माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रंण को पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है ?

माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रंण को पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है ?

उत्तर⇒मैथुन के समय शुक्राणु योनि मार्ग में स्थापित होते हैं वहाँ से अंडकोशिका में मिलने के बाद निषेचित अंड गर्भाशय में स्थापित हो जाता है तथा विभाजित होने लगता है। गर्भाशय की आंतरिक परत मोटी हो जाती है तथा भ्रूण पोषण हेतु रुधिर प्रवाह भी बढ़ जाता है। भ्रूण को माँ के रुधिर से ही पोषण मिलता है, इसके लिए एक विशेष संरचना होती है, जिसे प्लेसेंटा कहते हैं। यह एक तश्तरीनुमा संरचना है जो गर्भाशय की भित्ति में धंसी होती है। इसमें भ्रूण की ओर क ऊतक में प्रवर्ध होते हैं। माँ के ऊतकों में रक्त स्थान होते हैं जो प्रवर्ध को आच्छादित करते हैं। यह माँ से भ्रूण को ग्लूकोज, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थों के
स्थानांतरण हेतु एक वृहद क्षेत्र प्रदान करते हैं। विकासशील भ्रूण द्वारा अपशिष्ट पदार्थ उत्पन्न होते हैं जिनका निपटान उन्हें प्लेसेंटा के माध्यम से माँ के रुधिर में स्थानांतरण द्वारा होता है। इस तरह से माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण प्राप्त होता है।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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