसे अपने शिक्षण कार्य की कमियों का ज्ञान हो जाता है जिससे वह अपनी पाठयोजना शिक्षण सामग्री आदि में आवश्यक सुधार कर सकता है।
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