भारतीय लोकतंत्र की दो चुनौतियों का वर्णन करें।
भारतीय लोकतंत्र की दो चुनौतियों का वर्णन करें।
उत्तर :- भारतीय लोकतंत्र के समक्ष दो महत्त्वपूर्ण चुनौतियाँ हैं- लोकतंत्र के विस्तार की चुनौती एवं लोकतंत्र को सशक्त बनाने की चुनौती। लोकतंत्र के विस्तार की चुनौती का अर्थ ही होता है कि सत्ता में साझेदारी को विस्तृत बनाया जाए। इसी उद्देश्य से विकेंद्रीकरण के सिद्धांत को गले लगाया जाता है। सरकार की सत्ता को कई स्तरों पर बाँट दिया जाता हैं—केंद्र, राज्य तथा स्थानीय प्रशासनिक इकाइयाँ। सभी स्तर की संस्थाओं को लोकतांत्रिक बनाने की आवश्यकता है। भारतीय लोकतंत्र के सामने विकेंद्रीकरण के सिद्धांत को सफल बनाने की चुनौती है। साथ ही, सत्ता में साझेदारी को विस्तृत बनाने के लिए वंश, लिंग, जाति, धर्म, संप्रदाय, भाषा, स्थान आदि के आधार पर भेदभाव मिटाने की चुनौती है। इसके लिए भारत में अनेक प्रयास किए गए हैं। पंचायती राज की स्थापना की गई है। लोगों की दिलचस्पी शासन कार्य में पैदा की जा रही है। सत्ता में साझेदारी को विस्तृत करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को तैंतीस प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। बिहार की पंचायती राज की संस्थाओं में इस आरक्षण का प्रतिशत 50 कर दिया गया है।