बिहार राज्य गरीबी के कचक्र का शिकार है। कैसे ?

बिहार राज्य गरीबी के कचक्र का शिकार है। कैसे ?

उत्तर- देश में निर्धनता अनपात के ताजा आँकडों के अनसार जो योजना आयोग ने मार्च 2009 में जारी किए हैं। इन आँकडों के अनुसार बिहार पूर शर सर्वाधिक गरीब राज्य है। यहाँ 14.4% आबादी गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करती है। बिहार राज्य के प्रति-व्यक्ति आय परे देश भर में न्यूनतम है, जिसक चलत बचत निम्न-स्तर पर है। कम बचत के कारण पूँजी निर्माण दर कम होता है जिसक परिणामस्वरूप बिहार में प्रति व्यक्ति आय पनः निम्न स्तर पर कायम रहती है। ठीक इसके विपरीत भारत के विकसित राज्यों जैसे गोवा, दिल्ली आदि में जहाँ प्रति-व्यक्ति आय ऊँचा है, बचत एवं विनियोग अधिक है तथा पूँजी निर्माण दर ऊँचा है, जिसके परिणामस्वरूप हर प्रति-व्यक्ति आय में वृद्धि हो जाती है। सामान्यतः हम जानते हैं कि गरीबी, गरीबी को जन्म देती है। इसी कथन को प्रसिद्ध अर्थशास्त्री रैगनर नर्क्स (Ragnar Nurkse) ने गरीबी के कुचक्र के रूप में व्यक्त किया है। जिसका सार यह है कि गरीब इसलिए गरीब है कि उनमें गरीबी है। गरीबी के कारण उनकी आय कम होती है, अशिक्षा एवं अज्ञानता के कारण बच्चों की जन्म संख्या अधिक होती है। फलतः उनकी अगली पीढ़ी अधिक गरीब हो जाती है, गरीबी का यह कुचक्र चलता रहता है।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *