मनष्य के उत्सर्जी तंत्र का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर ⇒ वृक्क एवं इसके अनेक सहायक अंग मनुष्य के उत्सर्जी तंत्र कहते हैं वृक्क उत्सर्जन तंत्र का प्रमुख अंग है जो केवल उत्सर्जी![वायवीय श्वसन (ऑक्सी श्वसन)—इस प्रकार के श्वसन में अधिकांश प्राणी ऑक्सीजन का उपयोग करके](https://www.cktarget.com/wp-content/uploads/2021/06/%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%B5%E0%A5%80%E0%A4%AF-%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A4%A8-%E0%A4%91%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A5%80-%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A4%A8-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A4%A8-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%B6-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A3%E0%A5%80-%E0%A4%91%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%9C%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%89%E0%A4%AA%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97-%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%87-1.jpg)
पदार्थों को उपयोग पदार्थों से छानकर अलग कर देता है । वृक्क भूरे रंग का, सेम के बीज के आकारकी संरचनाएँ हैं, जो कि उदरगुहा में कशेरूक दंड के बायाँ वृक्क धमनी दोनों तरफ होती है। प्रत्येक वृक्क लगभग 10 सेमी लंबा, 6 सेमी चौड़ा और 2.5 सेमी० बायाँ वृक्क मोटा होता है । यकृत की वजह बायीं वृक्क शिरा से दायाँ वृक्क का बाहरी महाधमनी किनारा उभरा हुआ होता है बायीं जबकि भीतरी किनारा सा महाशिरा मूत्रवाहिनी होता है जिसे हाइलम कहते हैं और इसमें से मूत्र नलिका निकलती है। मूल नलिका जाकर एक पेशीय थैले जैसी (शिश्न में) संरचना में खुलती है जिसे मूत्राशय कहते हैं।
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