मध्यांक का क्या अर्थ है ?
मध्यांक का क्या अर्थ है ?
उत्तर- मध्यांक – यदि हमें मूल आँकड़ों की केन्द्रीय प्रवृत्ति के बारे में जानकारी प्राप्त करनी हो तथा इसके लिए हमें मध्यमान या मध्यमान की गणना आदि की सहायता भी न लेनी पड़े तो हम यह कार्य मध्यांक से कर सकते हैं। मध्यांक की गणना के लिए हमें दिए गए आँकड़ों को जोड़ने की आवश्यकता नहीं होती है बल्कि आँकड़ों को ‘आरोही क्रम (Increasing Order) या अवरोही क्रम (Decreasing Order) में लगाकर आँकड़ों के मध्य में आने वाला अंक ही उन आँकड़ों का मध्यांक कहलाता है ।
मध्यांक का अर्थ एवं परिभाषाएँ—मध्यांक को माध्यिका भी कहते हैं। मध्यांक या माध्यिका का संकेत चिह्न (Symbol) होता है। यह वस्तुतः केन्द्रीय प्रवृत्ति की स्थानीय माप है। स्थानीय से अभिप्राय किसी स्थान के आंकिक मूल्य से है।
मध्यांक की स्थिति किसी क्रमबद्ध आंकिक शृंखला में ऐसी होती है कि उस बिन्दु के ऊपर तथा नीचे अंकों की संख्या समान होती अर्थात् मध्यांक किसी भी आंकिक श्रृंखला को दो बराबर भागों में विभाजित करता है। अतः यह उन व्यवस्थित अंकों को दो भागों में बाँट देता है। मध्यांक को निम्नांकित शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है-
मध्यांक किसी आरोही अथवा अवरोही रूप में व्यवस्थित आंकिक श्रृंखला का वह स्थानीय मूल्य है जिसके ऊपर तथा नीचे आंकिक शृंखला के आधे-आधे अंक रहते हैं।
एच. ई. गैरट के अनुसार, “जब अव्यवस्थित अंक या अन्य माप क्रम में व्यवस्थित हों तो मध्य का अंक मध्यांक कहलाता है। ” गिलफोर्ड के अनुसार, “मापन के किसी पैमाने पर मध्यांक एक ऐसा बिन्दु है जिसके निश्चित आधे अंक उस बिन्दु से ऊपर तथा निश्चित आधे अंक उस बिन्दु से नीचे आते हैं।”
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