भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभावों का वर्णन करें।
भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभावों का वर्णन करें।
उत्तर- वैश्वीकरण का अर्थ राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का विश्व की अर्थव्यवस्था से जुड़ना है। भारतीय कृषि भी 1991 के बाद से इस वैश्वीकरण की नीति से प्रभावित हुई है। विश्व बाजार की मांग के अनुरूप भारतीय किसान फसलों की खता कर विश्व बाजार में प्रवेश करने में सक्षम हो रहा हैं। भारतीय कृषि में कई उल्लेखनीय एवं सकारात्मक परिवर्तन आने लगे हैं। इनमें कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं।-
(i) महिन्द्रा एंड महिंद्रा ग्रुप अपनी मुक्त सेवा प्रारंभ कर छोटे किसानों को बड़ी कंपनियों से जोड़ने का काम कर रहा है।
(ii) पेरिस्क कंपनी पंजाब विश्वविद्यालय के साथ मिलकर राज्य में निर्यात के लिए उत्तम किस्म के टमाटर एवं आलू उत्पादन की योजनाओं पर कार्य कर रही है।
(iii) कई देशी एवं विदेशी निजी कंपनियाँ कपि एवं इसके उत्पादों के विक्रय एवं व्यापार से सक्रिय हो गई है। जैसे—रिलायंस कंपनी।
(iv) विश्व बैंक की सहायता से चार क्षेत्रों के 7 राज्यों में प्रशिक्षण एव कृषि प्रबंधन संस्थाएँ खोली गई हैं।
(v) देश में चावल और गेहँ के साथ ही साथ अन्य कई उत्पादों को बढ़ाने के लिए कार्यक्रम खोली गई हैं।