मानव में बच्चे का लिंग निर्धारण कैसे होता है ?

मानव में बच्चे का लिंग निर्धारण कैसे होता है ?

उत्तर ⇒ मानव के सभी गुणसूत्र पूर्णरूपेण युग्म नहीं होते । मानव में अधिकतर गुणसूत्र माता और पिता के गुणसूत्रों के प्रतिरूप होते हैं । इनकी संख्या 22 जोड़े हैं । परंतु एक युग्म जिसे लिंग सूत्र कहते हैं वह पूर्ण जोड़े में नहीं होते । स्त्री में गुणसूत्र का पूर्ण युग्म होता है तथा दोनों ‘X’ कहलाते हैं। लेकिन पुरुष (नर) में यह जोड़ा परिपूर्ण जोड़ा नहीं होता, जिसमें एक गुणसूत्र सामान्य आकार का ‘X’ होता है तथा दूसरा गुणसूत्र छोटा होता है जिसे ‘Y’ गुणसूत्र कहते हैं । अतः स्त्रियों में XX’ तथा पुरुष में ‘XY’ गुणसूत्र होते हैं।

मानव में बच्चे का लिंग निर्धारण कैसे होता है

चित्र : मानव में लिंग निर्धारण

इसमें सामान्यत: आधे बच्चे लड़के एवं आधे लड़की हो सकते हैं । सभी बच्चे * चाहे वह लड़का हो अथवा लड़की, अपनी माता से ‘X’ गुणसूत्र प्राप्त करते हैं। अतः बच्चों का लिंग निर्धारण इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें अपने पिता से किस प्रकार का गुणसूत्र प्राप्त हुआ है। जिसे अपने पिता से ‘X’ गुणसूत्र वंशानुगत हुआ है वह लड़की एवं जिसे पिता से ‘Y’ गुणसूत्र वंशानुगत होता है वह लड़का होता है।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *