बिहार के तीन प्राकृतिक संसाधनों का नाम दें। किसी एक का बिहार में वितरण बताएँ।

बिहार के तीन प्राकृतिक संसाधनों का नाम दें। किसी एक का बिहार में वितरण बताएँ।

उत्तर- बिहार के प्राकृतिक संसाधन निम्नलिखित हैं –

(i) मिट्टी
(ii) खनिज
(iii) वन और वन्य प्राणी तथा
(iv) जल या जलशक्ति

(i)मिट्टी का वितरण – बिहार के मैदानी भाग में सर्वत्र वाहित मिट्टियाँ पायी जाती हैं। जो नदियों के द्वारा लायी गई और जमा की गई है। यहाँ इस वाहित मिट्टी को जलोढ़ मिट्टी के नाम से पुकारा जाता है। इसे कई उपवर्गों में बाँटा गया है।

(क) तराई या दलदली क्षेत्र की जलोढ़ मिट्टी-इसका वितरण सबसे उत्तर में 5 से 10 किलोमीटर चौड़ी पट्टी में मिलता है। हिमालय की तराई होने, घनी वर्षा होने और घने पेड़-पौधों से भरा होने के कारण इस क्षेत्र में बहुत अधिक नमी बनी रहती है। इस मिट्टी में चूने का अंश कम होता है। रंग गाढ़ा भूरा होता है, यह बहुत उपजाऊ नहीं होती है। इसमें धान, जूट, गन्ना, आम और लीची की खेती की जाती है।

(ख) बाँगर या पुरानी जलोढ़ मिट्टी-इसका वितरण गंडक नदी के पूर्वी और पश्चिमी दोनों क्षेत्र में पाया जाता है। इस मिट्टी में चूना-कंकड़ अधिक मिलता है। मिट्टी का रंग भूरा और कालिमा लिए हुए होता है। यह गन्ने की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इसमें मकई, जौ, गेहूँ का भी खेती की जाती है।

(ग) खादर या नई जलोढ़ मिट्टी-इसका वितरण बूढ़ी गंडक के पूरब में है। यह दोमट मिट्टी है। यह क्षेत्र बाढ़ग्रस्त रहा करता है। इसमें जूट की खेती की जाती है। इसके पश्चिमी भाग में गन्ने की खेती की जाती है। धान की भी अच्छी खेती की जाती है।

(घ) गंगा के दक्षिण मैदान की केवाल मिट्टी- यहाँ पश्चिमी भाग में बाँगर मिट्टी मिलती है। पूर्व के निम्न भागों में ताल जैसे बड़हिया का ताल मिलता है, जो दलहन की पैदावार के लिए विख्यात है। यही मिट्टी दोमट और केवाल किस्म की है।

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