भारत में अत्यधिक पशुधन होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में इसका योगदान लगभग नगण्य है। स्पष्ट करें।

भारत में अत्यधिक पशुधन होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में इसका योगदान लगभग नगण्य है। स्पष्ट करें।

उत्तर ⇒ पशुपालन के मामले में भारत को विश्व में अग्रणी माना जाता है। परंतु इतने पशुधन के बावजूद अर्थव्यवस्था में इसका योगदान लगभग नगण्य है। इसके निम्न कारण हैं भारत में स्थायी चरागाह की बहुत कमी है। मात्र 4% भूमि पर चरागाह बचा है। वह भी धीरे-धीरे खेती में बदलता जा रहा है। इससे पशुपालन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। पशुओं के लिए चारा की समस्या हमेशा बनी रहती है। भारत के जिन भागों में पशुओं की संख्या अधिक मिलती है वह क्षेत्र प्राकृतिक आपदा से प्रभावित रहता है। इससे पशुओं का चारा उपलब्ध होने में कठिनाई होती है। चारे की कमी का सीधा प्रभाव दुग्ध उत्पादन पर पड़ता है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुधन का योगदान बहुत कम हो पाता है।
भारत में पशओं के उत्तम नस्ल और उन्हें पालने के वैज्ञानिक तरीके का भी अभाव देखने को मिलता है। हालाँकि इस दिशा में सरकारी स्तर पर कई प्रयास किए गये हैं, कुछ सफलता मिली है। परंतु जितना इस दिशा में कार्य करना चाहिए उतना नहीं हो पाया है।
अतएव उत्तम नस्ल के पशुओं का अभाव, चारा का अभाव, बीमार पड़ने पर इलाज का अभाव, रख रखाव आदि में कमी, पशुपालन की वैज्ञानिक तकनीक की कमी के कारण दुग्ध उत्पादन कम हो पाता है और पशुधन अधिक होने पर भी इसका भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान नगण्य है।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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