बिहार की परिवहन व्यवस्था
बिहार की परिवहन व्यवस्था
परिवहन व्यवस्था किसी भी राज्य या देश की आर्थिक धमनी के रूप में देखा जा सकता है। बिहार में आधारभूत संरचना के प्रमुख घटक – सड़क, रेलमार्ग, उड्डयन आदि के विकास की गति थोड़ी कम है, फिर भी बिहार कई विकाशील राज्यों की क्षेणीयों में अग्रसर है –
बिहार की परिवहन व्यवस्था (Transportation System of Bihar)
सड़क परिवहन
प्राचीन काल से ही बिहार उत्तर भारत के अनेक राज्यों के सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ था. मध्यकाल में मुगल शासकों तथा शेरशाह ने परिवहन योग्य सड़क का निर्माण करवाया. अंग्रेजों ने सड़कों को अधिक विस्तृत किया.
सड़क मार्गों की तीन श्रेणियों में किया जा सकता है-
- राष्ट्रीय राजमार्ग
- प्रांतीय राजमार्ग
- स्थानीय राजमार्ग
शेरशाह सूरी ने बिहार से गुजरने वाली सड़क ग्रांड ट्रक रोड निर्माण करवाया था जिसे आजकल राष्ट्रीय राजमार्ग-2 कहा जाता है, भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है जो बिहार से होकर गुजरता है. पेशावर (पाकिस्तान) से दिल्ली होकर पंजाब और बंगाल को मिलाने वाली यह सड़क भारत की महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों में से एक है. 1947 में बिहार की सड़कों की कुल लंबाई 1315 मील अर्थात 2104 किलोमीटर थी जो 2012 में 1,40,220 किलोमीटर हो गई.
देश के चार महानगरों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों में संवाद स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना प्रारंभ की गई. इनमें से दिल्ली और कोलकाता को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 बिहार से होकर गुजरती है जो स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना के अंतर्गत शामिल है. इसी प्रकार पूर्व पश्चिम कॉरिडोर के अंतर्गत बिहार से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग (NH -228 और 31) सम्मिलित है,
बिहार से गुजरने वाले राष्ट्रीय उच्च पथ
ग्रैंड-ट्रंक रोड (NH-2) कोलकाता से शुरू होकर बिहार में उत्तर प्रदेश के विभिन्न मार्गो से गुजरते हुए यह सड़क दिल्ली तक चली गई है. बिहार में यह पटना को छोड़कर बरही, शेरघाटी, डेहरी, ऑन सोन, सासाराम, औरंगाबाद, मोहनिया आदि जगहों से गुजरती है.
बरही-बख्तियारपुर-गुवाहाटी उच्च पथ (NH-31): यह सड़क ग्रैंड ट्रंक रोड, बरही से निकलकर नवादा, बिहार शरीफ, बख्तियार तक जाकर पूर्व में मुडती है और राजेंद्र पुल, मोकामा को पार करती हुई बेगूसराय, खगड़िया, पूर्णिया होती हुई गुवाहाटी तक जाती है.
मोहनिया-पटना- बख्तियारपुर उच्च पथ (NH-30): यह सड़क मोहनिया में ग्रैंड-ट्रंक रोड से फुटकर विक्रमगंज, आरा, दानापुर, पटना से फतवा होती हुई बख्तियारपुर में NH-31 से मिल जाती है.
लखनऊ-गौर-बरौनी उच्च पथ- (NH -28): यह सड़क लखनऊ से गोरखपुर होती हुई बिहार में मोतिहारी के निकट प्रवेश करती है और मुजफ्फरपुर होती हुई बरौनी में NH-31 से मिल जाती है. इसकी लंबाई 259 किलोमीटर है. इसकी शाखा मोतिहारी होकर इसे रक्सौल से जोड़ती है, जिसे NH-28 कहा जाता है.
सड़क (Road)
- बिहार में कुल 41 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं जिनकी कुल लम्बाई 4917 किमी. है। राज्य में कुल 149541 किमी. सड़के।
- राज्य में प्रति लाख आबादी पर सड़क घनत्व 201.5 किमी. है और प्रति 100 वर्ग किमी. क्षेत्रफल पर सड़क घनत्व 218.8 किमी. है।
- बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग NH-31 सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या NH-133B सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग है।
नदियों पर निर्मित प्रमुख सड़क/रेल पुल
पुल | नदी | रेल एवं सड़क मार्ग |
महात्मा गांधी सेतु | गंगा नदी पटना | सड़क मार्ग |
राजेंद्र पुल | गंगा नदी मोकामा | रेलवे सड़क मार्ग |
सोनपुर | सोन नदी डेहरी | रेलवे सड़क मार्ग |
अब्दुल बारी पुल | सोन नदी कोईलवर | रेलवे सड़क मार्ग |
बगहा- छितौनी पुल | गंडक नदी बगहा | रेलवे सड़क मार्ग |
विक्रमशिला पुल | गंगा नदी भागलपुर | सड़क मार्ग |
दीघा पुल | गंगा नदी पटना | रेल व सड़क मार्ग |
बिहार के प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग
राष्ट्रीय राजमार्ग | कहां से कहां तक | बिहार से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई (किमी में) |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 | दिल्ली-कानपुर-कोलकाता | 392 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-6 | धुले, नागपुर, राय, संबलपुर, बहरागोड़ा, कोलकाता | 22 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-28 | बरौनी-मुजफ्फरपुर-गोरखपुर, लखनऊ | 259 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 28A | पिपरा-सुगौली-रक्सौल | 68 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 30 | मोहनिया-पटना-बख्तियार | 230 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 30A | फतुहा-बाढ़ | 65 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 31 | बरही, बख्तियारपुर, मोकामा, पूर्णिया, गुवाहाटी | 437 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 57 | मुजफ्फरपुर-पूर्णिया | 310 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-77 | हाजीपुर-सोनबरसा | 142 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 80 | मोकामा-फरक्का | 310 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 81 | (बिहार-पश्चिम बंगाल) | 100 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 82 | गया-मोकामा | 130 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 83 | पटना-डोभी | 130 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 84 | आरा-बक्सर | 60 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 85 | छपरा-गोपालगंज | 95 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 98 | पटना-राजहरा | 145 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-102 | छपरा-मुजफ्फरपुर | 80 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-103 | हाजीपुर-मुसरीघरारी | 55 |
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-105 | दरभंगा-जयनगर | 66 |
रेलवे (Railway)
बिहार में 1860-62 में, हावड़ा को मुगलसराय से जोड़ने के क्रम में साहेबगंज, भागलपुर, पटना, आरा, बक्सर से होते हुए प्रथम रेलमार्ग का निर्माण हुआ।
- वर्तमान में बिहार में रेलमार्ग की कुल लम्बाई 3731 किमी. है जो देश के कुल रेलमार्ग का लगभग 5.6% है।
- रेल रूट की दृष्टि से बिहार का देश में आठवां स्थान है।
- बिहार में प्रति 1000 वर्ग किमी. में रेल घनत्व 39.6 किमी. है। प्रति लाख आबादी पर रेलमार्ग की लंबाई बिहार में देश में सबसे कम 4.9 किमी. है।
- बिहार में रेल नेटवर्क मुख्यत: पंगा घाटी क्षेत्र में केंद्रित है, जबकि उत्तरी बिहार में रेल नेटवर्क अति पिछड़ा है।
- बिहार से निम्नलिखित पांच रेल क्षेत्र के रेल मार्ग गुजरते हैं –
(i) पूर्वोत्तर रेलवे (NER),
(ii) पूर्वी रेलवे (ER),
(iii) दक्षिण-पूर्वी रेलवे (SER)
(iv) उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे (NEFR) और
(v) पूर्व मध्य रेलवे (ECR) - भारतीय रेलवे के कुल 16 रेल क्षेत्रों (Zone) में एकमात्र रेल क्षेत्र पूर्व मध्य रेलवे को मुख्यालय हाजीपुर (2002) में बनाया गया है।
- बिहार से गुजरने वाले प्रमुख रेलमार्ग निम्नलिखित हैं –
(i) हावड़ा – आसनसोल – पटना – दिल्ली मुख्य मार्ग ।
(ii) आसनसोल – धनबाद – सासाराम – मुगलसराय अँड काड
(iii) गुवाहटी – बरौनी – सीवान – गोरखपुर रेल मार्ग
(iv) छपरा – सोनपुर – मुजफ्फरपुर – कटिहार रेल मार्ग। - पटना, गया, मुजफ्फरपुर, कटिहार और समस्तीपुर बिहार के मुख्य रेलवे जंक्शन हैं।
- राज्य में निर्मित किए गए दो बड़े रेल पुलों-दीघा-सोनपुर रेल पुल और रेल सह-सड़क पुल मुंगेर को 12 मार्च, 2016 को 2 राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया। 25 मई, 2016 को बिहटा और तुर्की रेलवे स्टेशनों के बीच दीघा गंगा रेल पुल होते हुए रोल ऑन रोल ऑफ सेवा की शुरुआत की गई। तीसरा पुल कोसी पर बनेगा जो निर्मली और भष्टियाही को जोड़ेगा।
- मुंगेर के जमालपुर में वर्ष 1862 में स्थापित रेलवे वर्कशॉप एशिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना है।
- बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड की स्थापना नवंबर, 1974 में की गई थी। 10 अप्रैल, 2018 को मधेपुरा विद्युत फैक्ट्री के प्रथम चरण का राष्ट्र को समर्पित किया गया।
- नालंदा जिले के हरनौत में डिब्बा अनुरक्षण कार्यशाला निर्माणाधीन है जो तमिलनाडु के पेरांबुर के बाद इस किस्म की दूसरी प्रयोगशाला होगी जिसका विस्तार 113 एकड़ में होगा।
- सारण के बेलापुर में उन्नत पहिया कारखाना से उत्पादन शुरू (2014 से) हो गया है।
- मधेपुरा में विद्युत इंजन का कारखाना व मढ़ौरा में डीजल इंजन कारखाना स्थापित है।
- धार्मिक एवं पर्यटन महत्त्व के स्टेशनों पर बहुकर्मी संकुलों के निर्माण के लिए राज्य के गया, हाजीपुर, सासाराम, इस्लामपुर और भागलपुर का चयन किया गया है।
उड्डयन (Aviation)
पटना हवाई अड्डा ( लोकनायक जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डा) राज्य का प्रमुख हवाई अड्डा है जिसे सीमित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा प्राप्त है।
- इसके अतिरिक्त गया में एक छोटा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मौजूद है।
- पटना से काठमांडु, कोलकाता एवं दिल्ली के लिए वायु सेवा उपलब्ध है।
- जून, 2016 में पहली बार नागरिक उड्डयन नीति स्वीकृत की गई जिसका लक्ष्य नागरिक उड्डयन क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास सुनिश्चित करने वाली समेकित पारिस्थितिकी सुनिश्चित करना है।
- बिहार में पटना, गया, मुजफ्फरपुर, जोगबनी, रक्सौल, भागलपुर व बिहटा में हवाई अड्डे का निर्माण किया गया है।
- पटना में उड्डयन क्लब और ग्लाइडिंग क्लब के केंद्र हैं।
जल परिवहन (Water Transport)
- वर्तमान में बिहार में जल परिवहन का कोई विशेष महत्त्व नहीं है फिर भी निम्नलिखित दो जल मार्ग राज्य की सेवा में कार्यरत हैं-
(i) बरारीघाट – महादेवपुर -घाट (भागलपुर जाने के लिए स्टीमर सेवा),
(ii) मोकामा-बरौनी (स्टीमर सेवा) - वेसेल क्रू को ट्रेनिंग देने के लिए 14 जनवरी, 2004 से पटना में राष्ट्रीय इनलैंड नेवीगेशन संस्थान की स्थापना की गई है।
राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-1, इलाहाबाद से हल्दिया तक विस्तृत है, बिहार से होकर जाती है. राज्य में घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, तथा कोसी आदी नदियों नौकागम्य है तथा स्थानीय रूप से यातायात की सुविधाएं उपलब्ध है. दक्षिण बिहार की नदियों में सोन तथा पुनपुन नदी कुछ दूर तक नौकागम्य है. इनमें से जो नदी में जल परिवहन दूर तक संभव है.
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