राजनीतिक दलों को ‘लोकतंत्र का प्राण’ क्यों कहा जाता है ?
राजनीतिक दलों को ‘लोकतंत्र का प्राण’ क्यों कहा जाता है ?
उत्तर :- लोकतंत्र में सरकार जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा चलाए जाते हैं। ये प्रतिनिधि किसी न किसी राजनीतिक दल के सदस्य होते हैं। जनता भी किसी न किसी राजनैतिक दल के ऊपर विश्वास करती है और उनकी नीतियों का समर्थन करती है।चुनाव के दौरान यही राजनैतिक दल के सदस्यगण चुनाव लड़ते हैं, चयनित होते हैं और बहुमत प्राप्ति के बाद सरकार का गठन करते हैं। यदि जिन दलों को बहुमत की प्राप्ति नहीं होती वह विपक्ष के रूप में जनता के हित में आवाज उठाते हैं। यदि राजनीतिक दल न हो तब जनतंत्र के अंतर्गत प्रतिनिधि सरकार का निमाण ही संभव नहीं। उनकी समस्याओं को सुनने वाला भी कोई नहीं होगा। अत: हम कह सकते हैं कि राजनीतिक दल लोकतंत्र का प्राण है।