भारत में सूती वस्त्र उद्योग का विकास लिखें।

भारत में सूती वस्त्र उद्योग का विकास लिखें।

उत्तर ⇒ भारत में कुटीर उद्योग के पतन के बाद देशी एवं विदेशी पूँजी लगाकर वस्त्र उद्योग की कई फैक्ट्रियाँ खोली गयी। 1851 में बंबई में सर्वप्रथम सूती कपड़े की मिल खोली गई। 1854 में पहला वस्त्र उद्योग का कारखाना कावसजी नानाजी दाभार ने खोला। सन् 1854 से 1880 तक 30 कारखानों का निर्माण हुआ। 1880 से 1895 तक सूती कपड़ों के मिलों की संख्या 39 से भी अधिक हो गई। इस समय सस्ते मशीनों को आयात करके भारत में सूती वस्त्र उद्योग को बहुत बढ़ाया गया 1895 से 1914 तक के बीच सूती मिलों की संख्या 144 तक पहुँच गयी थी और भारतीय सूती धागे का निर्यात चीन को होने लगा।

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