साख क्या है ? इसके किन्हीं तीन प्रमुख आधारों की विवेचना कीजिए।

साख क्या है ? इसके किन्हीं तीन प्रमुख आधारों की विवेचना कीजिए।

उत्तर-साख का अर्थ होता है विश्वास अथवा भरोसा। विश्वास या भरोसा पर साख की मात्रा निर्भर करती है। इसी भिवास या साख के आधार पर व्यक्ति के ऋण लेने देने की मात्रा निर्भर करती है। साख के दो पक्ष होते हैं-ऋणदाता तथा ऋणी। किसी दिए गए समय में ऋणी रुपये, सेवाएँ या कोई वस्तु अपनी साख के आधार पर प्राप्त करता है, निर्धारित समय के बाद उतनो ही मुद्रा ब्याज सहित लौटाने का वादा करता है। साख के प्रमुख आधार निम्न है। –

(i) विश्वास- साख का मुख्य आधार विश्वास है। साख देने वाला या ऋणदाता उधार देने को तैयार होता है जब उसे विश्वास होता है कि ऋणी समय पर रुपया लौटा देगा।

(i) चरित्र-  ऋणी का चरित्र भी उसकी साख का एक महत्त्वपूर्ण आधार होता है। यदि ऋणी चरित्रवान तथा ईमानदार हैं तो उसे ऋण मिलने में दिक्कत नहीं होती।

(iii) पूँजी एवं सम्पत्ति- ऋणदाता पूँजी तथा सम्पत्ति की जमानत के आधार पर ही ऋण देता है। अतः जिस व्यक्ति के पास जितनी ही अधिक पूंजी अथवा सम्पत्ति होती है, उसे उतना ही अधिक ऋण मिल सकता है।

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